ETV Bharat / city

आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर 29 जनवरी को शक्ति प्रदर्शन करेंगे समर्थक - etv news

राजद विधायक चेतन आनंद ने अपने पिता आनंद मोहन की रिहाई को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ( Release Anand Mohan ) किया. इस मौके पर मां और पूर्व सांसद लवली आनंद भी मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा. पढ़ें रिपोर्ट...

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजद विधायक चेतन आनंद और पूर्व सासंद लवली आनंद
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजद विधायक चेतन आनंद और पूर्व सासंद लवली आनंद
author img

By

Published : Dec 5, 2021, 10:42 PM IST

पटना: राजद विधायक चेतन आनंद ( RJD MLA Chetan Anand ) ने रविवार को अपने पिता आनंद मोहन की रिहाई ( #ReleaseAnandMohan ) के मुद्दे को लेकर अपने आवास पर प्रेस वार्ता किया. इस मौके पर विधायक की मां और पूर्व सांसद लवली आनंद ( Former MP Lovely Anand ) और बहन सुरभि आनंद भी मौजूद रहीं. राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा कि 14 साल की सजा पूरी कर लेने के बाद उम्र कैद की सजा काट रहे कैदियों को छोड़ने का प्रावधान है. लेकिन उनके पिता समेत बिहार के विभिन्न जिलों में 14 वर्ष की सजा पूरी करने के बाद भी लोगों को रिहा नहीं कर रही. इसकी मांग को लेकर समर्थक 29 जनवरी को शक्ति प्रदर्शन करेंगे. यह गर्जना रैली होगी.

यह भी पढ़ें- CM नीतीश पर जमकर बरसे आनंद मोहन, कहा- 'इतनी ही नफरत है तो मुझे जेल में मरवा दें गोली'

'पिताजी आनंद मोहन की सजा पूरी हो चुकी है. उन्होंने 14 साल की सजा पूरी कर ली है. छह महीने ज्यादा हो गए हैं. इसके बावजूद सरकार उन्हें रिहा नहीं कर रही है. बिहार की जेलों की क्षमता से 25 प्रतिशत अधिक कैदी मौजूद हैं. बावजूद इसके पिता और उनके जैसे सैकड़ों लोगों को सरकार बंदी बनाकर जेल में रखे हुए है. सरकार किस कैदी को परिहार देती है और किसे रिहा करती है, यह पूरी तरह से सरकार के पिक एंड चूज पॉलिसी बनकर रह गई है. देश के कई राज्यों में जेल में बंद बंदियों के परिहार और रिहा करने की सारी प्रक्रिया को डिजिटलाइज करके रखा गया है. ताकि कोई भी व्यक्ति यह जान सके कि कौन जेल में हैं और कौन नहीं, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है.' -चेतन आनंद, राजद विधायक

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर समर्थक करेंगे गर्जना रैली, देखें पूर्व सांसद लवली आनंद ने क्या कहा...

चेतन आनंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि दिल्ली मॉडल के आधार पर देश के सभी राज्यों में यह नियम लागू होना चाहिए. कौन से कैदी कब रिहा हो रहे हैं, कब पैरोल पर जा रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद होनी चाहिए. मगर बिहार में ऐसा नहीं हो रहा है. सरकार अपने मनपसंद लोगों को सभी नियमों को ताक पर रखकर रिहा कर दे रही है. जो रिहा होने के लिए सभी अहर्ता रखते हैं, उन्हें नहीं कर रही है.

'14 साल का समय कम नहीं होता. पूर्व सांसद आनंद मोहन 14 साल 6 महीने का समय जेल में बिता चुके हैं. इस दौरान 1 दिन भी वे कैद से बाहर नहीं आए हैं. 3 दिसंबर 2021 को बिहार विधानसभा सत्र के दौरान सदन में प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र कुमार यादव ने जो वक्तव्य दिया, वह भ्रामक और गुमराह करने वाला है. मंत्री को विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ऐसे मंत्री को सरकार द्वारा तुरंत बर्खास्त करना चाहिए. आनंद मोहन परिहार की पूरी अहर्ता रखते हैं. मगर सरकार पूर्वाग्रह और राजनीतिक विद्वेष के कारण उन्हें परिहार नहीं दे रही.' -लवली आनंद, पूर्व सांसद

पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि कारा अधीक्षक, प्रोबेशन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी आनंद मोहन के लिए 14 साल की सजा पूरी होने के बाद कारा मुक्ति की अनुशंसा की है. साथ ही संबंधित कोर्ट ने भी सरकार से परिहार की पेशकश की है. ऐसे में बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आनंद मोहन को जेल से रिहा नहीं कर रहे. पूर्व में चुनाव के समय जब वोट की जरूरत थी तो महाराणा प्रताप की जयंती में खुद शामिल होकर कहे थे कि आनंद मोहन उनके साथ ही रहे हैं. उन्हें भी उनकी चिंता रहती है, लेकिन अब साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह चिंता लगी रहती है कि आनंद मोहन किसी प्रकार जेल से बाहर नहीं आए.

लवली आनंद ने कहा कि आगामी 29 जनवरी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि है. इस दिन सभी महाराणा के वंशज और आनंद मोहन समर्थक पटना के मिलर हाई स्कूल के ग्राउंड में जुटेंगे, लोगों को आमंत्रण देने के लिए वह बिहार के गांव-गांव का भ्रमण करेंगी. 29 जनवरी को गर्जना रैली के रूप में मना रहे हैं. इस दौरान आनंद मोहन समर्थक सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे और उन्हें बताएंगे कि जिस प्रकार राजनीतिक विद्वेष के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आनंद मोहन को रिहा नहीं कर रहे हैं, वह गलत कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- आनंद मोहन और अनंत सिंह के मुद्दे पर बोले तेजस्वी- बदले की भावना से काम कर रही है सरकार

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: राजद विधायक चेतन आनंद ( RJD MLA Chetan Anand ) ने रविवार को अपने पिता आनंद मोहन की रिहाई ( #ReleaseAnandMohan ) के मुद्दे को लेकर अपने आवास पर प्रेस वार्ता किया. इस मौके पर विधायक की मां और पूर्व सांसद लवली आनंद ( Former MP Lovely Anand ) और बहन सुरभि आनंद भी मौजूद रहीं. राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा कि 14 साल की सजा पूरी कर लेने के बाद उम्र कैद की सजा काट रहे कैदियों को छोड़ने का प्रावधान है. लेकिन उनके पिता समेत बिहार के विभिन्न जिलों में 14 वर्ष की सजा पूरी करने के बाद भी लोगों को रिहा नहीं कर रही. इसकी मांग को लेकर समर्थक 29 जनवरी को शक्ति प्रदर्शन करेंगे. यह गर्जना रैली होगी.

यह भी पढ़ें- CM नीतीश पर जमकर बरसे आनंद मोहन, कहा- 'इतनी ही नफरत है तो मुझे जेल में मरवा दें गोली'

'पिताजी आनंद मोहन की सजा पूरी हो चुकी है. उन्होंने 14 साल की सजा पूरी कर ली है. छह महीने ज्यादा हो गए हैं. इसके बावजूद सरकार उन्हें रिहा नहीं कर रही है. बिहार की जेलों की क्षमता से 25 प्रतिशत अधिक कैदी मौजूद हैं. बावजूद इसके पिता और उनके जैसे सैकड़ों लोगों को सरकार बंदी बनाकर जेल में रखे हुए है. सरकार किस कैदी को परिहार देती है और किसे रिहा करती है, यह पूरी तरह से सरकार के पिक एंड चूज पॉलिसी बनकर रह गई है. देश के कई राज्यों में जेल में बंद बंदियों के परिहार और रिहा करने की सारी प्रक्रिया को डिजिटलाइज करके रखा गया है. ताकि कोई भी व्यक्ति यह जान सके कि कौन जेल में हैं और कौन नहीं, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है.' -चेतन आनंद, राजद विधायक

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर समर्थक करेंगे गर्जना रैली, देखें पूर्व सांसद लवली आनंद ने क्या कहा...

चेतन आनंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि दिल्ली मॉडल के आधार पर देश के सभी राज्यों में यह नियम लागू होना चाहिए. कौन से कैदी कब रिहा हो रहे हैं, कब पैरोल पर जा रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद होनी चाहिए. मगर बिहार में ऐसा नहीं हो रहा है. सरकार अपने मनपसंद लोगों को सभी नियमों को ताक पर रखकर रिहा कर दे रही है. जो रिहा होने के लिए सभी अहर्ता रखते हैं, उन्हें नहीं कर रही है.

'14 साल का समय कम नहीं होता. पूर्व सांसद आनंद मोहन 14 साल 6 महीने का समय जेल में बिता चुके हैं. इस दौरान 1 दिन भी वे कैद से बाहर नहीं आए हैं. 3 दिसंबर 2021 को बिहार विधानसभा सत्र के दौरान सदन में प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र कुमार यादव ने जो वक्तव्य दिया, वह भ्रामक और गुमराह करने वाला है. मंत्री को विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ऐसे मंत्री को सरकार द्वारा तुरंत बर्खास्त करना चाहिए. आनंद मोहन परिहार की पूरी अहर्ता रखते हैं. मगर सरकार पूर्वाग्रह और राजनीतिक विद्वेष के कारण उन्हें परिहार नहीं दे रही.' -लवली आनंद, पूर्व सांसद

पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि कारा अधीक्षक, प्रोबेशन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी आनंद मोहन के लिए 14 साल की सजा पूरी होने के बाद कारा मुक्ति की अनुशंसा की है. साथ ही संबंधित कोर्ट ने भी सरकार से परिहार की पेशकश की है. ऐसे में बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आनंद मोहन को जेल से रिहा नहीं कर रहे. पूर्व में चुनाव के समय जब वोट की जरूरत थी तो महाराणा प्रताप की जयंती में खुद शामिल होकर कहे थे कि आनंद मोहन उनके साथ ही रहे हैं. उन्हें भी उनकी चिंता रहती है, लेकिन अब साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह चिंता लगी रहती है कि आनंद मोहन किसी प्रकार जेल से बाहर नहीं आए.

लवली आनंद ने कहा कि आगामी 29 जनवरी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि है. इस दिन सभी महाराणा के वंशज और आनंद मोहन समर्थक पटना के मिलर हाई स्कूल के ग्राउंड में जुटेंगे, लोगों को आमंत्रण देने के लिए वह बिहार के गांव-गांव का भ्रमण करेंगी. 29 जनवरी को गर्जना रैली के रूप में मना रहे हैं. इस दौरान आनंद मोहन समर्थक सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे और उन्हें बताएंगे कि जिस प्रकार राजनीतिक विद्वेष के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आनंद मोहन को रिहा नहीं कर रहे हैं, वह गलत कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- आनंद मोहन और अनंत सिंह के मुद्दे पर बोले तेजस्वी- बदले की भावना से काम कर रही है सरकार

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.