पटना: बिहार में जातीय जनगणना की स्वीकृति दे दी गई. फरवरी 2023 तक जाति आधारित गणना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जातीय जनगणना कराने के लिए दिशा निर्देश जारी (Guidelines For Caste Cencus In Bihar ) किया है. सभी जिले के डीएम को पत्र लिखा है. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ बी. राजेंदर ने साफ किया है कि जाति आधारित गणना के तहत आंकड़ों का संग्रह डिजिटल मोड/ मोबाइल ऐप से किया जाना है.
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गणना की गोपनीयता पर बलः गणना की गोपनीयता हर हाल में सुनिश्चित करना है. सरकार ने डीएम से लेकर गणना कर्मियों के काम के बारे मे दिशा निर्देश जारी किया है. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी दिशानिर्देश में सभी जिलों के डीएम को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. डीएम इस कार्य के लिए ग्राम स्तर, पंचायत स्तर और उच्च स्तर पर कर्मियों की सेवा ले सकेंगे. जिला अधिकारी को प्रधान गणना अधिकारी सह नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. वहीं अपर समाहर्ता/ जिला कल्याण पदाधिकारी/ जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को अपर प्रधान गणना पदाधिकारी बनाया गया है.
एसडीओ होंगे अनुमंडल के गणना पदाधिकारीः सभी अनुमंडल के एसडीओ अनुमंडल के गणना पदाधिकारी होंगे. नगर आयुक्त/ कार्यपालक पदाधिकारी नगर चार्ज अधिकारी होंगे. प्रखंड विकास पदाधिकारी- प्रखंड चार्ज अधिकारी होंगे. अपर नगर आयुक्त/ सिटी मैनेजर- सहायक नगर अधिकारी, अंचलाधिकारी को सहायक प्रखंड चार्ज अधिकारी बनाया गया है. पर्यवेक्षक प्रगणक के पद पर एक उच्च स्तर के कर्मी रहेंगे. वहीं, प्रगणक यानि गणना करने वाले शिक्षक, लिपिक, मनरेगा, आंगनबाड़ी, जीविका के कर्मी होंगे. डीएम अपने अनुसार प्रगणक बनायेंगे.
अधिकारियों-कर्मियों की ड्यूटी और जवाबदेही तयः सरकार ने सभी अधिकारियों और कर्मियों की ड्यूटी और जवाबदेही क्या होगी इसकी पूरी जानकारी सभी डीएम को दी है. पत्र में कहा गया है कि सभी अपनी ड्यूटी का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करेंगे. प्रगणक के बारे में कहा गया है कि वह मकान नंबरिंग को सुनिश्चित करेंगे. मोबाइल ऐप और प्रपत्र के अनुसार आंकड़ों को भरेंगे. व्यक्तिगत आंकड़ों में किसी भी तरह के बदलाव या छेड़छाड़ नहीं किया जाना है. साथ ही इसकी सूचना किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं देना है, यानि गणना को गोपनीय रखना है. कोई मकान, कस्बा या क्षेत्र छूटे नहीं इसका खय्ला रखना है.
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