पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव गुरुवार को पटना में एक और दावत-ए-इफ्तार पार्टी में मुलाकात कर सकते हैं. इस बार दावत-ए-इफ्तार पार्टी का आयोजन बिहार की जेडीयू अल्पसंख्यक शाखा के अध्यक्ष सलीम परवेज (Salim Parvej Organize iftar party) कर रहे हैं. इफ्तार में लालू परिवार (JDU Invited Tejashwi Yadav in Iftar) समेत सभी बड़े नेताओं को न्योता भेजा गया है. अगर इफ्तार में लालू परिवार शामिल हुआ तो एक बार फिर उनका और नीतीश कुमार का आमना-सामना होगा.
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"हमने व्यक्तिगत रूप से सीएम नीतीश कुमार को इफ्तार पार्टी के लिए आमंत्रित किया है और उन्होंने हमारा निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. इसके अलावा, मैंने पूर्व सीएम राबड़ी देवी, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह, भाजपा, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले), एआईएमआईएम, हम और वीआईपी के नेताओं को भी निमंत्रण भेजा है. मुझे उम्मीद है कि सभी नेता इफ्तार पार्टी में आएंगे. इफ्तार पार्टी का स्थान पटना हज भवन है. इफ्तार राज्य में सामाजिक सद्भाव के लिए आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है. हमें अपने राज्य और देश के लोगों को एक कड़ा संदेश देना होगा कि बिहार में राजनीतिक नेता समाज में सामाजिक सद्भाव को सुरक्षित रखने के लिए एकजुट हैं." - सलीम परवेज, अध्यक्ष, जेडीयू अल्पसंख्यक शाखा
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JDU के इफ्तार में RJD को न्योता : ऐसा ही एक कार्यक्रम अप्रैल में राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित किया गया था, जब नीतीश कुमार सहित सभी राजनीतिक दलों के नेता इफ्तार पार्टी के लिए वहां गए थे. हालांकि, उस अवसर पर, आरजेडी के साथ नीतीश कुमार के बदलते राजनीतिक समीकरण की अटकलों से राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई थी. अगर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव कम समय में फिर से सांस्कृतिक कार्यक्रम में आमने सामने होंगे, तो यह दोनों पार्टियों के लिए सकारात्मक संकेत होगा.
बिहार के मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों का मानना है कि वह बिहार में 'सांप्रदायिक अशांति पैदा करने' से बचने के लिए भाजपा को कड़ा संदेश देना चाहते हैं. इसलिए, वह तेजस्वी यादव और आरजेडी के साथ घनिष्ठता दिखा रहे हैं. इससे पहले नीतीश कुमार ने भी दावत-ए-इफ्तार पार्टी दी थी, लेकिन तेजस्वी और राबड़ी देवी ने शिरकत नहीं की थी. हालांकि, 22 अप्रैल को दावत-ए-इफ्तार के लिए नीतीश कुमार के राबड़ी देवी के आवास पर जाने के बाद जेडीयू और आरजेडी के बीच संबंधों में सुधार हुआ है.
RJD से नजदीकी, BJP से दूरी! : दरअसल, पिछली बार 2017 में जब नीतीश कुमार इफ्तार में शामिल हुए थे, तब बिहार में सरकार बदल गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक दांव के लिए जाने जाते हैं. राजनीतिक अस्थिरता के दौर में जिस गर्मजोशी से नीतीश कुमार लालू परिवार से मिले उससे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. जगदीशपुर में आयोजित विजयोत्सव कार्यक्रम से नीतीश कुमार की दूरी देखने को मिली, लेकिन एयरपोर्ट पर गृह मंत्री अमित शाह से जरूर मिले. इस बीच नीतीश के इफ्तार में आरजेडी के नेताओं और लालू परिवार को आमंत्रित किए जाने से एक बार फिर सियासी पारा चढ़ने की पूरी उम्मीद जतायी जा रही है.
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