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पटना में डीजल ऑटो की परमिट मार्च 2023 तक बढ़ाने की मांग, चालकों ने किया दो दिवसीय हड़ताल

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Published : Apr 6, 2022, 4:41 PM IST

पटना में डीजल ऑटो बंद कर दिया गया है. परिवहन विभाग ने डीजल ऑटो के बदले CNG ऑटो चलाने का आदेश (CNG Auto In Patna) दिया है. इसके विरोध में ऑटो चालक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

auto drivers protest
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पटना: बिहार की राजधानी पटना में 1 अप्रैल से डीजल ऑटो का परिचालन परिवहन विभाग ने बंद (Diesel Auto Ban In Patna From 1st April) कर CNG ऑटो चलाने का आदेश दिया है. इस फैसले के विरोध में ऑटो चालक संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले ऑटो चालकों की ओर से दो दिवसीय हड़ताल (6 और 7 अप्रैल) बुधवार से शुरू ( Diesel Auto Drivers Strike In Patna) हुआ. पटना जंक्शन ऑटो स्टैंड पर ऑटो चालकों की ओर से फैसले के विरोध में धरना भी दिया जा रहा है. संघर्ष समिति मार्च 2023 तक (एक साल) पटना में डीजल ऑटो के लिए परमिट सहित 5 सूत्री मांगों पर अड़े हुए हैं.

पढ़ें- बिहार में CNG पंप और इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट की कमी, वाहन चालकों के लिए बना परेशानी का सबब

8 अप्रैल को सीएम आवास घेराव की चेतावनीः ऑटो चालक संयुक्त संघर्ष समिति के धरने में ऑटो चालक 7 अप्रैल तक मांगे पूरी नहीं होने पर 8 अप्रैल को सीएम आवास घेराव की तैयारी में हैं. ऑटो यूनियन के अध्यक्ष नवीन मिश्रा ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर यह तुगलकी फरमान हम लोगों को जान मारने के लिए जारी किया गया है. हम लोगों की अभी स्थिति भूख से मरने वाली हो गई है. सरकार से हमारा आग्रह है कि डीजल ऑटो चालकों को कम से कम 1 साल का मौका दिया जाए, इसके बाद हम लोग खुद अपने ऑटो को सीएनजी ऑटो में कन्वर्ट करा लेंगे.

कोरोना के बाद से ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति खराबः वहीं ऑटो चालकों ने कहा कि कोरोना के बाद हम लोगों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है. हम लोग रोज कमाने खाने वाले लोग हैं. अब हम लोग कहां से अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे. सरकार अगर हम लोगों की बात नहीं मानती है, तो हम लोग मुख्यमंत्री का घेराव करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. इस दौरान ऑटो चालकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


12000 से ज्यादा डीजल ऑटो चालक हुए बेरोजगारः प्रशासन की ओर डीजल से चलने वाले ऑटो और बसों पर रोक लग गयी है. परिवहन विभाग ने शहर में डीजल बसें और ऑटो चलाने की अनुमति 31 मार्च तक ही दी थी. राजधानी पटना की सड़कों पर डीजल इंजन वाले बस एवं ऑटो पर नये आदेश का प्रभाव पड़ा है. चालकों के अनुसार इससे लगभग 250 डीजल बस चालक और 12000 से ज्यादा डीजल ऑटो चालक बेरोजगार हो गए हैं. वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है.

कई बार पहले भी बढ़ चुकी है डेडलाइनः बिहार स्वच्छ ईंधन योजना 2019 (Bihar Clean Fuel Scheme) के तहत सीएनजी (CNG) चालित वाहनों को बढ़ावा देने की नीति पर सरकार काम कर रही है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के एडवाइजरी के मुताबिक डीजल चालित तीन पहिया वाहनों और पुराने पेट्रोल चालित तिपहिया वाहनों के परिचालन से पटना शहर की वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था. इसे देखते हुए बिहार सरकार ने पहले 31 जनवरी 2021 से पटना नगर निगम और 31 मार्च 2021 से दानापुर खगौल और फुलवारी शरीफ नगर परिषद में डीजल चालित ऑटो का परिचालन प्रतिबंध करने का निर्णय लिया था. बाद में इस डेडलाइन को बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया. चालकों की मांग पर सरकार की ओर से 31 मार्च 2022 तक डेडलाइन बढ़ाया गया था.

पढ़ें- राजधानी की सड़कों पर नहीं चलेगी डीजल मिनी बस, CNG में कन्वर्ट कराने या नई बस खरीदने के आदेश

पढ़ें- पटना की सड़कों पर दिखने लगा सरकारी फरमान का असर, नहीं चल रहे डीजल वाले ऑटो

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पटना: बिहार की राजधानी पटना में 1 अप्रैल से डीजल ऑटो का परिचालन परिवहन विभाग ने बंद (Diesel Auto Ban In Patna From 1st April) कर CNG ऑटो चलाने का आदेश दिया है. इस फैसले के विरोध में ऑटो चालक संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले ऑटो चालकों की ओर से दो दिवसीय हड़ताल (6 और 7 अप्रैल) बुधवार से शुरू ( Diesel Auto Drivers Strike In Patna) हुआ. पटना जंक्शन ऑटो स्टैंड पर ऑटो चालकों की ओर से फैसले के विरोध में धरना भी दिया जा रहा है. संघर्ष समिति मार्च 2023 तक (एक साल) पटना में डीजल ऑटो के लिए परमिट सहित 5 सूत्री मांगों पर अड़े हुए हैं.

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8 अप्रैल को सीएम आवास घेराव की चेतावनीः ऑटो चालक संयुक्त संघर्ष समिति के धरने में ऑटो चालक 7 अप्रैल तक मांगे पूरी नहीं होने पर 8 अप्रैल को सीएम आवास घेराव की तैयारी में हैं. ऑटो यूनियन के अध्यक्ष नवीन मिश्रा ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर यह तुगलकी फरमान हम लोगों को जान मारने के लिए जारी किया गया है. हम लोगों की अभी स्थिति भूख से मरने वाली हो गई है. सरकार से हमारा आग्रह है कि डीजल ऑटो चालकों को कम से कम 1 साल का मौका दिया जाए, इसके बाद हम लोग खुद अपने ऑटो को सीएनजी ऑटो में कन्वर्ट करा लेंगे.

कोरोना के बाद से ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति खराबः वहीं ऑटो चालकों ने कहा कि कोरोना के बाद हम लोगों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है. हम लोग रोज कमाने खाने वाले लोग हैं. अब हम लोग कहां से अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे. सरकार अगर हम लोगों की बात नहीं मानती है, तो हम लोग मुख्यमंत्री का घेराव करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. इस दौरान ऑटो चालकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


12000 से ज्यादा डीजल ऑटो चालक हुए बेरोजगारः प्रशासन की ओर डीजल से चलने वाले ऑटो और बसों पर रोक लग गयी है. परिवहन विभाग ने शहर में डीजल बसें और ऑटो चलाने की अनुमति 31 मार्च तक ही दी थी. राजधानी पटना की सड़कों पर डीजल इंजन वाले बस एवं ऑटो पर नये आदेश का प्रभाव पड़ा है. चालकों के अनुसार इससे लगभग 250 डीजल बस चालक और 12000 से ज्यादा डीजल ऑटो चालक बेरोजगार हो गए हैं. वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है.

कई बार पहले भी बढ़ चुकी है डेडलाइनः बिहार स्वच्छ ईंधन योजना 2019 (Bihar Clean Fuel Scheme) के तहत सीएनजी (CNG) चालित वाहनों को बढ़ावा देने की नीति पर सरकार काम कर रही है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के एडवाइजरी के मुताबिक डीजल चालित तीन पहिया वाहनों और पुराने पेट्रोल चालित तिपहिया वाहनों के परिचालन से पटना शहर की वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था. इसे देखते हुए बिहार सरकार ने पहले 31 जनवरी 2021 से पटना नगर निगम और 31 मार्च 2021 से दानापुर खगौल और फुलवारी शरीफ नगर परिषद में डीजल चालित ऑटो का परिचालन प्रतिबंध करने का निर्णय लिया था. बाद में इस डेडलाइन को बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया. चालकों की मांग पर सरकार की ओर से 31 मार्च 2022 तक डेडलाइन बढ़ाया गया था.

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