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उमेश कुशवाहा का राजद पर हमला, कहा- सरकार से अलग होने के बाद शराबबंदी पर कर रहे अनाप-शनाप बयानबाजी - पटना न्यूज

बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को लेकर राजद समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार सरकार पर हमलावर हैं. यहां तक एनडीए के घटक दल भी शराबबंदी कानून को लेकर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. इधर, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने एक बयान जारी कर विपक्ष को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने राजद की जमकर आलोचना की. पढ़ें पूरी खबर.

JDU Umesh Kushwaha
JDU Umesh Kushwaha
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Published : Jan 19, 2022, 8:53 PM IST

पटना: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने एक बयान जारी कर विपक्ष को आड़े हाथों (JDU Umesh Kushwaha attacks RJD) लिया है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि 1 अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को लाया गया था. तब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी. राजद महागठबंधन का हिस्सेदार था. तब राजद और जदयू की सहमति से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी लेकिन सरकार से अलग होने के बाद से राजद नेता अनाप-शनाप बयानबाजी (RJD over prohibition law) करते रहे हैं. विधानमंडल के दोनों सदनों में पक्ष और विपक्ष की सहमति के बाद कानून बनाया गया और सर्वसम्मति से बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को लागू किया गया था.

उन्होंने कहा कि ऐसे में विपक्ष को इसपर सवाल उठाने का कोई अधिकार नही है. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मेरा सवाल है कि उनको इस पर अपना पक्ष स्पष्ट रखना चाहिए लेकिन वे मौन धारण किए हुए हैं. जिससे लगता है कि तेजस्वी यादव सच्चाई से आंख चुरा रहे हैं. यदि विरोध ही करना था तो तेजस्वी और उनकी पार्टी को उसी समय विरोध करना चाहिए था. उस समय तेजस्वी यादव बिहार में डिप्टी सीएम के पद पर विराजमान थे. उस समय तेजस्वी यादव ने सरकार का साथ दिया और बिहार में शराबबंदी कानून को लागू किया गया.

मेरा मानना है कि अपने माता-पिता की तरह प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी सत्ता के लोभी हैं और कुर्सी की चाहत में उन्होंने शराबबंदी कानून का समर्थन किया था. पुनः कुर्सी के लिए ही शराबबंदी कानून का विरोध कर रहे हैं. जग जाहिर है कि जन आकांक्षा को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को जनहित में लागू किया और इस कानून को जब धरातल पर उतारने के लिए लगातार प्रयास चल रहा है तो विपक्षी नेताओं के द्वारा इसे गलत बताया जा रहा है. जबकि बिहार के प्रबुद्ध लोगों, महिलाओं और युवाओं समेत समाज का सभी वर्ग बिहार में लागू की गई शराब बंदी कानून का समर्थन कर रहा है. सरकार उसी के बल पर बिहार में शराबबंदी कानून को सशक्त बनाने में लगी है.

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बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने से जनता को बड़ी राहत मिली. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के लिए ही शराबबंदी कानून को लेकर अपने फैसले पर अटल हैं. आंकड़े गवाह हैं कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आई और इससे लाखों लोगों के जीवन को बचाने में सफलता मिली है. वहीं शराबबंदी कानून से बिहार की हजारों हजार महिलाएं जो प्रताड़ना झेल रही थीं उन्हें भी राहत मिली. उनके घर के पुरुष सदस्य द्वारा शराब में पैसे गावां देने से हजारों हजार घर आर्थिक तंगी में चले गए थे. शराब बंदी कानून से वैसे हजारों हजार लोगों के घर में खुशियां लौट आई हैं. उनका जीवन अब खुशहाली से गुजर रहा है.

इतना ही नहीं, शराबबंदी कानून से आपराधिक मामलों में भी भारी कमी आई है. इससे जनता को राहत मिली है. अपराधियों पर नकेल कसने में प्रशासन को सफलता मिली है. इस बात से सभी अवगत हैं कि पूर्व की लालू राबड़ी सरकार में जब शराब बंदी कानून नहीं थी तो किस तरह से सड़कों पर शराब पीकर हंगामा किया जाता था और घरों से महिलाओं का निकलना मुश्किल था. जब बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू किया गया, ऐसे मामलों में काफी कमी आयी है.

वहीं, दूसरी तरफ जनहित में लागू की गई शराबबंदी कानून का मखौल उड़ाने में विपक्ष के लोग लगे हैं. बिहार में शराब माफिया पर नकेल कसने के लिए प्रशासन लगातार कड़ी कार्रवाई कर रहा है. इससे विपक्षी दलों के नेता बौखलाए हुए हैं. इससे साफ हो गया है कि विपक्षी दलों के नेता जनहित विरोधी हैं. इसी कारण शराबबंदी कानून का विरोध किया जा रहा है. सरकार जन हितैषी है और इसी कारण समाज के सभी वर्गों का सहयोग लेकर मुख्यमंत्री ने शराबबंदी कानून को लागू किया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी के तहत बिहार में समाज सुधार अभियान कार्यक्रम चलाया. इसके जरिए लोगों को सामाजिक बुराई से दूर रहने की अपील की गई. जन जागरुकता अभियान चलाया गया है. इसका साफ अर्थ यह है कि सरकार जनहित के साथ है जबकि विपक्ष जनहित विरोधी है वरना शराबबंदी कानून को विपक्ष के द्वारा गलत नहीं बताया जाता. यही कारण है कि विपक्षी दलों के नेता जनता से दूर होते जा रहे हैं और जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा कर चल रही है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री बिहार में चौथी बार सरकार बनाने में सफल हुए और आगे आने वाला जो चुनाव है, उसमें भी हमें पूरी सफलता मिलेगी.

ये भी पढ़ें: बिहार विधान परिषद चुनाव: NDA और महागठबंधन में टिकट पर पेंच फंसा, उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ाएंगे बागी!

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पटना: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने एक बयान जारी कर विपक्ष को आड़े हाथों (JDU Umesh Kushwaha attacks RJD) लिया है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि 1 अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को लाया गया था. तब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी. राजद महागठबंधन का हिस्सेदार था. तब राजद और जदयू की सहमति से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी लेकिन सरकार से अलग होने के बाद से राजद नेता अनाप-शनाप बयानबाजी (RJD over prohibition law) करते रहे हैं. विधानमंडल के दोनों सदनों में पक्ष और विपक्ष की सहमति के बाद कानून बनाया गया और सर्वसम्मति से बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को लागू किया गया था.

उन्होंने कहा कि ऐसे में विपक्ष को इसपर सवाल उठाने का कोई अधिकार नही है. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मेरा सवाल है कि उनको इस पर अपना पक्ष स्पष्ट रखना चाहिए लेकिन वे मौन धारण किए हुए हैं. जिससे लगता है कि तेजस्वी यादव सच्चाई से आंख चुरा रहे हैं. यदि विरोध ही करना था तो तेजस्वी और उनकी पार्टी को उसी समय विरोध करना चाहिए था. उस समय तेजस्वी यादव बिहार में डिप्टी सीएम के पद पर विराजमान थे. उस समय तेजस्वी यादव ने सरकार का साथ दिया और बिहार में शराबबंदी कानून को लागू किया गया.

मेरा मानना है कि अपने माता-पिता की तरह प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी सत्ता के लोभी हैं और कुर्सी की चाहत में उन्होंने शराबबंदी कानून का समर्थन किया था. पुनः कुर्सी के लिए ही शराबबंदी कानून का विरोध कर रहे हैं. जग जाहिर है कि जन आकांक्षा को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को जनहित में लागू किया और इस कानून को जब धरातल पर उतारने के लिए लगातार प्रयास चल रहा है तो विपक्षी नेताओं के द्वारा इसे गलत बताया जा रहा है. जबकि बिहार के प्रबुद्ध लोगों, महिलाओं और युवाओं समेत समाज का सभी वर्ग बिहार में लागू की गई शराब बंदी कानून का समर्थन कर रहा है. सरकार उसी के बल पर बिहार में शराबबंदी कानून को सशक्त बनाने में लगी है.

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बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने से जनता को बड़ी राहत मिली. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के लिए ही शराबबंदी कानून को लेकर अपने फैसले पर अटल हैं. आंकड़े गवाह हैं कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आई और इससे लाखों लोगों के जीवन को बचाने में सफलता मिली है. वहीं शराबबंदी कानून से बिहार की हजारों हजार महिलाएं जो प्रताड़ना झेल रही थीं उन्हें भी राहत मिली. उनके घर के पुरुष सदस्य द्वारा शराब में पैसे गावां देने से हजारों हजार घर आर्थिक तंगी में चले गए थे. शराब बंदी कानून से वैसे हजारों हजार लोगों के घर में खुशियां लौट आई हैं. उनका जीवन अब खुशहाली से गुजर रहा है.

इतना ही नहीं, शराबबंदी कानून से आपराधिक मामलों में भी भारी कमी आई है. इससे जनता को राहत मिली है. अपराधियों पर नकेल कसने में प्रशासन को सफलता मिली है. इस बात से सभी अवगत हैं कि पूर्व की लालू राबड़ी सरकार में जब शराब बंदी कानून नहीं थी तो किस तरह से सड़कों पर शराब पीकर हंगामा किया जाता था और घरों से महिलाओं का निकलना मुश्किल था. जब बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू किया गया, ऐसे मामलों में काफी कमी आयी है.

वहीं, दूसरी तरफ जनहित में लागू की गई शराबबंदी कानून का मखौल उड़ाने में विपक्ष के लोग लगे हैं. बिहार में शराब माफिया पर नकेल कसने के लिए प्रशासन लगातार कड़ी कार्रवाई कर रहा है. इससे विपक्षी दलों के नेता बौखलाए हुए हैं. इससे साफ हो गया है कि विपक्षी दलों के नेता जनहित विरोधी हैं. इसी कारण शराबबंदी कानून का विरोध किया जा रहा है. सरकार जन हितैषी है और इसी कारण समाज के सभी वर्गों का सहयोग लेकर मुख्यमंत्री ने शराबबंदी कानून को लागू किया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी के तहत बिहार में समाज सुधार अभियान कार्यक्रम चलाया. इसके जरिए लोगों को सामाजिक बुराई से दूर रहने की अपील की गई. जन जागरुकता अभियान चलाया गया है. इसका साफ अर्थ यह है कि सरकार जनहित के साथ है जबकि विपक्ष जनहित विरोधी है वरना शराबबंदी कानून को विपक्ष के द्वारा गलत नहीं बताया जाता. यही कारण है कि विपक्षी दलों के नेता जनता से दूर होते जा रहे हैं और जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा कर चल रही है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री बिहार में चौथी बार सरकार बनाने में सफल हुए और आगे आने वाला जो चुनाव है, उसमें भी हमें पूरी सफलता मिलेगी.

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