पटना: बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू ( JDU ) में इन दिनों सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. ऐसे तो विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Election ) के बाद से जिस प्रकार बड़े फैसले हुए और पहले आरसीपी सिंह ( RCP Singh ) को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, उससे भी पार्टी का एक खेमा खुश नहीं था और फिर जब उपेंद्र कुशवाहा ( Upendra Kushwaha ) को शामिल कराकर संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया तो उससे आरसीपी खेमा खुश नहीं है. अब ललन सिंह ( Lalan Singh ) को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के बाद पार्टी अलग-अलग खेमे में दिखने लगी है. हालांकि पार्टी के नेता किसी तरह की गुटबाजी से इनकार कर रहे हैं और नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) को पार्टी का एकमात्र नेता बता रहे हैं, जिनके नीति और सिद्धांत पर ही पार्टी काम करती है.
जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप के इस्तीफे से एक बात साफ हो गई है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. अमरदीप ने फोन से बातचीत में ही कहा है की पार्टी में उनके लिए रहना सहज नहीं है और सम्मान से कभी समझौता नहीं कर सकते हैं. अमरदीप आरसीपी खेमे के माने जाते हैं अभी हाल में राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी, आरसीपी सिंह जो अपना संबोधन किया था उसे अमरदीप ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था और पार्टी का एक खेमा इसको लेकर नाराज था.
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दरअसल, पार्टी में पहले से ही खेमेबाजी देखने को मिल रही है. उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी में आने के बाद से आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा दो खेमे में नजर आ रहे हैं और अब ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद भी पार्टी में गुटबाजी बढ़ने लगी है. आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से भी पार्टी का एक खेमा खुश नहीं है.
पार्टी के अंदर अब आरसीपी सिंह गुट, उपेंद्र कुशवाहा गुट और ललन सिंह गुट की चर्चा होने लगी है. लेकिन पार्टी प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है कि पार्टी के अंदर गुटबाजी नहीं है और हम सब के नेता एकमात्र नीतीश कुमार ही हैं. उन्हीं के बताए नीति और सिद्धांत पर पार्टी काम करती है और पार्टी के नेता विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेवारी निर्वाह करते हैं. हाल में जो कुछ मामला हुआ है उस पर शीर्ष नेतृत्व का ही कोई फैसला होगा.
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वहीं, सहयोगी बीजेपी के प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि यह जदयू का अंदरूनी मामला है लेकिन हम लोगों की चिंता है. जदयू अधिक से अधिक मजबूत हो, जिससे हमें भी मजबूती मिले और हर पार्टी में कुछ ना कुछ होता है. अब जदयू में कौन किससे नाराज है, यह तो जदयू के लोग ही बेहतर बता सकते हैं लेकिन बीजेपी अपने सहयोगियों को हमेशा मदद करने के लिए तैयार है.
वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा का कहना है कि जदयू अभी संक्रमण के दौर से गुजर रही है. पार्टी के कई दिग्गज नेता बड़ी भूमिका में पहली बार आए हैं. यही कारण है कि यह स्थिति पैदा हुई है और यह स्थिति 2024 तक बना रहे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के अंदर एक के बाद एक कई प्रयोग कर रहे हैं और इसके कारण भी पार्टी के अंदर गुटबाजी बढ़ी है. विधानसभा चुनाव के बाद कई लोगों को पार्टी के में शामिल भी कराया है. उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी में आने के बाद से पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई भी बढ़ी है. ऐसे तो सभी गुट नीतीश कुमार को ही अपना नेता मानते हैं लेकिन पार्टी में अपना दबदबा बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं.