पटना: राजद (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष पद से जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. जानकारी के अनुसार जगदानंद सिंह ने शारीरिक अस्वस्थता का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है. हालांकि जब इस मुद्दे पर जगदानंद से पूछा गया तो वह सवाल को टालते नजर आए.
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बताया जा रहा है कि वे इस संबंध में जगदानंद सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को सूचना भी दे दी है. कहा जा रहा है कि आलोक मेहता अब इस पद पर काबिज होंगे. बता दें कि रामचंद्र पूर्वे की जगह पर जगदानंद सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष बने थे.
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हालांकि इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने जब जगदानंद सिंह से बातचीत करने की कोशिश की तो वे मीडिया के सामने रहकर भी खुलकर कुछ बोल नहीं पाए. इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने गोल मटोल जवाब दिया. वहीं तेजप्रताप यादव के द्वारा रजत जयंती समारोह के अवसर पर की गई टिप्पणी के सवाल को भी उन्होंने टाल दिया और तेजप्रताप यादव से पूछ लेने की बात कही.
जगदानंद सिंह के इस्तीफे की खबर पर खुद जगदानंद सिंह भले की कुछ न बोले हों, लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है, और सवालों से बचने की कोशिश की है, वह अपने-आप में एक बड़ा सवाल है.
यहां यह बताना भी जरूरी है कि तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) गाहे-बगाहे जगदानंद सिंह पर आक्रमण करते दिखाई पड़ते हैं. कुछ दिन पहले हुए राजद के रजत जयंती समारोह में भी उन्होंने इशारों-ही-इशारों में जगदानंद सिंह पर हमला बोला था. तेजप्रताप ने कहा था कि लगता है कि जगदानंद अंकल हम पर गुस्साये हुए हैं. इसलिए मेरी बातों पर हाथ उठाकर समर्थन नहीं करते हैं.
इसी साल 13 फरवरी को तेज प्रताप यादव ने कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह जैसे लोगों की वजह से हमारे पिताजी लालू प्रसाद यादव की आज ये स्थिति है. उस वक्त लालू यादव जेल की सजा काट रहे थे. तेज प्रताप ने कहा था कि जगदानंद सिंह सरीखे लोग पार्टी का नुकसान कर रहे हैं.
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दरअसल, तेज प्रताप यादव आरजेडी दफ्तर पहुंचे थे और करीब 10 मिनट तक रहे थे. तेज प्रताप यादव को ये नागवार गुजरा कि उनके स्वागत में जगदानंद सिंह बाहर नहीं आए. ना ही उनके चेंबर में जाकर उनसे मुलाकात की. इस दौरान तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को खूब खरी-खोटी भी सुनाई थी. मीडिया कर्मियों के साथ जगदानंद सिंह के दरवाजे तक गए और कहा कि उनसे जाकर पूछिए कि हमसे मिलने क्यों नहीं आए और विधायक का स्वागत क्यों नहीं किया. हालांकि उस वक्त दिल्ली से आते ही तेजस्वी यादव ने डैमेज कंट्रोल किया था.