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INTUC ने 12 सूत्री मांगों को लेकर 8 जनवरी को बुलाई राष्ट्रव्यापी हड़ताल

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चक्रधर प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार में भी उस दिन बंद का व्यापक असर रहेगा. जिस तरह लगातार महंगाई से लोग परेशान हैं. गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई से किसान परेशान हैं. सरकार की नीति का विरोध करने के लिए हम सब एकजुट हुए हैं.

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Published : Jan 6, 2020, 5:31 PM IST

पटना: देश के विभिन्न मजदूर संगठन और किसान संगठन ने अपनी 12 सूत्री मांगों के मद्देनजर 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. मजदूर संगठन ने मौजूदा केंद्र सरकार पर श्रमिक विरोधी होने का आरोप लगाया. ट्रेड यूनियन ने यह भी दावा किया है कि इस हड़ताल में उनके साथ 25 करोड़ से ज्यादा मजदूर हैं, और उस दिन पूरे देश में वे चक्का जाम करेंगे.

'बंद का होगा व्यापक असर'
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चक्रधर प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार में भी उस दिन बंद का व्यापक असर रहेगा. लगातार महंगाई से लोग परेशान हैं. गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई से किसान त्रस्त हैं. सरकार की नीति का विरोध करने के लिए हम सब एकजुट हुए हैं, और उस दिन आम हड़ताल का फैसला किया है. इस हड़ताल की सफलता के लिए देश के सभी राज्यों में चल रहे उद्योगों में सरकार के खिलाफ हड़ताल को सफल करने का निर्णय लिया गया है. हम चाहते हैं कि सरकार हमारी 12 सूत्री मांगों को माने न्यूनतम मजदूरी फिक्स करें.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

8 जनवरी के भारत बंद में किसान संगठन भी शामिल
इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार श्रमिकों, मजदूरों और किसानों की उपेक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए बनाए गए कानूनों में भी भारी फेरबदल किए गए हैं. इससे देश के मजदूर परेशान हैं. किसानों की समस्या जस की तस है. इसलिए 8 जनवरी के भारत बंद में हमारे साथ कई किसान संगठन भी शामिल हैं.

पटना: देश के विभिन्न मजदूर संगठन और किसान संगठन ने अपनी 12 सूत्री मांगों के मद्देनजर 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. मजदूर संगठन ने मौजूदा केंद्र सरकार पर श्रमिक विरोधी होने का आरोप लगाया. ट्रेड यूनियन ने यह भी दावा किया है कि इस हड़ताल में उनके साथ 25 करोड़ से ज्यादा मजदूर हैं, और उस दिन पूरे देश में वे चक्का जाम करेंगे.

'बंद का होगा व्यापक असर'
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चक्रधर प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार में भी उस दिन बंद का व्यापक असर रहेगा. लगातार महंगाई से लोग परेशान हैं. गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई से किसान त्रस्त हैं. सरकार की नीति का विरोध करने के लिए हम सब एकजुट हुए हैं, और उस दिन आम हड़ताल का फैसला किया है. इस हड़ताल की सफलता के लिए देश के सभी राज्यों में चल रहे उद्योगों में सरकार के खिलाफ हड़ताल को सफल करने का निर्णय लिया गया है. हम चाहते हैं कि सरकार हमारी 12 सूत्री मांगों को माने न्यूनतम मजदूरी फिक्स करें.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

8 जनवरी के भारत बंद में किसान संगठन भी शामिल
इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार श्रमिकों, मजदूरों और किसानों की उपेक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए बनाए गए कानूनों में भी भारी फेरबदल किए गए हैं. इससे देश के मजदूर परेशान हैं. किसानों की समस्या जस की तस है. इसलिए 8 जनवरी के भारत बंद में हमारे साथ कई किसान संगठन भी शामिल हैं.

Intro:एंकर अपनी 12 सूत्री मांग को लेकर देश के विभिन्न मजदूर संगठन और किसान संगठन ने 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है मजदूर संगठन का कहना है कि वर्तमान में जो केंद्र सरकार है वह श्रमिक विरोधी है ट्रेड यूनियन ने यह भी दावा किया है कि इस हड़ताल में उनके साथ 25 करोड़ से ज्यादा मजदूर है और उस दिन काम नहीं कर पूरे देश में वो लोग चक्का जाम करेंगे मजदूर संगठन अपने विभिन्न मांगों को लेकर 8 जनवरी को हड़ताल पर रहेंगे साथ ही पूरे भारत बंद करने का निर्णय संगठन ने लिया है


Body:अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चक्रधर प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार में भी उस दिन बंद का व्यापक असर रहेगा जिस तरह लगातार महंगाई से लोग परेशान हैं गरीबी बेरोजगारी महंगाई से किसान परेशान हैं निश्चित तौर पर सरकार की नीति का हम विरोध करने के लिए ही एकजुट हुए हैं और उस दिन आम हड़ताल का आह्वान किया है इस हड़ताल की सफलता के लिए पूरे देश में तमाम राज्यों में तमाम जिलों में तमाम उद्योगों में सरकार के विरुद्ध हड़ताल को सफल करने का निर्णय लिया गया है निश्चित तौर पर हम चाहते हैं कि सरकार हमारी 12 सूत्री मांगों को माने और जो न्यूनतम मजदूरी है उसको कहीं ना कहीं फिक्स किया जाए साथ ही उन्होंने कहा कि स्थाई कार्यों में लगे ठेका संविदा आउटसोर्सिंग मजदूरों की सेवा को भी नियमित किया जाए और समान काम के लिए समान मजदूरी की भी व्यवस्था हमारी प्रमुख मांगों में से एक है


Conclusion: चक्रधर प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार श्रमिक मजदूर और किसानों की उपेक्षा कर रही है उन्होंने कहा कि जो श्रमिक के लिए बनाया हुआ कानून था उसमें भी भारी फेरबदल कर रही है निश्चित तौर पर इससे देश के मजदूर परेशान हैं किसानों की समस्या जस की तस है इसेलिए 8 जनवरी के भारत बंद भी हमारे साथ कई किसान संगठन भी है और हमें उम्मीद है कि उस दिन हम भारत बंद को पूर्ण रूप से सफल कर सरकार को यह संदेश देने में सफल हो जाएंगे की पूरे भारत का मजदूर एक है और मजदूर विरोधी नीति देश मे चलनेवाला नही है बाइट चक्रधर प्रसाद सिंह रास्ट्रीय उपाध्यक्ष एटक सेंट्रल
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