पटना/किशनगंज: पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि एनडीए में उनका दम घुटता (Manjhi feeling suffocated in NDA) है. मांझी इस बात से नाराज हैं कि एनडीए गठबंधन में उनकी नहीं सुनी जा रही है. इतना ही नहीं मांझी ने आगे कहा कि 'साल 2015 में मुख्यमंत्री बनने के एक साल से भी कम समय में पद छोड़ने का उन्हें मलाल है.'
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किशनगंज में एक दिवसीय हम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (HAM National Executive meeting in Kishanganj) को संबोधित करते हुए हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा बिहार में 24 सीटों पर एमएलसी चुनाव हुए उस दौरान भी हमें नहीं पूछा गया. उप चुनाव के दौरान भी हमसे बात नहीं की गई. मांझी ने आगे कहा कि 'अगर हमारे पास 10 विधायक और होते तो वो नीतीश कुमार से हर काम करवा लेते.'
''मेरे पास केवल चार विधायक हैं, अगर चारों विधायकों को हटा भी दिया जाए तो भी नीतीश सरकार के पास दो अतिरिक्त विधायक मौजूद हैं. यदि हमारे पास अगर दस विधायकों की संख्या होती तो वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हर काम करवा लेते.'' - जीतन राम मांझी, अध्यक्ष. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा
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2014 में मांझी बने थे मुख्यमंत्री : दरअसल, 2014 में हम प्रमुख जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचाने का मौका, नीतीश कुमार के जरिए मिला था. साल 2014 के लोक सभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था. लेकिन एक साल के अंदर ही उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. इसके बाद मांझी कभी लालू यादव और कभी एनडीए के साथ अपनी राजनीतिक पारी खेलते रहे हैं. ऐसे में अब जब बिहार में एमएलसी चुनाव हैं, तो वह अपने चार विधायकों की ताकत से मोल भाव करना चाहते हैं.
किशनगंज में हम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी : बता दें कि रविवार को हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की एक दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक किशनगंज में चल रही थी. उसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं. इसके अलावा भी जीतनराम मांझी ने खुलकर मीडिया के सामने कई मुद्दों पर बेबाक टिप्पणी की. उन्होंने नीतीश को पीएम मैटेरियल बताया, लेकिन चुटकी लेते हुए कहा कि भले ही नीतीश सर्वगुण संपन्न हैं तो क्या हुआ, सर्वगुण होने के बावजूद भी सबकुछ हासिल नहीं हो पाता.
'पीएम मैटेरियल हैं नीतीश कुमार': जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त है. जब से नीतीश कुमार ने सत्ता संभाला है तब से बिहार में हिंदू मुसलमान दंगा नहीं हुआ, न ही जातीय हिंसा हुई. नीतीश की तारीफ के साथ ही मांझी ने लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासन में बिहार में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा होती थी पर अब स्थिति बिल्कुल बदल गई है.
'शराबबंदी में सिर्फ फंसाने का हो रहा खेल': इसी दौरान उन्होंने शराबबंदी पर भी अपनी राय रखी. जीतनराम मांझी ने साफ साफ कहा कि 'आज की शराबबंदी में सिर्फ फंसाने का खेल चल रहा है. किसी को फंसाना है तो उसके घर में शराब की बोतलें रखवाकर आरोप मढ़ दो और जेल में ढूंस दो. इसके अनुपालन में बहुत गड़बड़ियां हैं.' मांझी से पत्रकारों ने जब पूछा कि बिहार में शराबबंदी सफल है कि नहीं तो उन्होंने गोल गोल जवाब देकर जागरूकता की कमी पर नाकामी का ठप्पा लगा दिया.
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