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इंदिरा IVF ब्रांच का मंत्री विजय कुमार ने किया उद्घाटन, पैथोलॉजी परिक्षण सेवाएं भी उपलब्ध

इंदिरा आईवीएफ देशभर के निसंतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति करा रहा है. रविवार को पटना में इंदिरा IVF ब्रांच का उद्घाटन वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने किया. पढ़ें पूरी खबर..

इन्दिरा आईवीएफ का ब्रांच  वित्त मंत्री विजय कुमार के हाथों हुआ उद्घाटन
इन्दिरा आईवीएफ का ब्रांच वित्त मंत्री विजय कुमार के हाथों हुआ उद्घाटन
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Published : Aug 29, 2022, 10:33 AM IST

पटना: राजधानी पटना के बेली रोड इलाके में इंदिरा आईवीएफ के नए सेंटर (New Center of Indira IVF In Patna) की शुरुआत हो गई है. वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस सेंटर का उद्घाटन किया. मौके पर उन्होंने कहा कि निःसंतानता के कारण देश में हजारों दम्पतियों को समाज में कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह सेंटर उन लोगों की जिंदगी में खुशियां लाएगा.

ये भी पढ़ें- अच्छी खबर : DMCH में दूरबीन से होगा घुटनों का ऑपरेशन

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में फर्टिलिटी अस्पतालों की सबसे बड़ी श्रृंखला इन्दिरा आईवीएफ ने खाजपुरा, राजा बाजार, बेली रोड में अपने नए केंद्र की शुरुआत की है. ग्रुप के कंकड़बाग और बेली रोड में दो अत्याधुनिक केन्द्र हो गये हैं. नये सेंटर में निःसंतानता के समाधान के साथ सेंटर के अन्दर पैथोलॉजी और नैदानिक परिक्षण सेवाएं भी उपलब्ध हैं. इस अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ से उपचार प्राप्त करके जन्म लेने वाली पहले आईवीएफ बेबी और आठ हजार आईवीएफ बेबी के माता-पिता का अभिनंदन किया गया.

निःसंतानता के कारण समाज में कलंक और भेदभाव: केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि और बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, निःसंतानता के कारण देश में हजारों दम्पतियों को समाज में कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है. कई दम्पती जानकारी के अभाव में परेशान होते हैं ऐसे दम्पतियों को सही दिशा दिखाने और उचित उपचार के लिए इन्दिरा आईवीएफ जो कार्य कर रहा है वो सराहनीय है.

क्या है आईवीएफ? आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन गर्भधारण करवाने की एक कृत्रिम प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया से जन्म लिए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी (परखनली शिशु) भी कहा जाता है. यह तकनीक उन महिलाओं के लिए विकसित की गई है, जो किन्हीं कारणवश गर्भधारण नहीं कर पाती हैं. यही कारण है कि आईवीएफ के केंद्र लगातार खुल रहे हैं और लोग इस प्रक्रिया का फायदा उठा पा रहे हैं.

IVF ने 1लाख से अधिक दम्पतियों को गर्भधारण में किया मदद: डॉक्टर दयानिधि ने बताया कि इन्दिरा आईवीएफ ने पिछले एक दशक में 1लाख से अधिक दम्पतियों को गर्भधारण में मदद की है. आईवीएफ विशेषज्ञों और अपनी अत्याधुनिक तकनीक से ग्रुप ने आईवीएफ प्रक्रियाओं में असाधारण सफलता दर हासिल की है. ग्रुप ने नवीनतम सहायक प्रजनन तकनीक जिसमें इलेक्ट्रॉनिक विटनेसिंग सिस्टम, क्लोज़्ड वर्किंग चैम्बर, माइक्रोफ्लुइडिक्स के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग शामिल हैं उनमें निवेश किया है जो देशभर में और बिहार में सर्वोत्तम उपचार विकल्प हैं.

निःसंतानता के कारण देश में हजारों दम्पतियों को समाज में कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है. कई दम्पती जानकारी के अभाव में परेशान होते हैं ऐसे दम्पतियों को सही दिशा दिखाने और उचित उपचार के लिए इन्दिरा आईवीएफ जो कार्य कर रहा है वो सराहनीय है "- विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री

"आंकड़ों के अनुसार, भारत में 10-15 प्रतिशत दम्पतियों को फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नवीनतम नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में पाया गया है कि भारत में टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) पहली बार प्रति महिला 2 बच्चों के रिप्लेसमेंट स्तर से नीचे आ गई है. बिहार में 2015-16 में 3.4 की तुलना में 2019-20 में टीएफआर घटकर 3.0 हो गया है. इसके बारे में कुछ प्रवृत्तियों जैसे हाइपरटेंशन, हाई ब्लड ग्लूकोज़ लेवल वाले लोगों की बढ़ती संख्या और राज्य में तंबाकू की खपत से पता लगाया जा सकता है, यह प्रजनन क्षमता में बाधा बन सकता है." -डॉ दयानिधि, ब्रांच हेड

ये भी पढ़ें: बिहार में बढ़ रहा है HIV का संक्रमण, समलैंगिकता बन रहा AIDS का बड़ा कारण

पटना: राजधानी पटना के बेली रोड इलाके में इंदिरा आईवीएफ के नए सेंटर (New Center of Indira IVF In Patna) की शुरुआत हो गई है. वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस सेंटर का उद्घाटन किया. मौके पर उन्होंने कहा कि निःसंतानता के कारण देश में हजारों दम्पतियों को समाज में कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह सेंटर उन लोगों की जिंदगी में खुशियां लाएगा.

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वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में फर्टिलिटी अस्पतालों की सबसे बड़ी श्रृंखला इन्दिरा आईवीएफ ने खाजपुरा, राजा बाजार, बेली रोड में अपने नए केंद्र की शुरुआत की है. ग्रुप के कंकड़बाग और बेली रोड में दो अत्याधुनिक केन्द्र हो गये हैं. नये सेंटर में निःसंतानता के समाधान के साथ सेंटर के अन्दर पैथोलॉजी और नैदानिक परिक्षण सेवाएं भी उपलब्ध हैं. इस अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ से उपचार प्राप्त करके जन्म लेने वाली पहले आईवीएफ बेबी और आठ हजार आईवीएफ बेबी के माता-पिता का अभिनंदन किया गया.

निःसंतानता के कारण समाज में कलंक और भेदभाव: केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि और बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, निःसंतानता के कारण देश में हजारों दम्पतियों को समाज में कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है. कई दम्पती जानकारी के अभाव में परेशान होते हैं ऐसे दम्पतियों को सही दिशा दिखाने और उचित उपचार के लिए इन्दिरा आईवीएफ जो कार्य कर रहा है वो सराहनीय है.

क्या है आईवीएफ? आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन गर्भधारण करवाने की एक कृत्रिम प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया से जन्म लिए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी (परखनली शिशु) भी कहा जाता है. यह तकनीक उन महिलाओं के लिए विकसित की गई है, जो किन्हीं कारणवश गर्भधारण नहीं कर पाती हैं. यही कारण है कि आईवीएफ के केंद्र लगातार खुल रहे हैं और लोग इस प्रक्रिया का फायदा उठा पा रहे हैं.

IVF ने 1लाख से अधिक दम्पतियों को गर्भधारण में किया मदद: डॉक्टर दयानिधि ने बताया कि इन्दिरा आईवीएफ ने पिछले एक दशक में 1लाख से अधिक दम्पतियों को गर्भधारण में मदद की है. आईवीएफ विशेषज्ञों और अपनी अत्याधुनिक तकनीक से ग्रुप ने आईवीएफ प्रक्रियाओं में असाधारण सफलता दर हासिल की है. ग्रुप ने नवीनतम सहायक प्रजनन तकनीक जिसमें इलेक्ट्रॉनिक विटनेसिंग सिस्टम, क्लोज़्ड वर्किंग चैम्बर, माइक्रोफ्लुइडिक्स के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग शामिल हैं उनमें निवेश किया है जो देशभर में और बिहार में सर्वोत्तम उपचार विकल्प हैं.

निःसंतानता के कारण देश में हजारों दम्पतियों को समाज में कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है. कई दम्पती जानकारी के अभाव में परेशान होते हैं ऐसे दम्पतियों को सही दिशा दिखाने और उचित उपचार के लिए इन्दिरा आईवीएफ जो कार्य कर रहा है वो सराहनीय है "- विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री

"आंकड़ों के अनुसार, भारत में 10-15 प्रतिशत दम्पतियों को फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नवीनतम नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में पाया गया है कि भारत में टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) पहली बार प्रति महिला 2 बच्चों के रिप्लेसमेंट स्तर से नीचे आ गई है. बिहार में 2015-16 में 3.4 की तुलना में 2019-20 में टीएफआर घटकर 3.0 हो गया है. इसके बारे में कुछ प्रवृत्तियों जैसे हाइपरटेंशन, हाई ब्लड ग्लूकोज़ लेवल वाले लोगों की बढ़ती संख्या और राज्य में तंबाकू की खपत से पता लगाया जा सकता है, यह प्रजनन क्षमता में बाधा बन सकता है." -डॉ दयानिधि, ब्रांच हेड

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