पटना: राजधानी में हुई मूसलाधार बारिश ने शहर को झील में बदल दिया है. चारों तरफ तबाही का मंजर है. वहीं, कई इलाकों से अलग-अलग तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. कहीं लोग पानी में तैरते दिख रहे हैं, तो कहीं कोई रिक्शा चालक भरे पानी के बीच खड़े होकर अपने रिक्शे को निकालता दिख रहा हैं. वहीं, मकान, दुकान, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे सब पानी में डूब गए हैं.
बिहार में बारिश से इमरजेंसी जैसे हालात
राजधानी पटना में 45 वर्षों के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. आलम ये है कि बारिश के पानी ने लोगों को जल कैदी बना दिया है. पटना पुलिस मुख्यालय में हालात की गंभीरता के मद्देनजर स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर खोला गया है. कई लोगों ने जलजमाव की ऐसी तस्वीर कभी नहीं देखी थी. लोग बताते हैं कि 1975 में भी पटना कुछ ऐसे ही हालात से रूबरू हुआ था.
बारिश से जनजीवन हुआ ठप
राजधानी में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन ठप पड़ गया है. तेज बारिश के कारण सड़के झील में तब्दील हो गईं हैं. आलम यह है कि लोगों का जीवन नाव के सहारे चल रहा है. पटना की हर गली, मोहल्ले, सड़कों पर इस कदर पानी भर गया है कि पैदल चलने वाले तो परेशान है हीं, वाहनों का भी परिचालन इससे प्रभावित हो रहा है.
आम से खास सभी इस बारिश के आगे बेबस
पिछले 72 घंटों से लगातार आफत की बारिश जारी है. आम से खास सभी इस बारिश के आगे बेबस हैं. पाॉश से लेकर झुग्गी झोपड़ी के इलाकों में पानी भर चुका है. पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. निचले इलाकों में कई लोगों के घरों तक पानी पहुंच गया है. यहां तक कि कई मंत्रियों तक के घरों में पानी जा घुसा है. अस्पतालों, रेल लाइनों पर भी जलजमाव है. पटना जंक्शन के सारे ट्रैक्स भी पूरी तरह डूब गए हैं. कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए है.
इन इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, लंगर टोली, बहादुरपुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीवनगर, गर्दनीबाग, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरानगर, अशोक नगर, रामकृष्णानगर सहित तमाम इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं.