नई दिल्ली/पटना: बुधवार को दिल्ली में जेडीयू सांसदों की बैठक (Meeting of All JDU MP in Delhi) हुई. सांसद महाबली सिंह के सरकारी आवास पर आयोजित इस मीटिंग में पार्टी के तमाम लोकसभा और राज्यसभा सांसद शामिल हुए. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh), केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, दुलाल चंद्र गोस्वामी, चंदेश्वर चंद्रवंशी, कौशलेंद्र कुमार सहित पार्टी के सभी सांसद मौजूद थे.
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सूत्रों के अनुसार बैठक में यूपी, पंजाब, मणिपुर समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई. दिल्ली में अगले साल एमसीडी चुनाव होना है. उस पर जेडीयू कितने सीटों पर लड़ेगी उस पर मंथन हुआ. जेडीयू की कोशिश यही रहेगी कि मणिपुर और यूपी में बीजेपी के साथ गठबंधन में रहकर चुनाव लड़े. बीजेपी से गठबंधन नहीं होगा तो नीतीश मॉडल के सहारे यूपी और मणिपुर में चुनाव जेडीयू अकेले लड़ सकती है.
वहीं जेडीयू लगातार केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग (Demand to Give Special Status to Bihar) कर रही है. नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को गरीब, पिछड़ा हुआ राज्य दिखाया गया है. उसके बाद से मांग तेज हो गई है, लेकिन बीजेपी की तरफ से साफ कर दिया गया है कि यूपीए के शासनकाल में ही विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया था. विशेष राज्य के दर्जे पर मोदी सरकार को किस तरह जेडीयू घेरेगी, उस पर बैठक में मंथन हुआ है.
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इसके अलावे केंद्र के इंकार के बाद बिहार में नीतीश कुमार जातीय जनगणना कब कराएंगे, उस पर भी वार्ता हुई है. पार्टी को बिहार सहित पूरे देश भर में किस तरह और मजबूत बनाया जाए, इस पर भी मंथन हुआ है. बैठक के बाद ललन सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना के पक्ष में बिहार के सभी दल हैं. नीतीश कुमार कब इसको कराएंगे, इस पर जल्द फैसला हो जाएगा.
जेडीयू अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की शुरू होने वाली बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि वे तो अव्यवस्था के प्रतीक हैं. उनके पिता लालू यादव और माता राबड़ी देवी के 15 साल के शासनकाल में बिहार में हर तरफ अव्यवस्था थी. नीतीश कुमार 16 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. तब से बिहार में कानून का राज है. उनके आने के बाद बिहार में लोक सेवा आयोग, सिपाही दरोगा बहाली की परीक्षा शुरू हुई. नीतीश के शासन काल में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है. ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी पहले यह बताएं कि उनके माता-पिता के शासनकाल में कितने लोगों को सरकारी नौकरियां मिली, कितना रोजगार बिहार में युवाओं को दिया गया.
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