पटना: तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की टिप्पणी से आहत राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) इस बार काफी नाराज चल रहे हैं. लगभग 7 दिनों से वे प्रदेश कार्यालय नहीं आ रहे हैं जबकि इस वाकये के पहले वे रोजाना कार्यालय आते थे. हद तो तब हो गई जब जगदानंद सिंह रविवार को झंडोत्तोलन के मौके पर भी राजद के प्रदेश कार्यालय नहीं पहुंचे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को पार्टी दफ्तर में झंडोत्तोलन करना पड़ा.
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सूत्रों के मुताबिक राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को मनाने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस बार वे आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. जगदानंद सिंह के खिलाफ लालू यादव के बड़े बेटे व बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव लगातार टिप्पणी करते आ रहे हैं. यह तीसरा मौका है जब तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को लेकर टिप्पणी की. रोजाना पार्टी दफ्तर आने वाले जगदानंद सिंह लगभग 1 सप्ताह से नहीं आ रहे हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी उन्होंने पार्टी दफ्तर आकर झंडोत्तोलन करना मुनासिब नहीं समझा. उनकी गैरमौजूदगी में तेजस्वी यादव को पार्टी दफ्तर में झंडोत्तोलन करना पड़ा.
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और जगदानंद सिंह मित्र हैं. हर बार लालू यादव जगदा बाबू को समझा-बुझाकर मना लेते थे लेकिन इस बार वे झुकने के लिए तैयार नहीं हैं. संभव है कि वे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी कार्यालय नहीं आएंगे. आपको बता दें कि लालू यादव की फटकार के बाद तेज प्रताप यादव अपनी ओर से सफाई भी दे चुके हैं. तेज प्रताप यादव ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने जगदा बाबू को कुछ नहीं कहा है.
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गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व छात्र राजद (Student RJD) की बैठक में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर तेज प्रताप यादव ने तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि जगदानंद सिंह हिटलर शाही चला रहे हैं और पार्टी में मनमानी कर रहे हैं. तेज प्रताप यादव यहीं नहीं रुके थे बल्कि उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वो कुर्सी को अपनी बपौती समझ रहे हैं. कुर्सी किसी की नहीं होती है, कब किसकी कुर्सी चली जाए कोई ठिकाना नहीं होता है. हम स्वास्थ्य मंत्री थे, हमारी भी कुर्सी गयी थी.
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तेज प्रताप यादव ने उस दिन कहा था कि पहले कार्यालय का नजारा ये होता था कि सारे दरवाजे खुले रहते थे. लोग आराम से आते जाते थे, लेकिन जब से नए प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, सिस्टम ही कुछ बदल गया है. लेकिन, हम हैं कि सभी को एक ही सिस्टम में ले जाना चाहते हैं. इसलिए हमने भी आना-जाना शुरू कर दिया है. हमें नियम कानून से कोई फर्क नहीं पड़ता है. पार्टी में ऐसा नहीं होना चाहिए.
बता दें कि तेज प्रताप यादव गाहे-बगाहे जगदानंद सिंह पर तंज कसते रहते हैं. कुछ दिन पहले हुए राजद के रजत जयंती समारोह में भी उन्होंने प्रदेश नेतृत्व पर तंज कसा और जमकर अपनी भड़ास निकाली थी. तेजप्रताप ने कहा था कि लगता है कि जगदानंद अंकल हम पर गुस्साये हुए हैं. इसलिए मेरी बातों पर हाथ उठाकर समर्थन नहीं करते हैं. जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरा करना चाहिए. पार्टी में कुछ लोग हैं, जो दल को आगे बढ़ने देना नहीं चाहते. हम सच्चाई बोलते हैं लेकिन कुछ लोग सच्चाई सुनना नहीं चाहते.
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