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बिहटा में जख्मी हालत में मिला काला हिरण, पशु चिकित्सालय की लापरवाही से गई बेजुबान की जान

बिहटा में समय से उपचार नहीं मिलने से घायल काले हिरण की मौत (Death of Black buck in Bihta) हो गयी. पशु चिकित्सालय के खुलने का समय सुबह 8.30 बजे है लेकिन 9.30 बजे उसका ताला नहीं खुला था. इसके चलते इलाज के अभाव में हिरण की मौत हो गयी. पढ़ें पूरी खबर.

Black buck dies in Patna
Black buck dies in Patna
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Published : Apr 25, 2022, 12:46 PM IST

Updated : Apr 25, 2022, 2:31 PM IST

पटना: पटना जिले के बिहटा में उपचार के अभाव में एक हिरण की मौत हो गयी. बिहटा थाना क्षेत्र के डुमरी गांव के खेत में काला हिरण का बच्चा घायल अवस्था में ग्रामीणों को मिला था. इसके सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस प्रशासन को दी गयी. घायल हिरण को तत्काल पशु चिकित्सालय ले जाया गया लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर या कर्मी कोई मौजूद नहीं था. इसके चलते हिरण का उपचार नहीं हो सकता और उसकी मौत हो गयी.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री ने पशु आरोग्य मेला का किया उद्घाटन, बोले- 'किसानों ने खेती का तरीका बदला तो बढ़ गई उपज'

स्थानीय लोगों का कहना है कि पशु चिकित्सालय बोर्ड पर सुबह 8.30 का समय लिखा हुआ है लेकिन साढ़ें 9 बजे तक कोई नहीं पहुंचा था. किसी डॉक्टर या अन्य कर्मी के मौजूद नहीं होने के कारण घायल हिरण का इलाज नहीं हो सका और उसकी मौत हो गयी. इससे स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है. डुमरी निवासी एवं वार्ड सदस्य चुन्नू कुमार ने बताया कि डुमरी गांव के पश्चिम बधार में सुबह में एक काले हिरण को लोगों ने देखा था जो घायल अवस्था में था. उसके बाद कई बार प्रशासन और वन विभाग को फोन के जरिए सूचना दी गई लेकिन किसी ने जवाब तक नहीं दिया.

इसके बाद सभी लोग घायल हिरण को बिहटा प्रखंड के पशु चिकित्सालय ले गये लेकिन वहां पर भी डॉक्टर मौजूद नहीं था. घटना की पुष्टि करते हुए बिहटा थानाध्यक्ष ऋतुराज सिंह ने बताया की ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली कि डुमरी गांव में एक घायल हिरण को पकड़ा गया है. वह दुर्लभ प्रजाति की है. हालांकि हिरण की मौत हो चुकी है. कई बार वन विभाग को फोन के जरिए सूचना देने का प्रयास किया गया लेकिन वन विभाग की टीम ने ना ही फोन उठाया और ना ही कोई जवाब मिला. फिलहाल आगे कार्रवाई की जा रही है.

इधर, बिहटा प्रखंड के पशुपालन विभाग के डॉ. स्नेह ने बताया कि मेरी तैनाती प्रखंड के लई पशुपालन चिकित्सालय में है जो सप्ताह में तीन दिन बिहटा प्रखंड के पशुपालन विभाग चिकित्सालय में होता है. तीन दिन पशुपालन चिकित्सालय लई में होता है जबकि प्रखंड के पशुपालन चिकित्सालय में जो डॉक्टर नियुक्त है, फिलहाल उनकी ड्यूटी पटना मुख्यालय में है. कर्मियों की कमी के कारण यह स्थिति है. विभाग को कई बार सूचना दी गई, इसके बावजूद नियुक्ति नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि हिरण की स्थिति काफी खराब थी. अगर इलाज भी होता तो उसे पटना रेफर ही करते.

ये भी पढ़ें: तीन दिवसीय पशु आरोग्य सह कृषि उन्नति मेला का समापन, दलहन उत्पादन पर जोर

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पटना: पटना जिले के बिहटा में उपचार के अभाव में एक हिरण की मौत हो गयी. बिहटा थाना क्षेत्र के डुमरी गांव के खेत में काला हिरण का बच्चा घायल अवस्था में ग्रामीणों को मिला था. इसके सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस प्रशासन को दी गयी. घायल हिरण को तत्काल पशु चिकित्सालय ले जाया गया लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर या कर्मी कोई मौजूद नहीं था. इसके चलते हिरण का उपचार नहीं हो सकता और उसकी मौत हो गयी.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि पशु चिकित्सालय बोर्ड पर सुबह 8.30 का समय लिखा हुआ है लेकिन साढ़ें 9 बजे तक कोई नहीं पहुंचा था. किसी डॉक्टर या अन्य कर्मी के मौजूद नहीं होने के कारण घायल हिरण का इलाज नहीं हो सका और उसकी मौत हो गयी. इससे स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है. डुमरी निवासी एवं वार्ड सदस्य चुन्नू कुमार ने बताया कि डुमरी गांव के पश्चिम बधार में सुबह में एक काले हिरण को लोगों ने देखा था जो घायल अवस्था में था. उसके बाद कई बार प्रशासन और वन विभाग को फोन के जरिए सूचना दी गई लेकिन किसी ने जवाब तक नहीं दिया.

इसके बाद सभी लोग घायल हिरण को बिहटा प्रखंड के पशु चिकित्सालय ले गये लेकिन वहां पर भी डॉक्टर मौजूद नहीं था. घटना की पुष्टि करते हुए बिहटा थानाध्यक्ष ऋतुराज सिंह ने बताया की ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली कि डुमरी गांव में एक घायल हिरण को पकड़ा गया है. वह दुर्लभ प्रजाति की है. हालांकि हिरण की मौत हो चुकी है. कई बार वन विभाग को फोन के जरिए सूचना देने का प्रयास किया गया लेकिन वन विभाग की टीम ने ना ही फोन उठाया और ना ही कोई जवाब मिला. फिलहाल आगे कार्रवाई की जा रही है.

इधर, बिहटा प्रखंड के पशुपालन विभाग के डॉ. स्नेह ने बताया कि मेरी तैनाती प्रखंड के लई पशुपालन चिकित्सालय में है जो सप्ताह में तीन दिन बिहटा प्रखंड के पशुपालन विभाग चिकित्सालय में होता है. तीन दिन पशुपालन चिकित्सालय लई में होता है जबकि प्रखंड के पशुपालन चिकित्सालय में जो डॉक्टर नियुक्त है, फिलहाल उनकी ड्यूटी पटना मुख्यालय में है. कर्मियों की कमी के कारण यह स्थिति है. विभाग को कई बार सूचना दी गई, इसके बावजूद नियुक्ति नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि हिरण की स्थिति काफी खराब थी. अगर इलाज भी होता तो उसे पटना रेफर ही करते.

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Last Updated : Apr 25, 2022, 2:31 PM IST
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