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शराबबंदी पर तेजस्वी ने CM नीतीश से पूछे 15 सवाल, JDU का पलटवार, कहा- हमें आइना ना दिखाएं RJD - RJD counterattack to questions asked to Nitish

बिहार में जहरीली शराब से मौत मामले में सियासत जारी है. तेजस्वी यादव सीएम नीतीश ने 15 सवाल पूछे हैं. जिसके बाद जदयू ने राजद पर पलटवार करते हुए कहा कि वे हमें आइना ना दिखाएं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Nov 7, 2021, 4:19 PM IST

पटना: पूर्ण शराबबंदी के बाद भी बिहार में लगातार जहरीली शराब से हो रही मौत पर सियासत शुरु हो गई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने नीतीश कुमार से 15 सवालों का जवाब मांगा है. अब राजद नेता की ओर से दागे गए 15 सवालों पर जेडीयू (JDU) ने पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला है. जदयू ने कहा कि तेजस्वी यादव हमें आइना ना दिखाएं, शराब मामले में पकड़े गए कई लोग RJD के हैं.

ये भी पढ़ें : शराबबंदी की समीक्षा पर विपक्ष को मिला BJP प्रदेश अध्यक्ष का साथ, RJD ने नीतीश सरकार को ठहराया जिम्मेदार

जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि जहरीली शराब मामले में दोषियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के समीक्षा के सवाल पर जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा मुख्यमंत्री संकल्प वाले व्यक्ति हैं, उन्होंने कई फैसला लिया है. इसलिए कौन क्या बोलता है, उसका कोई मतलब नहीं है. मुख्यमंत्री ने 16 नवंबर को विस्तृत समीक्षा की बात की है. जिसके बाद सरकार बड़ा फैसला लेगी.

देखें वीडियो



'तेजस्वी यादव आइना ना दिखाएं शराब मामले में पकड़े गए लोगों में आरजेडी के कई पद धारक हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने तो अब तक 2020 विधानसभा चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा तक आयोग को नहीं दिया है. जब सब पार्टियों ने खर्च का ब्योरा दे दिया तो आरजेडी क्यों बच रही है.' :- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

बता दें कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. इसके बाद भी राज्य में लगातार जहरीली शराब (Poisonous Liquor Case) के मामले सामने आ रहे हैं. जहरीली शराब से मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते तीन से चार दिनों में राज्य में 40 से ज्यादा लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. इन मौतों के बाद पूर्ण शराबबंदी कानून और बिहार पुलिस पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : ये भी पढ़ें- बिहार में जहरीली शराब से मौत का मामला: 72 घंटे में 39 की मौत, 3 गिरफ्तारी

पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद से अब तक करीब 125 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. साल 2021 में लगभग 90 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि, शराब के जुड़े मामलों की पुष्टि नहीं हो पा रही है. विपक्ष को फिलहाल बड़ा मुद्दा मिल गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री 16 नवंबर को विस्तृत समीक्षा भी करने वाले हैं. देखना है कि इस पूरे मामले में सरकार की तरफ से क्या कुछ कदम उठाया जाता है.

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

पटना: पूर्ण शराबबंदी के बाद भी बिहार में लगातार जहरीली शराब से हो रही मौत पर सियासत शुरु हो गई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने नीतीश कुमार से 15 सवालों का जवाब मांगा है. अब राजद नेता की ओर से दागे गए 15 सवालों पर जेडीयू (JDU) ने पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला है. जदयू ने कहा कि तेजस्वी यादव हमें आइना ना दिखाएं, शराब मामले में पकड़े गए कई लोग RJD के हैं.

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जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि जहरीली शराब मामले में दोषियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के समीक्षा के सवाल पर जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा मुख्यमंत्री संकल्प वाले व्यक्ति हैं, उन्होंने कई फैसला लिया है. इसलिए कौन क्या बोलता है, उसका कोई मतलब नहीं है. मुख्यमंत्री ने 16 नवंबर को विस्तृत समीक्षा की बात की है. जिसके बाद सरकार बड़ा फैसला लेगी.

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'तेजस्वी यादव आइना ना दिखाएं शराब मामले में पकड़े गए लोगों में आरजेडी के कई पद धारक हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने तो अब तक 2020 विधानसभा चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा तक आयोग को नहीं दिया है. जब सब पार्टियों ने खर्च का ब्योरा दे दिया तो आरजेडी क्यों बच रही है.' :- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

बता दें कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. इसके बाद भी राज्य में लगातार जहरीली शराब (Poisonous Liquor Case) के मामले सामने आ रहे हैं. जहरीली शराब से मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते तीन से चार दिनों में राज्य में 40 से ज्यादा लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. इन मौतों के बाद पूर्ण शराबबंदी कानून और बिहार पुलिस पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं.

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पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद से अब तक करीब 125 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. साल 2021 में लगभग 90 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि, शराब के जुड़े मामलों की पुष्टि नहीं हो पा रही है. विपक्ष को फिलहाल बड़ा मुद्दा मिल गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री 16 नवंबर को विस्तृत समीक्षा भी करने वाले हैं. देखना है कि इस पूरे मामले में सरकार की तरफ से क्या कुछ कदम उठाया जाता है.

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

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