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मानसून के समय बढ़ सकते हैं ब्लैक और व्हाइट फंगस के मामले, बचाव के लिए किन बातों का रखना है ख्याल, डॉक्टर से जानिए

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Published : Jun 2, 2021, 10:42 PM IST

कोरोना काल में फंगस बीमारियों के मामले जिस तरह से सामने आए हैं, उसने डॉक्टरों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. दरअसल, बिहार में आने वाले दिनों में मानसून दस्तक देने को है, ऐसे में इस मौसम में फंगल बीमारियों के बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में आपको इस दौरान क्या करना चाहिए और किस तरह से खुद को सुरक्षित रखना चाहिए, इस बारे में ईटीवी भारत ने पीएमसीएच के सर्जरी विभाग के डॉक्टर डॉ. कुंदन सुमन से खास बात की...

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डॉक्टर डॉ कुंदन सुमन

पटनाः कोरोना संक्रमण के काल में बिहार में ब्लैक फंगस ने भी बड़ी तेजी से अपने पैर पसारे हैं. वहीं मौसम में हो रहे बदलाव ने डॉक्टरों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. दरअसल, मानसून दस्तक देने को है और मानसून में प्रायः फंगल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में कोरोना के काल में ब्लैक फंगस के मामले जिस संख्या में सामने आएं हैं, उस हिसाब से मानसून में इसके मामलों में तेजी आने की बात कही जा रही है. ऐसे में घर के आस-पास मानसून के समय में फंगस वाली बीमारियों से बचने के लिए किस तरह के उपाए और एहतियात बरतने चाहिए, इसे लेकर ईटीवी भारत ने पीएमसीएच के सर्जरी विभाग के डॉक्टर डॉ कुंदन सुमन से खास बात की है.

इसे भी पढ़ेंः बिहार: वैक्सीनेशन से कंट्रोल हुआ कोरोना केस, लॉकडाउन और 'इलाज के अनुभवों' से घटा संक्रमण

फंगस के मामले बढ़ने के हैं कई कारण
पीएमसीएच के सर्जरी विभाग के डॉक्टर डॉ कुंदन सुमन ने इस बारे में बताया कि अभी के समय कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और अन्य फंगस के मामले काफी सामने आने लगे हैं. ऐसा नहीं है कि पहले लोगों को फंगल बीमारियां नहीं होती थीं. जिन लोगों का इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है, उन्हें पहले भी फंगस की बीमारियां होती थी और आज भी हो रही हैं. मगर कोरोना पैंडेमिक के समय में फंगस की बीमारियां बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने को लेकर वे तीन-चार फैक्टर्स देखते हैं.

1. पहला यह है कि लोग मास्क का तो प्रयोग कर रहे हैं, मगर मास्क के साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं. एक मास्क को बिना धोए और बिना धूप में सुखाए लोग कई दिनों तक पहन रहे हैं. ऐसे मे मास्क के ऊपर म्वायस्ट जम जा रहा है और म्वायस्ट जमने के कारण उस पर फंगस का ग्रोथ हो जा रहा है. ऐसे में जब लोग सांस ले रहे हैं तो फंगस के नाक में जाने का खतरा बढ़ जा रहा है.

2. दूसरा कारण यह है कि घर पर जो लोग कोरोना का इलाज करा रहे हैं. वह बिना चिकित्सीय परामर्श के ही कई स्टेरॉयड वाली दवाइयों का सेवन शुरू कर दे रहे हैं. जिससे इम्यूनिटी का लेवल कम हो जा रहा है. इम्यूनिटी लेवल कम होने पर फंगल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

3. इसके साथ ही तीसरा बड़ा कारण है कि कोरोना समय में लोग नियमित जांच की प्रक्रिया को लेकर लापरवाह हो गए हैं. लोग ब्लड शुगर की भी नियमित जांच नहीं करा रहे और ब्लड शुगर अधिक बढ़ जाने के कारण भी शरीर का इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है और फंगस की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है.

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खुद को कैसे बचाएं

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
डॉ कुंदन सुमन ने बताया कि ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आस-पास साफ-सफाई रखनी होगी. कोरोना मरीज के आस-पास म्वायस्चर के कंडीशन को उत्पन्न नहीं होने देना है. जहां म्वायस्चर होगा, वहां फंगस ग्रो करेगा इससे फंगल बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा. कोरोना मरीज और जो लोग कोरोना से हाल में ही ठीक हुए हैं, उन्हें साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना है.

डॉ कुंदन ने बताया कि एक कपड़ा ज्यादा दिन नहीं पहन कर रहना चाहिए और बॉडी को साफ रखना चाहिए. साथ ही साफ-सुथरे कपड़े पहने हैं. कोरोना मरीज जो लोग घर पर इलाज करा रहे हैं, वे बिना चिकित्सीय परामर्श के स्टेरॉयड का सेवन नहीं करें. जो लोग ब्लड शुगर के पेशेंट हैं, वह नियमित अपना शुगर जांच कराते रहें और शुगर को कंट्रोल करके रखें.

देखे वीडियो

बिना परामर्श के न लें कोई दवा
डॉ कुंदन सुमन ने कहा कि अभी आयुर्वेद की एक कोरोनील दवा चल रही है जिसे लोग बिना परामर्श के ही अत्यधिक सेवन कर रहे हैं. जबकि इस दवा में गिलोय प्रचुर मात्रा में है जो खुद में एक स्टेरॉयड है. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस से बचना है तो बिना चिकित्सीय परामर्श के कोई भी दवा ना लें और अपने आसपास साफ सफाई रखें और म्वायस्ट कंडीशन उत्पन्न ना होने दें ताकि फंगल बीमारियां ग्रो न करने कर सकें.

पटनाः कोरोना संक्रमण के काल में बिहार में ब्लैक फंगस ने भी बड़ी तेजी से अपने पैर पसारे हैं. वहीं मौसम में हो रहे बदलाव ने डॉक्टरों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. दरअसल, मानसून दस्तक देने को है और मानसून में प्रायः फंगल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में कोरोना के काल में ब्लैक फंगस के मामले जिस संख्या में सामने आएं हैं, उस हिसाब से मानसून में इसके मामलों में तेजी आने की बात कही जा रही है. ऐसे में घर के आस-पास मानसून के समय में फंगस वाली बीमारियों से बचने के लिए किस तरह के उपाए और एहतियात बरतने चाहिए, इसे लेकर ईटीवी भारत ने पीएमसीएच के सर्जरी विभाग के डॉक्टर डॉ कुंदन सुमन से खास बात की है.

इसे भी पढ़ेंः बिहार: वैक्सीनेशन से कंट्रोल हुआ कोरोना केस, लॉकडाउन और 'इलाज के अनुभवों' से घटा संक्रमण

फंगस के मामले बढ़ने के हैं कई कारण
पीएमसीएच के सर्जरी विभाग के डॉक्टर डॉ कुंदन सुमन ने इस बारे में बताया कि अभी के समय कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और अन्य फंगस के मामले काफी सामने आने लगे हैं. ऐसा नहीं है कि पहले लोगों को फंगल बीमारियां नहीं होती थीं. जिन लोगों का इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है, उन्हें पहले भी फंगस की बीमारियां होती थी और आज भी हो रही हैं. मगर कोरोना पैंडेमिक के समय में फंगस की बीमारियां बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने को लेकर वे तीन-चार फैक्टर्स देखते हैं.

1. पहला यह है कि लोग मास्क का तो प्रयोग कर रहे हैं, मगर मास्क के साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं. एक मास्क को बिना धोए और बिना धूप में सुखाए लोग कई दिनों तक पहन रहे हैं. ऐसे मे मास्क के ऊपर म्वायस्ट जम जा रहा है और म्वायस्ट जमने के कारण उस पर फंगस का ग्रोथ हो जा रहा है. ऐसे में जब लोग सांस ले रहे हैं तो फंगस के नाक में जाने का खतरा बढ़ जा रहा है.

2. दूसरा कारण यह है कि घर पर जो लोग कोरोना का इलाज करा रहे हैं. वह बिना चिकित्सीय परामर्श के ही कई स्टेरॉयड वाली दवाइयों का सेवन शुरू कर दे रहे हैं. जिससे इम्यूनिटी का लेवल कम हो जा रहा है. इम्यूनिटी लेवल कम होने पर फंगल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

3. इसके साथ ही तीसरा बड़ा कारण है कि कोरोना समय में लोग नियमित जांच की प्रक्रिया को लेकर लापरवाह हो गए हैं. लोग ब्लड शुगर की भी नियमित जांच नहीं करा रहे और ब्लड शुगर अधिक बढ़ जाने के कारण भी शरीर का इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है और फंगस की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है.

patna
खुद को कैसे बचाएं

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
डॉ कुंदन सुमन ने बताया कि ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आस-पास साफ-सफाई रखनी होगी. कोरोना मरीज के आस-पास म्वायस्चर के कंडीशन को उत्पन्न नहीं होने देना है. जहां म्वायस्चर होगा, वहां फंगस ग्रो करेगा इससे फंगल बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा. कोरोना मरीज और जो लोग कोरोना से हाल में ही ठीक हुए हैं, उन्हें साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना है.

डॉ कुंदन ने बताया कि एक कपड़ा ज्यादा दिन नहीं पहन कर रहना चाहिए और बॉडी को साफ रखना चाहिए. साथ ही साफ-सुथरे कपड़े पहने हैं. कोरोना मरीज जो लोग घर पर इलाज करा रहे हैं, वे बिना चिकित्सीय परामर्श के स्टेरॉयड का सेवन नहीं करें. जो लोग ब्लड शुगर के पेशेंट हैं, वह नियमित अपना शुगर जांच कराते रहें और शुगर को कंट्रोल करके रखें.

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बिना परामर्श के न लें कोई दवा
डॉ कुंदन सुमन ने कहा कि अभी आयुर्वेद की एक कोरोनील दवा चल रही है जिसे लोग बिना परामर्श के ही अत्यधिक सेवन कर रहे हैं. जबकि इस दवा में गिलोय प्रचुर मात्रा में है जो खुद में एक स्टेरॉयड है. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस से बचना है तो बिना चिकित्सीय परामर्श के कोई भी दवा ना लें और अपने आसपास साफ सफाई रखें और म्वायस्ट कंडीशन उत्पन्न ना होने दें ताकि फंगल बीमारियां ग्रो न करने कर सकें.

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