टोक्यो/पटना: जापान में सोमवार को देवघर सा नजारा दिखा. करीब 300 श्रद्धालुओं ने जापान में पहली बार सावन महीने में कांवड़ यात्रा निकाली. सावन के इस अंतिम सोमवारी पर देवों के देव महादेव का जयघोष करते श्रद्धालु नजर आए. बाद में टोक्यो से लगभग 100 किलोमीटर दूर साईतामा स्थित मंदिर में शिवलिंग पर कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया. पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालुओं ने कांवड़ यात्रा संपन्न की. यात्रा के दौरान सड़कें हर हर महादेव, ॐ नमः शिवाय के जयकारे से गूंजती रहीं. बाद में श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया.
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बता दें कि इस साल जापान में रह रहे मुकेश गुप्ता, शिवानी, ओम साई गुप्ता , दिलीप कुमार, बिनोद, अमित कुमार, रविंदर, अभिषेक, अपराजिता, दिया, विकास, राजा आनंद विजय, नोरिको ने रात भर जगकर कांवड़ बनाया. इसके बाद बिहार फाउंडेशन जापान चैप्टर की पहल पर सोमवार को शिव भक्तों ने फुनाबोरी से ओजीमा तक पदयात्रा निकाली. हिगाशी ओजीमा के ब्रिज से गुजरते समय इस पदयात्रा के दौरान विश्व प्रसिद्ध स्काई ट्री और सुमेधा नदी ने पदयात्रा को खूबसूरत बना दिया.
झारखंड हाई कोर्ट के ऑफिसर के बेटे ने दी जानकारीः जापान में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्यरत झारखंड हाईकोर्ट के कोर्ट ऑफिसर मिथिलेश कुमार सिंह के पुत्र अमित कुमार ने बताया कि इससे पहले सुबह फुनाबोरी में वैदिक कल्चरल हॉल में सभी शिवभक्त जमा हुए. जहां उनका उत्साहवर्धन करने के लिए भारतीय दूतावास के डेप्युटी चीफ ऑफ मिशन मयंक जोशी आए और अपने आशीर्वचन से वहां उपस्थित श्रद्धालुओं को अभीभूत किया. उनका स्वागत बिहार फाउंडेशन के अध्यक्ष राजा आनंद विजय सिंह ने अंगवस्त्र से किया. अपराजिता और ज्योति ने उन्हें रोली चंदन से तिलक लगाया.
दिया,पीकू, अव्यान एवं ओम साई ने फूल का गुलदस्ता भेंट किया. डीसीएम मयंक जोशी ने अपने संबोधन में भारत जापान के रिश्तों को सांस्कृतिक रूप जोड़ने के इन प्रयास को बहुत सराहा. इस साल भारत जापान के रिश्ते की 70वी वर्षगांठ भी मनाई गई. साथ ही साथ आजादी का अमृत महोत्सव भी मनाया गया.
कांवड़ यात्रा की इस शुरुआत को संबंधों को मजबूत करने एवं जापान में भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के रूप में देखा जा रहा है. संपूर्ण कांवड़ यात्रा सहित कार्यक्रम की जानकारी झारखंड हाईकोर्ट के कोर्ट ऑफिसर मिथिलेश कुमार सिंह के पुत्र अमित कुमार ने दी है. उन्होंने भी इस कांवड़ यात्रा में हिस्सेदारी की. वे वहीं पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं.