पटनाः बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha ) दे त्याग पत्र दे चुके हैं. वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर वे पटना लौट चुके हैं. मदन मोहन झा ने बताया कि पार्टी ने उनका त्याग पत्र नामंजूर कर दिया है. इसी बीच नये कांग्रेस अध्यक्ष के नामों पर राजेश राम, शकील अहम सहिता कई नेताओं का नाम चर्चा में (Many leaders In Race Congress State President) है. वहीं राजनीति विश्लषकों ने अनुसार पार्टी अध्यक्ष पद के लिए जाति का कार्ड खेलेगी. ब्राह्मण कार्ड खेल कर असफल रही है. अब दलित कार्ड खेल सकती है.
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प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के बाद कांग्रेस में नए अध्यक्ष पद के दावेदारों की लंबी सूची है. मुख्य रूप से कांग्रेस के विधायक राजेश राम, कांग्रेस के विधायक शकील अहमद, विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा और विधान पार्षद समीर कुमार सिंह का नाम प्रबल दावेदार के रूप में चर्चा में है. वैसे रंजीता रंजन के साथ-साथ अखिलेश सिंह के नाम की भी चर्चा की जा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली दौरा से लौटने के बाद साफ साफ कहा कि सबकुछ आलाकमान के हाथ में है क्योंकि मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है. हम बहुत पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. आलाकमान जो निर्णय लेगा निश्चित तौर पर वही बिहार का अध्यक्ष होगा.
राजमनीतिक विश्लेषक वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र कुमार बिहार हो या उत्तर प्रदेश सभी जगह जब अध्यक्ष के नाम पर चर्चा होती है तो कांग्रेस के डिक्शनरी में सिर्फ आलाकमान ही है. और आलाकमान जो चाहता है वही होता है, जिसे चाहता है वह अध्यक्ष बनाता है. कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि बिहार में मदन मोहन झा को बहुत दिनों तक मौका मिला और अब जो हालात से कहीं न कहीं हमें लगता है कि कांग्रेस फिर से एक बार दलित कार्ड खेलने वाला है. किसी दलित के हाथ में ही बिहार का कमान सौंपने की तैयारी आलाकमान कर रहा है. यानी कुल मिलाकर प्रबल दावेदार के रूप में कुटुंबा के विधायक राजेश राम दौर में सवसे आगे हैं.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा के अनुसार पार्टी बंद हो चुका है. कांग्रेस कुछ भी करें बिहार में कांग्रेस पूरी तरह से डूब चुकी है और कांग्रेस कभी भी अब बिहार के राजनीति के मुख्यधारा में नहीं आ सकती है मदन मोहन झा भी अध्यक्ष रहे पूरे कार्यकाल में वह कमेटी गठन नहीं कर पाए तो फिर क्या फायदा है कांग्रेस को नए अध्यक्ष बनाने से यहां आलाकमान ही चाहता है कि सिर्फ नाम की पार्टी हो तो यहां के नेता के कुछ करने से क्या फायदा है वैसे भी जनता कांग्रेस को नकार चुकी है.
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