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शीतकालीन सत्र: RJD और कांग्रेस की राहें जुदा, विपक्षी बिखराव से सत्ता पक्ष गदगद

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Assembly) के दौरान इस बार सदन के अंदर माहौल थोड़ा अलग होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आरजेडी और कांग्रेस (RJD and Congress) अपने-अपने तरीके से मुद्दों को उठाएगी और सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. उपचुनाव के दौरान बढ़ी दूरियां फिलहाल घटती नहीं दिख रही है.

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र
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Published : Nov 14, 2021, 5:41 PM IST

पटना: 29 नवंबर से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Assembly) शुरू हो रहा है. सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस (RJD and Congress) की राहें अलग-अलग होंगी. उपचुनाव में दोनों दलों के बीच बढ़ी दूरी का असर शीतकालीन सत्र के दौरान भी देखने को मिल सकता है. हालांकि दोनों दलों के नेता कहते हैं कि मुद्दों पर एक-दूसरे का साथ जरूर देंगे. वहीं, बीजेपी (BJP) कहती है कि जब दोनों साथ में थे, तब तो सरकार को कभी फर्क ही नहीं पड़ा. अब जब अलग हो गए हैं तो भला क्या कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें: शीतकालीन सत्र: उपचुनाव में जीत से NDA के पक्ष में शक्ति संतुलन, क्या कोई चुनौती पेश कर पाएगा विपक्ष?

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ (Congress Spokesperson Rajesh Rathod) ने कहा कि हमारी पार्टी की रणनीति अलग होगी. हम रणनीति के हिसाब से सरकार को घेरेंगे. मुद्दा अगर जनहित का होगा तो वैसी स्थिति में आरजेडी को भी हमारे साथ आना चाहिए.

देखें रिपोर्ट

आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद (RJD Spokesperson Ejaz Ahmed) ने कहा है कि हम इस बार सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. जहरीली शराब का मामला हो या फिर बिहार में बढ़ रहे अपराध का मामला हो, हम सरकार को हर मुद्दे पर घेरेंगे. कांग्रेस को भी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में सरकार को घेरने के लिए आगे आना चाहिए.

ये भी पढ़ें: संजय जायसवाल ने राहुल गांधी को भेजी 'गीता', कहा- हिंदुत्व को समझना चाहते हैं तो अध्ययन जरूर करें

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह (BJP Spokesperson Arvind Singh) ने कहा है कि दोनों दल जब साथ-साथ थे, तब भी हम विकास कार्यों में लगे थे और वह अलग-अलग हैं तब भी हमारी प्राथमिकता विकास है. उनके साथ-साथ या अलग-अलग होने से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है.

29 नवंबर से लेकर 3 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य होंगे...

  • पहले दिन नए सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी.
  • बिहार विधान मंडल में राज्यपाल के स्वीकृत प्रतियों को सदन पटल पर रखा जाएगा.
  • वित्तीय वर्ष 2021- 22 का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी भी सदन पटल पर रखा जाएगा.
  • 30 नवंबर और 1 दिसंबर को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे.
  • 2 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2021- 22 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद होगा और तत्संबंधी विनियोग विधेयक पर मतदान होगा.
  • 3 दिसंबर को गैर सरकारी पर चर्चा होगी.

पटना: 29 नवंबर से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Assembly) शुरू हो रहा है. सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस (RJD and Congress) की राहें अलग-अलग होंगी. उपचुनाव में दोनों दलों के बीच बढ़ी दूरी का असर शीतकालीन सत्र के दौरान भी देखने को मिल सकता है. हालांकि दोनों दलों के नेता कहते हैं कि मुद्दों पर एक-दूसरे का साथ जरूर देंगे. वहीं, बीजेपी (BJP) कहती है कि जब दोनों साथ में थे, तब तो सरकार को कभी फर्क ही नहीं पड़ा. अब जब अलग हो गए हैं तो भला क्या कर पाएंगे.

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कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ (Congress Spokesperson Rajesh Rathod) ने कहा कि हमारी पार्टी की रणनीति अलग होगी. हम रणनीति के हिसाब से सरकार को घेरेंगे. मुद्दा अगर जनहित का होगा तो वैसी स्थिति में आरजेडी को भी हमारे साथ आना चाहिए.

देखें रिपोर्ट

आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद (RJD Spokesperson Ejaz Ahmed) ने कहा है कि हम इस बार सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. जहरीली शराब का मामला हो या फिर बिहार में बढ़ रहे अपराध का मामला हो, हम सरकार को हर मुद्दे पर घेरेंगे. कांग्रेस को भी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में सरकार को घेरने के लिए आगे आना चाहिए.

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वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह (BJP Spokesperson Arvind Singh) ने कहा है कि दोनों दल जब साथ-साथ थे, तब भी हम विकास कार्यों में लगे थे और वह अलग-अलग हैं तब भी हमारी प्राथमिकता विकास है. उनके साथ-साथ या अलग-अलग होने से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है.

29 नवंबर से लेकर 3 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य होंगे...

  • पहले दिन नए सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी.
  • बिहार विधान मंडल में राज्यपाल के स्वीकृत प्रतियों को सदन पटल पर रखा जाएगा.
  • वित्तीय वर्ष 2021- 22 का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी भी सदन पटल पर रखा जाएगा.
  • 30 नवंबर और 1 दिसंबर को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे.
  • 2 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2021- 22 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद होगा और तत्संबंधी विनियोग विधेयक पर मतदान होगा.
  • 3 दिसंबर को गैर सरकारी पर चर्चा होगी.
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