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देश के 'प्रधान' से बिहार के लिए 'विशेष दर्जे' की मांग, सोशल मीडिया पर JDU का बड़ा अभियान

नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (Demand of Special Status) देने की मांग उठाने लगे हैं. इसे लेकर अब जेडीयू के नेता भी मुखर होकर पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार के स्टैंड को सोशल मीडिया पर पुरजोर तरीके से रखने की कोशिश में लगे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

सोशल मीडिया पर जेडीयू का बड़ा अभियान
सोशल मीडिया पर जेडीयू का बड़ा अभियान
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Published : Dec 19, 2021, 8:19 PM IST

पटना: बिहार में सोशल मीडिया पर जेडीयू बड़ा अभियान (JDU campaign on Social Media) चला रही है. विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर खूब सियासत हो रही है, क्योंकि नीति आयोग ने बिहार को फिसड्डी राज्य बताया है. सहयोगी पार्टी बीजेपी का साथ नहीं मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री केंद्र से मुखर होकर विशेष राज्य की मांग कर रहे हैं. पार्टी के लोग सोशल मीडिया पर 'देश के प्रधान, बिहार पर दें ध्यान' स्लोगन भी चला रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना और स्पेशल स्टेटस पर NDA में तकरार, क्या बीजेपी की घेराबंदी करने में जुटे हैं CM नीतीश!

इसके अलावा शराबबंदी को लेकर सहयोगी दलों के नेताओं की बयानबाजी के बाद भी मुखर होकर जेडीयू के नेता पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार के स्टैंड को सोशल मीडिया पर पुरजोर तरीके से रखने की कोशिश में लगे हैं.

बिहार की सियासत सोशल मीडिया पर भी दिख रही है, विशेष राज्य का दर्जा हो या फिर जातीय जनगणना और शराबबंदी का मुद्दा इन बड़े मुद्दों पर बिहार की सियासत घूम रही है और जेडीयू अपने सहयोगी दलों बीजेपी और हम के नेताओं से परेशान है. नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report) के बाद विपक्ष पहले से हमलावर है. ऐसे में जेडीयू ने अपने स्टैंड को लेकर सोशल मीडिया को बड़ा माध्यम बनाया है. सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से संवाद के लिए पार्टी के प्रवक्ताओं को लगाया गया है.

ये भी पढ़ें- नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद जदयू ने अलापा विशेष राज्य के दर्जा का राग, भाजपा ने दिखाया आईना

पार्टी के प्रवक्ता चाहे विशेष राज्य का मुद्दा हो या फिर बिहार में हो रहे विकास कार्य और शराबबंदी को लेकर पूरे प्रयास इन सबको अपने-अपने तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर करने में लगे हैं. पार्टी की ओर से विशेष तौर पर ग्राफ भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

सोशल मीडिया पर जेडीयू का बड़ा अभियान

''हमने इसके लिए कोई एजेंसी को हायर नहीं किया है. हम अपने कार्यकर्ता के बल पर ही हमारी सरकार ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो काम किया है और हमारे सामने जो चुनौतियां हैं, उसे सक्रियता से सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं. हम लोगों का किसी से कोई मुकाबला नहीं है. हम लोग जो कहते हैं वह कर के दिखाते हैं.''- नीरज कुमार मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू

ये भी पढ़ें- 'विशेष पैकेज का हिसाब दें नीतीश कुमार, उसके बाद करें विशेष राज्य के दर्जे की मांग'

जदयू के विधान पार्षद और नीतीश कुमार के नजदीकी संजय गांधी का कहना है कि आजकल सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है और लोगों से संवाद करने का सबसे बेहतर माध्यम बन गया है, इसलिए पार्टी इसका इस्तेमाल कर रही है.

''जेडीयू की स्थिति सांप छछूंदर वाली हो गई है. ना निगलते बन रहा है ना उगलते बन रहा है. जब नीति आयोग ने नीतीश कुमार के 15 साल की उपलब्धि बता दी है. हर चीज में बिहार फिसड्डी आ रहा है, तब विशेष राज्य की याद आई है. लेकिन, बीजेपी ने भी अपना स्टैंड बता दिया है. उससे जेडीयू पूरी तरह से बेनकाब हो गई है और जनता अब कुछ भी सुनने वाली नहीं है.''- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

ये भी पढ़ें- नीति आयोग की रिपोर्ट पर CM नीतीश ने फिर उठाई 'विशेष दर्जे' की मांग, कह दी बड़ी बात

मुख्यमंत्री की यात्रा से लेकर सरकार के विकास योजनाओं को भी जेडीयू अपने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार का बड़ा हथियार बनाने में लगी है. पार्टी पहले भी सोशल मीडिया पर एक्टिव थी, लेकिन जिस प्रकार से सक्रियता हाल के दिनों में बढ़ी है, उसका बड़ा कारण खास कर आयोग की रिपोर्ट और बीजेपी का स्टैंड माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी नेताओं का कहना है कि हर पार्टी को सोशल मीडिया पर अपनी बात कहने का अधिकार है, इसमें गलत कुछ भी नहीं है.

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पटना: बिहार में सोशल मीडिया पर जेडीयू बड़ा अभियान (JDU campaign on Social Media) चला रही है. विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर खूब सियासत हो रही है, क्योंकि नीति आयोग ने बिहार को फिसड्डी राज्य बताया है. सहयोगी पार्टी बीजेपी का साथ नहीं मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री केंद्र से मुखर होकर विशेष राज्य की मांग कर रहे हैं. पार्टी के लोग सोशल मीडिया पर 'देश के प्रधान, बिहार पर दें ध्यान' स्लोगन भी चला रहे हैं.

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इसके अलावा शराबबंदी को लेकर सहयोगी दलों के नेताओं की बयानबाजी के बाद भी मुखर होकर जेडीयू के नेता पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार के स्टैंड को सोशल मीडिया पर पुरजोर तरीके से रखने की कोशिश में लगे हैं.

बिहार की सियासत सोशल मीडिया पर भी दिख रही है, विशेष राज्य का दर्जा हो या फिर जातीय जनगणना और शराबबंदी का मुद्दा इन बड़े मुद्दों पर बिहार की सियासत घूम रही है और जेडीयू अपने सहयोगी दलों बीजेपी और हम के नेताओं से परेशान है. नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report) के बाद विपक्ष पहले से हमलावर है. ऐसे में जेडीयू ने अपने स्टैंड को लेकर सोशल मीडिया को बड़ा माध्यम बनाया है. सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से संवाद के लिए पार्टी के प्रवक्ताओं को लगाया गया है.

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पार्टी के प्रवक्ता चाहे विशेष राज्य का मुद्दा हो या फिर बिहार में हो रहे विकास कार्य और शराबबंदी को लेकर पूरे प्रयास इन सबको अपने-अपने तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर करने में लगे हैं. पार्टी की ओर से विशेष तौर पर ग्राफ भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

सोशल मीडिया पर जेडीयू का बड़ा अभियान

''हमने इसके लिए कोई एजेंसी को हायर नहीं किया है. हम अपने कार्यकर्ता के बल पर ही हमारी सरकार ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो काम किया है और हमारे सामने जो चुनौतियां हैं, उसे सक्रियता से सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं. हम लोगों का किसी से कोई मुकाबला नहीं है. हम लोग जो कहते हैं वह कर के दिखाते हैं.''- नीरज कुमार मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू

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जदयू के विधान पार्षद और नीतीश कुमार के नजदीकी संजय गांधी का कहना है कि आजकल सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है और लोगों से संवाद करने का सबसे बेहतर माध्यम बन गया है, इसलिए पार्टी इसका इस्तेमाल कर रही है.

''जेडीयू की स्थिति सांप छछूंदर वाली हो गई है. ना निगलते बन रहा है ना उगलते बन रहा है. जब नीति आयोग ने नीतीश कुमार के 15 साल की उपलब्धि बता दी है. हर चीज में बिहार फिसड्डी आ रहा है, तब विशेष राज्य की याद आई है. लेकिन, बीजेपी ने भी अपना स्टैंड बता दिया है. उससे जेडीयू पूरी तरह से बेनकाब हो गई है और जनता अब कुछ भी सुनने वाली नहीं है.''- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

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मुख्यमंत्री की यात्रा से लेकर सरकार के विकास योजनाओं को भी जेडीयू अपने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार का बड़ा हथियार बनाने में लगी है. पार्टी पहले भी सोशल मीडिया पर एक्टिव थी, लेकिन जिस प्रकार से सक्रियता हाल के दिनों में बढ़ी है, उसका बड़ा कारण खास कर आयोग की रिपोर्ट और बीजेपी का स्टैंड माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी नेताओं का कहना है कि हर पार्टी को सोशल मीडिया पर अपनी बात कहने का अधिकार है, इसमें गलत कुछ भी नहीं है.

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