पटना: सात निश्चय योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. लेकिन इसपर घोटालेबाजों की नजर लग गयी है. सात निश्चय योजना में एक योजना शामिल है हर घर नल का जल योजना. इसमें व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है.
इस योजना में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहाने के आरोप में अब तक 350 से ज्यादा मुखिया पर एफआईआर दर्ज हुआ है. सरकारी अधिकारियों पर भी मामले में एक्शन लिया गया है. आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने जब इसकी जानकारी मांगो तो यह खुलासा हुआ.
मुखिया, ठेकेदार, सुपरवाइजर, पंचायत सचिव पर FIR
नल जल योजना में घपले को लेकर 373 मुखिया, 45 ठेकेदार, 62 सुपरवाइजर, 32 पंचायत सचिव पर मामला दर्ज हुआ है. ज्यादातर मुखिया पर कमीशनखोरी से लेकर काम को देरी से कराने और खराब गुणवत्ता जैसे गंभीर आरोप लगे थे. अब सरकार की तरफ से दोषी पाए जाने पर मुखिया को पदमुक्त किया जाएगा.
अधिकारी से मांगी गयी सफाई
सिर्फ मुखिया पर ही कार्रवाई नहीं होगी बल्कि सरकारी बाबुओं पर भी डंडा चलेगा. 13 प्रखंड के बीडीओ और 10 पंचायत राज के पदाधिकारी से लिखित सफाई भी मांगी गयी है.
मधुबनी में सबसे ज्यादा 22 मुखिया पर FIR
पटना में 12, औरंगाबाद में 9, नालंदा में 6, जहानाबाद में 19, मुजफ्फरपुर में 16, गया में 17, भागलपुर में 13, मधुबनी में 22, दरभंगा में 13, सहरसा में 16, बांका में 17 ,रोहतास में 15, पूर्वी चंपारण में 12, पश्चिम चंपारण में नौ, सिवान में 9, सारण में 5, मुंगेर में 19, समस्तीपुर में 13, सुपौल में 11, मधेपुरा में 17 ,पूर्णिया में 12, भोजपुर में 8, गोपालगंज में 12, वैशाली में 17, सीतामढ़ी में 12 मुखिया पर प्राथमिकी हुई है.
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