पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि गया एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए 268 करोड़ रुपये कब तक देगी.
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कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया निर्देश : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना एयरपोर्ट समेत राज्य के विभिन्न एयरपोर्ट के विस्तार, विकास व भूमि अधिग्रहण के सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था. कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी राज्य में एयरपोर्ट के लिए किये जा रहे सर्वे का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. पिछली सुनवाई में पटना एयरपोर्ट के निर्देशक ने पटना एयरपोर्ट की समस्याओं को बताते हुए कहा कि हवाई जहाज लैंडिंग की काफी समस्या है. सामान्य रूप से रनवे की लम्बाई 9 हजार फीट होती है, जो कि पूर्णिया व दरभंगा में उपलब्ध है. जबकि पटना में रनवे की लम्बाई 68 सौ फीट ही है.
रनवे की लम्बाई बढ़ाने के लिए सर्वे शुरू होगा : उन्होंने बताया था कि एक ओर रेलवे लाइन है और दूसरी ओर सचिवालय हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि रनवे की लम्बाई बढ़ाने के लिए सर्वे शुरू होगा. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को यह जानकारी देने को कहा था कि बिहार के सटे राज्य झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, उत्तर पूर्व के राज्यों में कितने एयरपोर्ट हैं.
क्या कहा था कोर्ट ने : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के एडवोकेट जनरल से कहा था कि गया एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 268 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दें. सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद उसका निबटारा होगा. इस पर एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया था कि इसके लिए राज्य सरकार से निर्देश की आवश्यकता होगी. राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, फारबिसगंज, मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं. लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव व सुरक्षा की भी समस्या है.