पटनाः पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बिहार के राजनीतिक दलों ने भी भाग्य आजमाया था. जदयू और हम पार्टी की ओर से बंगाल चुनाव को लेकर लंबे-चौड़े दावे भी किए गए थे. अब चुनाव परिणाम आने के बाद दोनों दलों की काफी छीछालेदर हुई है. बंगाल विधानसभा चुनाव में खाता खोलना तो दूर की बात है, उनके प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाये.
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जदयू ने 60 से अधिक सीटों पर लड़ने का किया था दावा
बंगाल चुनाव में बिहार के क्षेत्रीय दलों जनता दल यूनाइटेड और हम पार्टी ने अपनी पूरी ताकत से लगाई थी. दोनों दलों की ओर से लंबे-चौड़े दावे किए गए थे. जदयू ने 60 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारने का दावा किया था तो हम पार्टी में 26 सीटों पर प्रत्याशी देने की तैयारी की थी.
बता दें कि जनता दल यूनाइटेड को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने की कोशिश लंबे समय से की जा रही है. उसने कई राज्यों में चुनाव लड़ चुकी है. इस बार पश्चिम बंगाल में भी इस मिशन के तहत पार्टी ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. लेकिन पार्टी के साथ यहां खेल हो गया.
वहां कई सीटों पर पार्टी को प्रत्याशी नहीं मिले और जहां उम्मीदवार मैदान में उतरे वहां उनकी जमानत भी नहीं बची. उन्हें जो वोट हासिल हुए उससे पार्टी नेताओं के दावों की पोल खुल गई है. बंगाल में जदयू को मात्र 0.02 प्रतिशत वोट मिला है.
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एक नजर जदयू के प्रत्याशियों को मिले वोट पर
चौरंगी सीट से अनिल सिंह को 81 वोट, हावड़ा दक्षिण से अमित घोष को 654 वोट, रानीगंज से राजकुमार पासवान को 1609 वोट, नलहटी से अमरजीत को 984 वोट, चाकुलिया से कामाख्या सरकार को 954 वोट, दमदम से संजीवन हजारा को 915 वोट, इंग्लिश बाजार से उमा दास को 275 वोट, इंटाली से नुरुल हुदा को 137 वोट, हावड़ा मध्य से अनामिका सिंह को 545 वोट, जमुरिया से गौरीशंकर बनर्जी को 1484 वोट, कोलकाता पोर्ट से मंजय राय को 175 वोट और कुमारग्राम से कलावती को 1399 वोट मिले.
वहीं, हम पार्टी की बात करें तो उसके आधे दर्जन से कम सीटों के लिए उम्मीदवार मिले थे. इनमें हावड़ा उत्तर से अशोक कुमार वर्मा को 251 वोट मिले, नवदा से वसीम अकरम को 893 वोट और रेजिनगर विधानसभा सीट से हंसनूरजमान को 506 वोट मिले.
हम पार्टी ने स्वीकारी हार
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में हम दमखम से लड़े. लेकिन वहां की जनता ने हमारी पार्टी को समर्थन नहीं दिया.
आगे भी हम कोशिश करेंगे. वहीं भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बिहार के किसी दल का अता-पता नहीं था. वह तो ऐसे ही मैदान में दिखाई देने के लिए लड़ रहे थे. वहां तो लड़ाई ममता बनर्जी और भाजपा के बीच थी.