पटना: हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रधान महासचिव दानिश रिजवान (Danish Rizwan Principal General Secretary of HAM) ने राष्ट्रीय जनता दल पर तंज कसते हुए कहा कि राजद ने बड़े नेताओं को दरकिनार करने के लिए ऐसे लोगों को उम्मीदवार बना दिया है, जिनकी अपने समाज में कहीं कोई पकड़ नहीं है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर एक तरह से श्याम रजक, अब्दुल बारी सिद्दिकी सहित कई नेताओं के राजनीतिक डेथ वारंट पर हस्ताक्षर किए हैं.
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''धोबी समाज से आने वाले बड़े नेता श्याम रजक को छोड़कर मुन्नी रजक को उम्मीदवार बनाया है. अब्दुल बारी सिद्दीकी को काटने के लिए कारी साहेब जैसे लोगों को एमएलसी का उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, पार्टी का काम करने वाले मृत्युंजय तिवारी की जगह किसी और को टिकट दिया गया है. कहीं ना कहीं राजद के बड़े नेताओं को साइड लाइन करने के लिये इस तरह निर्णय लिए गए हैं.''- दानिश रिजवान, प्रधान महासचिव, हम
'कई नेताओं की राजनीतिक हत्या': दानिश रिजवान ने कहा कि अगर ऐसा रहा तो राजद में दशकों से जुड़कर रहने और काम करने वाले लोगो का कोई वैल्यू ही नही रह गया है और तेजस्वी खुद को पूरी तरह सेफ रखने के लिए बड़े नेताओं को धीरे-धीरे पॉलिटिकल डेथ करा रहे है जो कि ऊचित नही है दानिश रिजवान ने कहा की राजद के पास अभी भी समय है जो पुराने नेता है उसे ऊचित प्रतिनिधित्व दे जिससे पार्टी बची रहे और कोई बड़े नेता का अपमान भी नहीं हो.
बता दें कि आरजेडी ने सोमवार को तीन एमएलसी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की. बिहार विधान परिषद की 7 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नामों का ऐलान किया. इस बार आरेजडी ने विधान परिषद के चुनाव में अल्पसंख्यक और ब्राह्मण उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. परिषद की 7 सीटें 22 जुलाई को खाली होने जा रही है. खाली हो रहे विधान परिषद के 7 सीटों में से 5 सीट फिलहाल जदयू की है और 2 सीट बीजेपी खेमे की हैं. जिस पर चुनाव 20 जून को होना है. राजद ने जिन उम्मीदवारों को विधान परिषद के चुनाव में उतारा है उनके नाम युवा राजद के प्रदेशाध्यक्ष कारी शोएब, मुन्नी देवी उर्फ मुन्नी रजक और अशोक पांडे हैं.
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