पटना: बिहार के विश्वविद्यालयों के पीएल खातों ( Universities Personal Ledger) में करोड़ों की राशि पड़ी है. लेकिन विश्वविद्यालय से रिटायर होने वाले शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी को अपनी ही राशि के लिए भटकना पड़ रहा है. यह एक नहीं बल्कि कई विश्वविद्यालयों की कहानी है. लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर बिहार शिक्षा विभाग ने सीधे कार्रवाई का मन बना लिया है. विश्वविद्यालय अपने पीएल (Personal Ledger) अकाउंट का ब्यौरा नहीं उपलब्ध कराएंगे तो रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी पर कार्रवाई होगी.
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शिक्षा विभाग की सख्ती विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन लाने को लेकर अहम मानी जा रही है. दरअसल बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के पीएल खाते में 11 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि पड़ी है, लेकिन फिर भी इन विश्वविद्यालयों के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी अपने वेतन, पीएफ और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ के लिए परेशान हैं और भटक रहे हैं. ये शिकायतें लगातार शिक्षा विभाग को मिल रही थीं.
विभाग (Bihar Education department ) द्वारा बार-बार निर्देश के बावजूद ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने पीएल खाते का ब्यौरा शिक्षा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया है. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमार ने (Education Director Dr. Rekha Kumari ) ईटीवी भारत को खास बातचीत में बताया कि अब शिक्षा विभाग ने कार्रवाई का मन बना लिया है. जो विश्वविद्यालय एक तय समय में पीएल खाते का पूरा विवरण उपलब्ध नहीं कराएगा. उस विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी का वेतन तुरंत प्रभाव से रोक दिया जाएगा. हालांकि जिन विश्वविद्यालयों में रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी नए हैं, वहां शिक्षा विभाग कड़ी कार्रवाई करने से पहले पर्याप्त मौका देगा.
'गूगल मीट के जरिए भी सभी विश्वविद्यालय के संबंधित पदाधिकारियों से बात हुई है. हम हर विश्वविद्यालय से गूगल मीट के जरिए अलग-अलग बात करेंगे. उनसे उनके पीएल अकाउंट में बची राशि का पूरा ब्यौरा लेंगे. उन्हें सरकार के द्वारा मांगी गई जानकारी के बारे में बताएंगे ताकि वित्तीय परेशानी कर्मचारियों को नहीं झेलनी पड़े. रेखा कुमारी ने कहा कि हर विश्वविद्यालय से हमने यह पूरा ब्योरा मांगा है कि किस शिक्षक या शिक्षकेतर कर्मी के वेतन, पेंशन या अन्य मद में कितनी राशि पेंडिंग है.' :- डॉ. रेखा कुमारी, उच्च शिक्षा निदेशक, बिहार
डॉ. रेखा कुमारी ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि किसी भी तरह पीएल अकाउंट में पड़ी राशि का सदुपयोग कर सकें. वर्ष 2018 से ही स्पोर्ट्स, लैब और लाइब्रेरी मद में दी गई राशि भी कई विश्वविद्यालयों के पीएल अकाउंट में पड़ी हुई है. जिसके बारे में सभी विश्वविद्यालयों को पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराना ही होगा. जिन विश्वविद्यालयों में ज्यादा राशि बची होगी वह शिक्षा विभाग को लौटाएंगे और जिन विश्वविद्यालयों में अधिक राशि की जरूरत होगी उन्हें शिक्षा विभाग उपलब्ध कराएगा.
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जानें नवंबर 2021 तक किस-किस विश्वविद्यालय के पीएल खाते में कितनी राशि बची है :-
- बिहार विश्वविद्यालय : 331.44 करोड़ रुपये
- पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय : 154.66 करोड़ रुपये
- मगध विश्वविद्यालय : 122.84 करोड़ रुपये
- तिलकामांझी विश्वविद्यालय : 98.76 करोड़ रुपये
- जयप्रकाश विश्वविद्यालय 84.62 करोड़ रुपए
- मुंगेर विश्वविद्यालय : 80.96 करोड़ रुपये
- एलएनएमयू : 58.43 करोड़ रुपए
- बीएनएमयू 49.89 करोड़ रूपये
- पटना विश्वविद्यालय : 45.04 करोड़ रुपए
- वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय : 42.37 करोड़ रुपए
- पूर्णिया विश्वविद्यालय : 35.44 करोड़ रुपए
- केएसडीयू : 16.6 करोड़ रुपये
- अरबी फारसी विश्वविद्यालय : 0.44 करोड़ रुपये
वहीं इन सबके बीच जेपी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. रवि प्रकाश को शिक्षा विभाग ने शो कॉज नोटिस जारी किया है. क्योंकि उन्होंने शिक्षा विभाग की तरफ से भेजे गए 25 से ज्यादा पत्रों के जवाब नहीं दिए हैं. डॉ रेखा कुमारी ने बताया कि अगर वह एक महीने में जवाब नहीं देते हैं तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा.
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