पटना: देश के विभिन्न मजदूर संगठन और किसान संगठन ने अपनी 12 सूत्री मांगों के मद्देनजर 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. मजदूर संगठन ने मौजूदा केंद्र सरकार पर श्रमिक विरोधी होने का आरोप लगाया. ट्रेड यूनियन ने यह भी दावा किया है कि इस हड़ताल में उनके साथ 25 करोड़ से ज्यादा मजदूर हैं, और उस दिन पूरे देश में वे चक्का जाम करेंगे.
'बंद का होगा व्यापक असर'
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चक्रधर प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार में भी उस दिन बंद का व्यापक असर रहेगा. लगातार महंगाई से लोग परेशान हैं. गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई से किसान त्रस्त हैं. सरकार की नीति का विरोध करने के लिए हम सब एकजुट हुए हैं, और उस दिन आम हड़ताल का फैसला किया है. इस हड़ताल की सफलता के लिए देश के सभी राज्यों में चल रहे उद्योगों में सरकार के खिलाफ हड़ताल को सफल करने का निर्णय लिया गया है. हम चाहते हैं कि सरकार हमारी 12 सूत्री मांगों को माने न्यूनतम मजदूरी फिक्स करें.
8 जनवरी के भारत बंद में किसान संगठन भी शामिल
इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार श्रमिकों, मजदूरों और किसानों की उपेक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए बनाए गए कानूनों में भी भारी फेरबदल किए गए हैं. इससे देश के मजदूर परेशान हैं. किसानों की समस्या जस की तस है. इसलिए 8 जनवरी के भारत बंद में हमारे साथ कई किसान संगठन भी शामिल हैं.