पटना: राज्य के होम्योपैथ कॉलेज का कायाकल्प किया जा रहा है. ₹200 करोड़ से अधिक की लागत से मुजफ्फरपुर में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (Homeopathic medical college rejuvenating in Muzaffarpur) तैयार किया जा रहा है. उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने राज्य आयुष मेडिकल एसोसिएशन की ओर से आयोजित डॉक्टर वीरेंद्र शर्मा मेमोरियल साइंटिफिक सेमिनार में कही. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष दर्पण स्मारिका का भी विमोचन किया. कार्यक्रम में प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद रहे. इस मौके पर कई होम्योपैथ डॉक्टरों को उनके योगदान के लिए दोनों मंत्रियों ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया.
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मुजफ्फरपुर में होम्योपैथिक कॉलेज का कायाकल्प: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Bihar Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि राज्य के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित होम्योपैथ कॉलेज को बेहतर कर नया स्वरूप दिया जा रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कॉलेज के विकास के लिए कैबिनेट में 200 करोड़ से अधिक की स्वीकृति दी है. आने वाले समय में यह जल्द ही नये स्वरूप में दिखेगा.
''हमारा मकसद है कि होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति को विकसित कर आम लोगों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाया जाए. हमारे समाज में आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति का विश्वास इस पद्धति के प्रति इसलिए अधिक है क्योंकि उन्हें कम पैसों में चिकित्सकीय लाभ मिल जाता है. इसलिए इस पद्धति के विकास के प्रति सरकार और स्वास्थ्य विभाग संवेदनशील है.''- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
आयुष चिकित्सा को किया जा रहा सुदृढ़: मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अलग से आयुष मंत्रालय का गठन कर इस चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने का काम किया है. बिहार में भी स्वास्थ्य विभाग ने 2018 में आयुष मिशन का गठन किया और उसके बाद से आयुष चिकित्सा को और सुदृढ़ किया जा रहा है. आयुष पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए बिहार सरकार तेजी से कार्य कर रही है. राज्य में आयुष चिकित्सकों की कमी को दूर किया जा रहा है.
3270 आयुष चिकित्सकों की बहाली: अगले कुछ महीनों में 3270 आयुष चिकित्सकों की बहाली की प्रक्रिया पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. आयुष चिकित्सकों के विकास के लिए विभाग सतत प्रयास जारी है. कोरोना संक्रमण के दौर में भी आयुष चिकित्सकों ने उल्लेखनीय कार्य किया है और यह प्रशंसनीय है. इसका परिणाम हुआ कि कोरोना को भगाने में हम सफल हो सके हैं. उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सकों ने जो कुछ भी मांगी रखी हैं उस पर वह हर संभव अपना प्रयास करेंगे.
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