पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की याचिका पर सुनवाई (Hearing on Pappu Yadav petition) करते हुए उनके खिलाफ दायर पूरे आपराधिक रिकॉर्ड का रजिस्ट्रार जनरल से ब्यौरा मांगा है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ में पूर्व सांसद पप्पू यादव पर दर्ज मामले की प्राथमिकी रद्द करने के लिए दायर याचिका अब व्यर्थ सिद्ध हो गई.
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राज्य सरकार के अधिवक्ता अजय मिश्रा ने बताया कि पप्पू यादव द्वारा उक्त थाना कांड के संबंध में जमानत याचिका के साथ ही साथ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए भी अर्जी दाखिल की गई थी. पप्पू यादव का बेल बांड उक्त मामले में 16 दिसंबर 1993 को ही रद्द हो गया था, इसमें पप्पू यादव फरार चल रहे थे.
इसके बाद उन्होंने 8 जून 2021 को जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जमानत याचिका के लंबित रहने के दौरान ही उक्त थाना कांड संख्या मामले में मधेपुरा स्थित निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया गया. इस तरह से जमानत याचिका व्यर्थ हो गई. साथ ही साथ प्राथमिकी को रद्द करने के लिए पटना हाईकोर्ट के समक्ष दायर अर्जी भी व्यर्थ हो गई.
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याचिकाकर्ता ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि याचिकाकर्ता निचली अदालत में नियमित तौर से उपस्थित हो रहे थे, किन्तु अधिवक्ता की चूक की वजह से उक्त कांड के सिलसिले में पैरवी नहीं की जा रही थी, जिसकी वजह से निचली अदालत द्वारा 16 दिसंबर 1993 को बेल बांड रद्द कर दिया गया था. अर्जी में आगे यह भी कहा गया था कि बेल बॉन्ड रद्द होने की सूचना याचिकाकर्ता पप्पू यादव को नहीं दी गई थी.