पटना: राजधानी पटना के दर्जनों बालू घाटों (Sand Ghats in Patna) पर बालू माफिया (Sand Mafia) का सिक्का चलता है. इस सुनहरे पीले सोने की कमाई हजारों, लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपये में प्रतिदिन होती है. इस अंधाधुंध कमाई में दारोगा से लेकर एसपी तक की पोल खुल चुकी है. इसके बावजूद भी सरकार के लाख चाहने के बाद भी अवैध बालू का खनन दिन-रात लगातार जारी है.
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राजधानी पटना के बिहटा, मनेर, कोईलवर, पालीगंज सहित आसपास के दर्जनों बालू घाटों पर बालू माफिया का राज चालता है. बिहटा के परेव से कोईलवर इलाके तक रोक के बाबजूद अवैध तरीके से बालू खनन कर गाड़ियों से प्रशासन की मिलीभगत से बालू ढोने का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि, वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.
वीडियो को देखने से ही यह स्पष्ट हो जाता है कि बालू माफिया किस कदर पुलिस से बेखौफ और पुलिस की मिलीभगत से सैकड़ों ट्रक बालू प्रतिदिन निकाल कर किस कदर मालामाल हो रहे हैं. स्थिति यह है कि इन थाना क्षेत्रों में पुलिस के सिपाही से लेकर दारोगा ताकि इन क्षेत्रों में अपनी तैनाती के लिए जी तोड़ कोशिश करते हैं.
खासकर रात्रि गस्ती के लिए पुलिस के अधिकारी, थाना तक में अपनी पैरवी करने से नहीं चूकते हैं. कभी-कभी बालू के इस अवैध खनन को लेकर कोईलवर पुल पर घंटों जाम का नजारा बना रहता है. यहां तक कोईलवर पुल के बिहटा छोड़ पर पटना ट्रैफिक पुलिस के कई जवानों की नियुक्ति की गई है. पटना पुलिस के ये ट्रैफिक जवान इन दिनों रात के अंधेरे में बालू के ट्रक से अवैध कमाई करते हैं और सरकार के नियमों को भूल जाते हैं.
गौरतलब है कि बिहटा में सड़कों पर बालू लदे ट्रकों के जाम को देखते हुए कुछ माह पूर्व पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पटना, भोजपुर और अरवल के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर यह आगाह किया था कि बालू लदे ट्रकों के परिचालन से पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर दिनभर जाम का नजारा नजर आता है.
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पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने जिला अधिकारियों को निर्देश देते हुए सोन नदी पर निर्मित कोईलवर पुल पर जाम को रोकने के लिए ट्रकों के परिचालन पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद भी रात के अंधेरे में ट्रकों से प्रतिदिन हजारों ट्रक बालू का खनन सरकार के सख्त निर्देशों का ठेंगा दिखाते हुए किया जा रहा है. आखिर बालू माफिया पर सरकार के निर्देशों और कड़े रुख का असर क्यों नहीं पड़ रहा है. वहीं, इस मामले में पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है.
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बता दें कि एनजीटी के निर्देशानुसार, 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बालू का खनन मानसून के मद्देनजर बंद कर दिया गया था. इसी बीच बालू घाटों से अवैध खनन की जा रही थी. जिससे राजस्व की हानि पहुंच रही थी. राज्य सरकार द्वारा बालू के अवैध खनन में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई है. खाना भूतत्व विभाग के अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, बालू के अवैध खनन और ढुलाई पर सख्ती लगातार जारी रहेगी.
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