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सीएम Vs स्पीकर प्रकरण पर असमंजस में BJP, विपक्ष की मांग पर बोला JDU- 'गर्दन कटा लेंगे लेकिन माफी नहीं मांगेंगे नीतीश कुमार'

स्पीकर विजय सिन्हा और नीतीश कुमार में नोकझोंक का असर सदन की कार्यवाही पर भी देखने को मिला. नाराज विधानसभा अध्यक्ष आसन पर नहीं बैठे. दिनभर बिहार विधानसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा (Opposition Protests in Bihar Assembly) जारी रहा. विपक्ष का स्पष्ट कहना है कि अपने रवैये के लिए नीतीश कुमार को आसन से माफी मांगनी चाहिए (Nitish Kumar Should Apologize to Speaker), अन्यथा सदन को चलने नहीं देंगे. हालांकि जेडीयू का कहना है कि सीएम किसी भी सूरत में माफी नहीं मांगेंगे.

बिहार विधानसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा
बिहार विधानसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा
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Published : Mar 15, 2022, 9:55 PM IST

पटना: मंगलवार को लंबे अरसे बाद ऐसा हुआ कि बिहार विधानसभा की कार्यवाही दिन भर बाधित रही. इसकी वजह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) के बीच सोमवार को हुई जुबानी जंग है. काली पट्टी बांधकर विपक्षी विधायकों ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया. इस दौरान लगातार नीतीश कुमार से माफी की मांग करते रहे. विपक्ष ने सीएम से इस्तीफे तक की मांग कर दी. उधर, बीजेपी के सदस्य भी विधानसभा अध्यक्ष को आसन पर बुलाने की मांग कर रहे थे.

ये भी पढ़ें: रूठे रूठे माननीय नहीं पहुंचे सदन: न सीएम नीतीश आए और ना ही विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा

माफी नहीं तो इस्तीफा दें: कांग्रेस विधायक राजेश राम ने कहा कि जब मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के बीच ही विवाद होगा तो इसका समाधान कौन करेगा, यह ठीक नहीं है. वहीं आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि यह गंभीर मामला है. मुख्यमंत्री के बयान के बाद विधानसभा अध्यक्ष को अब अपने पद पर नहीं रहना चाहिए, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. यदि विधानसभा अध्यक्ष सही हैं तो फिर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

असमंजस में बीजेपी विधायक: विपक्ष भले ही सीएम से माफी की मांग पर अड़ा हो लेकर सत्ता पक्ष के विधायक असमंजस में दिखे. बीजेपी विधायकों ने माना कि पार्टी को विधायक दल की बैठक बुलानी चाहिए और हम लोग क्या करें, यह बताना चाहिए. वहीं जेडीयू की तरफ से भी खुलकर बोलने से विधायक बचते रहे.

सीएम की माफी का सवाल नहीं: हालांकि जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने इतना जरूर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष नाराज नहीं रूठ गए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री मना लेंगे. उन्होंने कहा कि जहां तक माफी की बात है तो सीएम किसी भी कीमत पर माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि उन्होंने कोई गलती नहीं की है. मुख्यमंत्री गर्दन कटा लेंगे लेकिन माफी नहीं मांगेंगे. सही बात है कि पहले संविधान पढ़ना चाहिए, उसके बाद ही कुछ बोलना चाहिए.

ये भी पढ़ें: बिहार विधानसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा, कहा- जब तक आसन से माफी नहीं मांगेंगे CM, सदन नहीं चलने देंगे

जब विधानसभा में भड़क गए नीतीश : दरअसल, लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Misbehave with Speaker Vijay Sinha in Lakhisarai) के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे. ऐसे में सोमवार को सीएम ने सदन में कहा कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. बार-बार इस तरह से इस मुद्दे को सदन में उठाना सही नहीं है. हम न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं. विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है. इस दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष (Debate Between CM Nitish Kumar and Speaker Vijay Sinha ) के बीच तीखी बहस हुई थी.

स्पीकर पर बिफरे नीतीश: सीएम ने इस दौरान सदन में कहा था कि सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाता है. सदन में नहीं जाता है. कृपया करके ज्यादा मत करिए जो चीज जिस का अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. इस मामले को अकारण आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. आप संविधान देख लीजिए संविधान क्या कहता है.

नीतीश की नसीहत पर स्पीकर ने क्या कहा?: वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा था कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा, वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगी, उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है, उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार ने क्यों गंभीरता से नहीं लिया? पुलिस द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं, मैं आपसे सीखता हूं.

ये भी पढ़ें: सदन में नीतीश का बर्ताव निंदनीय, मुख्यमंत्री को नहीं है संविधान का ज्ञान: जगदानंद सिंह

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पटना: मंगलवार को लंबे अरसे बाद ऐसा हुआ कि बिहार विधानसभा की कार्यवाही दिन भर बाधित रही. इसकी वजह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) के बीच सोमवार को हुई जुबानी जंग है. काली पट्टी बांधकर विपक्षी विधायकों ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया. इस दौरान लगातार नीतीश कुमार से माफी की मांग करते रहे. विपक्ष ने सीएम से इस्तीफे तक की मांग कर दी. उधर, बीजेपी के सदस्य भी विधानसभा अध्यक्ष को आसन पर बुलाने की मांग कर रहे थे.

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माफी नहीं तो इस्तीफा दें: कांग्रेस विधायक राजेश राम ने कहा कि जब मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के बीच ही विवाद होगा तो इसका समाधान कौन करेगा, यह ठीक नहीं है. वहीं आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि यह गंभीर मामला है. मुख्यमंत्री के बयान के बाद विधानसभा अध्यक्ष को अब अपने पद पर नहीं रहना चाहिए, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. यदि विधानसभा अध्यक्ष सही हैं तो फिर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

असमंजस में बीजेपी विधायक: विपक्ष भले ही सीएम से माफी की मांग पर अड़ा हो लेकर सत्ता पक्ष के विधायक असमंजस में दिखे. बीजेपी विधायकों ने माना कि पार्टी को विधायक दल की बैठक बुलानी चाहिए और हम लोग क्या करें, यह बताना चाहिए. वहीं जेडीयू की तरफ से भी खुलकर बोलने से विधायक बचते रहे.

सीएम की माफी का सवाल नहीं: हालांकि जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने इतना जरूर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष नाराज नहीं रूठ गए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री मना लेंगे. उन्होंने कहा कि जहां तक माफी की बात है तो सीएम किसी भी कीमत पर माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि उन्होंने कोई गलती नहीं की है. मुख्यमंत्री गर्दन कटा लेंगे लेकिन माफी नहीं मांगेंगे. सही बात है कि पहले संविधान पढ़ना चाहिए, उसके बाद ही कुछ बोलना चाहिए.

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जब विधानसभा में भड़क गए नीतीश : दरअसल, लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Misbehave with Speaker Vijay Sinha in Lakhisarai) के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे. ऐसे में सोमवार को सीएम ने सदन में कहा कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. बार-बार इस तरह से इस मुद्दे को सदन में उठाना सही नहीं है. हम न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं. विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है. इस दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष (Debate Between CM Nitish Kumar and Speaker Vijay Sinha ) के बीच तीखी बहस हुई थी.

स्पीकर पर बिफरे नीतीश: सीएम ने इस दौरान सदन में कहा था कि सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाता है. सदन में नहीं जाता है. कृपया करके ज्यादा मत करिए जो चीज जिस का अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. इस मामले को अकारण आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. आप संविधान देख लीजिए संविधान क्या कहता है.

नीतीश की नसीहत पर स्पीकर ने क्या कहा?: वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा था कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा, वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगी, उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है, उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार ने क्यों गंभीरता से नहीं लिया? पुलिस द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं, मैं आपसे सीखता हूं.

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