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वसीम रिजवी के सनातनी होने पर बोले BJP MLA- 'भारत के मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे... विश्वास नहीं है तो DNA टेस्ट कराएं'

वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म अपना लिया है (Wasim Rizvi adopted Sanatan Dharma). वसीम रिजवी का नया नाम जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है. उनके इस फैसले का बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने स्वागत किया है. जानें क्या कहा...

जितेन्द्र त्यागी पर हरिभूषण ठाकुर का बयान
जितेन्द्र त्यागी पर हरिभूषण ठाकुर का बयान
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Published : Dec 7, 2021, 4:03 PM IST

Updated : Dec 7, 2021, 5:45 PM IST

पटना: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi adopted Sanatan Dharma) ने सनातन धर्म अपना लिया है. वसीम रिजवी अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (jitendra narayan singh tyagi) बन गए हैं. वसीम के हिंदू बनने पर हरिभूषण ठाकुर बचौल का बड़ा बयान (Haribhushan Thakur Statement On Wasim Rizvi Religion Change) आया है.

इसे भी पढ़ें- इस्लाम छोड़ हिन्दू बने वसीम रिजवी, जानिए क्या रखा अपना नया नाम

बिहार बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी साहब घर वापसी किए हैं. वे पढ़े-लिखे लोग हैं. निश्चित रुप से उन्होंने सभी धर्मों का अध्ययन किया होगा. उसके बाद उन्होंने सनातन संस्कृति को अपनाया है. वे बोले भी हैं कि दुनिया का पहला धर्म सनातन धर्म ही है. सबसे ज्यादा इंसानियत सनातन संस्कृति में ही है. इसी संस्कृति में जीव-जंतु, वृक्ष और इंसानियत की चिंता है.

''भारत में जो भी मुसलमान भाई हैं, उनके पूर्वज तो हिंदू ही थे. वे कन्वर्टेड हुए हैं. अगर किन्हीं को विश्वास नहीं है तो वे डीएनए करा सकते हैं. अब तक जमाना बदल गया है. सनातन संस्कृति को अपनाने पर वसीम रिजवी साहब का स्वागत करते हैं."- हरिभूषण ठाकुर, बीजेपी विधायक

'भारत के मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे', बीजेपी विधायक का बयान

बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन (Former Chairman of Shia Waqf Board) वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने सोमवार को इस्लाम धर्म छोड़कर गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर में हिन्दू धर्म को अपना लिया. वसीम रिजवी के प्रवक्ता प्रेम शंकर ने इससे पहले मीडिया को उनके धर्मांतरण की जानकारी दी थी.

सनातनी बनने के बाद जब जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहां धर्म परिवर्तन की कोई बात नहीं है. जब मुझको इस्लाम से निकाल ही दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं. उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं. इंसानियत पाई जाती है. हम यह समझते हैं, किसी और दूसरे धर्म में नहीं है.

इसे भी पढ़ें- विवादित किताब मामला : लखनऊ में वसीम रिजवी के खिलाफ केस दर्ज

बता दें कि जितेन्द्र त्यागी जब वसीम थे तब उन्होंने कुछ दिन पहले ही अपनी वसीयत जारी की थी, जिसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए. उन्होंने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें.

तत्कालीन रिजवी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है. मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं और एलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे. इसलिए मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए. बहरहाल, अब वे सनातनी जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी बन गए हैं.

पटना: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi adopted Sanatan Dharma) ने सनातन धर्म अपना लिया है. वसीम रिजवी अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (jitendra narayan singh tyagi) बन गए हैं. वसीम के हिंदू बनने पर हरिभूषण ठाकुर बचौल का बड़ा बयान (Haribhushan Thakur Statement On Wasim Rizvi Religion Change) आया है.

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बिहार बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी साहब घर वापसी किए हैं. वे पढ़े-लिखे लोग हैं. निश्चित रुप से उन्होंने सभी धर्मों का अध्ययन किया होगा. उसके बाद उन्होंने सनातन संस्कृति को अपनाया है. वे बोले भी हैं कि दुनिया का पहला धर्म सनातन धर्म ही है. सबसे ज्यादा इंसानियत सनातन संस्कृति में ही है. इसी संस्कृति में जीव-जंतु, वृक्ष और इंसानियत की चिंता है.

''भारत में जो भी मुसलमान भाई हैं, उनके पूर्वज तो हिंदू ही थे. वे कन्वर्टेड हुए हैं. अगर किन्हीं को विश्वास नहीं है तो वे डीएनए करा सकते हैं. अब तक जमाना बदल गया है. सनातन संस्कृति को अपनाने पर वसीम रिजवी साहब का स्वागत करते हैं."- हरिभूषण ठाकुर, बीजेपी विधायक

'भारत के मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे', बीजेपी विधायक का बयान

बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन (Former Chairman of Shia Waqf Board) वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने सोमवार को इस्लाम धर्म छोड़कर गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर में हिन्दू धर्म को अपना लिया. वसीम रिजवी के प्रवक्ता प्रेम शंकर ने इससे पहले मीडिया को उनके धर्मांतरण की जानकारी दी थी.

सनातनी बनने के बाद जब जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहां धर्म परिवर्तन की कोई बात नहीं है. जब मुझको इस्लाम से निकाल ही दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं. उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं. इंसानियत पाई जाती है. हम यह समझते हैं, किसी और दूसरे धर्म में नहीं है.

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बता दें कि जितेन्द्र त्यागी जब वसीम थे तब उन्होंने कुछ दिन पहले ही अपनी वसीयत जारी की थी, जिसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए. उन्होंने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें.

तत्कालीन रिजवी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है. मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं और एलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे. इसलिए मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए. बहरहाल, अब वे सनातनी जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी बन गए हैं.

Last Updated : Dec 7, 2021, 5:45 PM IST
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