पटना: राजधानी पटना स्थित बिहार का एकमात्र बैंक जहां ग्राहक और प्रबंधक बच्चे ही हैं. राजधानी पटना में एक ऐसा बैंक है जहां सिर्फ बच्चों का ही खाता खुलता है. बिहार बाल भवन किलकारी स्थित ये बैंक गुल्लक बच्चा बैंक के नाम से संचालित है. इसकी स्थापना बाल दिवस के अवसर पर सीएम नीतीश ने किया था.
बच्चों का गुल्लक बैंक
बैंक के संचालन को लेकर बच्चों द्वारा एक समिति बनाई गई है, जो प्रबंधन पर नजर रखती है. बाल भवन किलकारी में पढ़ने वाले बच्चे ही गुल्लक बैंक के सदस्य और ग्राहक बनते हैं. 8 वर्ष से 16 वर्ष की आयु तक के बच्चों का खाता इस बैंक में खुलता है. खाता खोलने की प्रक्रिया बिल्कुल आम बैंकों जैसी है. यहां बच्चों का खाता महज ₹10 में खुलता है.
3855 बच्चे अकाउंट होल्डर
बैंक की मैनेजर 16 वर्षीय बच्ची पूनम ने बताया कि वर्तमान में करीब 3855 से अधिक खाते गुल्लक बच्चा बैंक में खुले हुए हैं. लेकिन महज 2000 खाते ही सुचारू रूप से चल रहे हैं. प्रतिदिन हजार रुपये की निकासी और जमा होती है. 16 वर्ष से अधिक आयु होने पर बच्चों का खाता बंद कर दिया जाता है. 16 वर्ष से अधिक आयु होने पर बच्चों का खाता इंडियन ओवरसीज बैंक में स्थानांतरित भी कर दिया जाता है.
गुल्लक बैंक के नियम
- बैंक में खाता खोलने के लिए 8 से 16 वर्ष की उम्र होनी चाहिए.
- महज 10 रुपए में इस बैंक में बच्चों का अकाउंट खुलता है.
- हर दिन कम से कम 1 रुपए जमा और 1 रुपए की निकासी की जा सकती है.
- अकाउंट खोलने के लिए फॉर्म और केवाईसी जरूरी है.
- बैंक कर्मचारियों के बच्चों को हर साल बदला जाता है.
- बैंक चलाने वाले बच्चों को जेब खर्च के लिए मासिक पैसे दिए जाते हैं.
कर्मचारी बच्चों का होता है प्रशिक्षण
किलकारी से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैंक को पूरी तरीके से बच्चे ही संचालित करते हैं. बैंक को चलाने के पहले बच्चों को 1 माह का प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रतिवर्ष बैंक कर्मचारियों के बच्चों को बदला जाता है, और बच्चों को उसकी जिम्मेदारी दी जाती है. बैंक चलाने वाले बच्चों को जेब खर्च के लिए मासिक पैसे भी दिए जाते हैं. अगर बच्चों को किसी प्रकार की कोई समस्या होती है, तो किलकारी के नियुक्त किए गए कर्मी उसमें सहायता करते हैं.
बचत की आदत डालना उद्देश्य
यह बैंक बिल्कुल आम बैंक की तरह कार्य करता है. सभी बैंकों की तरह हर सुविधा यहां उपलब्ध रहती है. बैंक को खोलने का एकमात्र उद्देश्य है बच्चों में बचत की आदत डालने के लिए की गई है. बच्चों को पैसों की उपयोगिता और बचत की आदत डालने को लेकर गुल्लक बैंक की स्थापना वर्ष 2009 में की गई थी. वर्ष 2017 में बैंक की उपलब्धियों को देख इसका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है.