पटना: कोरोना काल में रोजमर्रा की जिंदगी बदल रही है. तीन महीने का लॉकडाउन झेलने के बाद अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन अब भी वायरस का खतरा बरकरार है और यही वजह है कि लोग इसके साथ ही जीना सीख रहे हैं.
अनलॉक की प्रक्रिया शुरू
कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया में लोगों को काफी रियायत दी. सभी दफ्तर, कारखाने, दुकानें खुल चुकी हैं. सार्वजनिक वाहनों का भी परिचालन शुरू हो गया है. लेकिन लोग संक्रमण के डर से सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल कम कर रहे हैं. जिनके पास खुद की गाड़ी नहीं है अब वे लोग सेकेंड हैंड गाड़ी खरीद रहे हैं.
सेकेंड हैंड कार और बाइक की बिक्री में इजाफा
राजधानी पटना में करीब 100 सेकंड हैंड कार विक्रेता हैं और 20 से 30 सेकंड हैंड बाइक विक्रेता. इन दिनों सेकंड हैंड कार और बाइक की बिक्री में खूब इजाफा हो रहा है. हर महीने एक दुकानदार लगभग 20 से 22 कार की बिक्री कर लेते हैं. वहीं अगर बात करें बाइक की तो हर महीने 70 से 75 बिक रहे हैं.
आर्थिक तंगी के कारण सेंकेंड हैंड गाड़ियों का रुख
लॉकडाउन में लोगों के सभी कामकाज ठप है. यही वजह है कि आम लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. इसलिए लोग नई गाड़ी या बाइक ना खरीद कर पुरानी और सेंकेंड हैंड गाड़ियों का रुख कर रहे हैं.
यूज्ड गाड़ियों को खरीदना लोगों को लग रहा आसान
राजधानी के सेकेंड हैंड गाड़ियों के विक्रेता ने बताया कि इन दिनों सेकंड हैंड गाड़ियां काफी अधिक बिक रही है. लोगों का आकर्षण इस ओर इसलिए बढ़ा है क्योंकि लोगों के पास पैसों की किल्लत हैं. ऐसे में सेकेंड हैंड या यूज्ड गाड़ियों को खरीदना लोगों को आसान लग रहा है.
ईएमआई की सुविधा भी मौजूद
कार विक्रेताओं का कहना है कि वे लोगों को ईएमआई की सुविधा भी दे रहे हैं. लॉक डाउन के बाद गाड़ियों की बिक्री में इतना उछाल आएगा, इसकी उम्मीद नहीं थी. उन्होंने बताया कि महीने में 20 से 25 गाड़ियां बिक जा रही हैं.
छोटी गाड़ी से करीब 15 से 20 हजार की कमाई
कार विक्रेता कहते हैं कि हर तरीके के ग्राहक आ रहे हैं. लोग ज्यादातर छोटी गाड़ियां खरीद रहे हैं. इससे बिजनेस भी काफी अच्छा चल रहा है, उम्मीद है कि अभी बिजनेस अच्छा ही होगा. उन्होंने बताया कि एक छोटी गाड़ी से करीब 15 से 20 हजार की कमाई हो जाती है.
प्रति महीने बिक रहे 70 से 75 बाइक
बाइक विक्रेताओं ने बताया कि सेकंड हैंड बाइक की बिक्री में काफी इजाफा हो रहा है. प्रति महीने 70 से 75 बाइक बिक जा रहे हैं. अब तो आलम ये है कि ग्राहक काफी अधिक आ रहे हैं, और गाड़ियां नहीं मिल पा रही. बकौल बाइक विक्रेता 20 हजार से लेकर डेढ़ लाख तक की गाड़ियां उपलब्ध है. लेकिन अब मार्केट में गाड़ियों की कमी होने लगी है, क्योंकि ग्राहक बढ़ गए हैं.
संक्रमण से बचने के लिए कम पैसे में खरीद रहे सेकेंड हैंड गाड़ी
वहीं, आम लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में ऑटो और बस में सफर करने में उन्हें काफी डर लग रहा है. यही कारण है कि उन्होंने कम पैसे में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीद ली. वहीं बाइक खरीदने बाजार पहुंचे एक युवक ने बताया कि आर्थिक स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है. नई बाइक नहीं खरीद सकते, लेकिन जरूरत भी है लिहाजा सेकेंड हैंड बाइक खरीदने आए हैं.
बेहतर हो रहा है सेंकेंड हैंड गाड़ियों का बाजार
कोरोना संक्रमण काल में जहां आर्थिक संकट गहरा रहा है, तब आम लोग सुरक्षा के लिहाज से और पॉकेट फ्रेंडली होने के कारण ही सेंकेंड हैंड गाड़ियों का ऑप्शन चुन रहे हैं. यकीनन आने वाले समय में इन गाड़ियों का बाजार और भी बेहतर हो सकेगा.