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दरभंगा नगर निगम के महापौर और उपमहापौर समेत कई पार्षद पदमुक्त, सभी भ्रष्टाचार के दोषी

बिहार नगर विकास विभाग (Urban Development Department Bihar) ने दरभंगा में शौचालय आवंटन में भ्रष्टाचार के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए दरभंगा नगर निगम की महापौर और उपमहापौर समेत कई पार्षदों को सस्पेंड कर दिया. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

बिहार नगर विकास विभाग
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Published : Dec 8, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 10:00 PM IST

पटना: दरभंगा शौचालय आवंटन घोटाला (Darbhanga toilet allotment scam) के आरोप में जांच में दोषी पाए गए कई पार्षदों की कुर्सी चली गई. दरभंगा नगर निगम की महापौर बैजंती देवी खेड़िया और उपमहापौर बदरूज्जमां खान समेत स्थाई समिति के सदस्यों को पद मुक्त कर दिया गया है. नगर विकास विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए ये आदेश जारी किया है.

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नगर विकास एवं आवास विभाग ने यह कार्रवाई प्रमंडलीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट के बाद की है. इस पूरे मामले की शिकायत पार्षद मधुबाला सिन्हा और पूर्व पार्षद प्रदीप गुप्ता समेत कई प्रमंडलीय आयुक्त से की थी. आयुक्त ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट नगर विकास विभाग को भेजी, जिसके बाद नगर विकास विभाग ने यह कार्रवाई की है.

प्रदीप गुप्ता और शंकर प्रसाद जायसवाल वार्ड पार्षद (वार्ड नंबर 41) और अन्य वार्ड पार्षदों ने दरभंगा प्रमंडलीय आयुक्त को शिकायत की थी कि दरभंगा नगर निगम (Darbhanga Municipal Corporation) की महापौर सशक्त स्थाई समिति और तत्कालीन नगर आयुक्त ने दरभंगा नगर निगम में 9 शौचालयों की बंदोबस्ती में नियमों को नजरअंदाज कर 27 लाख रुपए की अनियमित छूट दी है.

ये भी पढ़ें- बिहार में क्या हो रहा है? दरभंगा के बाद अब मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रेट परिसर में मिली शराब की खाली बोतलें

प्रमंडलीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट में 25 अगस्त 2016 से 24 अगस्त 2019 तक 9 शौचालयों की बंदोबस्ती के बाद बंदोबस्त राशि कुल 66,00,585 रुपए में कुल 27,19,008 रुपए की अनियमित छूट दिए जाने का आरोप सही पाया गया. जिसके बाद महापौर समेत सशक्त स्थाई समिति के सभी सदस्यों को दोषी पाया गया.

नगर विकास एवं आवास ने 6 दिसंबर को आदेश जारी किया है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 17 (4) के तहत अजय कुमार जालान, सोहन यादव, सुबोध कुमार, मोहम्मद सिबगतुल्लाह, विनोद मंडल, आशा किशोर प्रजापति और नुसरत आलम को वार्ड पार्षद नगर निगम दरभंगा के पद से पद मुक्त किया जाता है.

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पटना: दरभंगा शौचालय आवंटन घोटाला (Darbhanga toilet allotment scam) के आरोप में जांच में दोषी पाए गए कई पार्षदों की कुर्सी चली गई. दरभंगा नगर निगम की महापौर बैजंती देवी खेड़िया और उपमहापौर बदरूज्जमां खान समेत स्थाई समिति के सदस्यों को पद मुक्त कर दिया गया है. नगर विकास विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए ये आदेश जारी किया है.

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नगर विकास एवं आवास विभाग ने यह कार्रवाई प्रमंडलीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट के बाद की है. इस पूरे मामले की शिकायत पार्षद मधुबाला सिन्हा और पूर्व पार्षद प्रदीप गुप्ता समेत कई प्रमंडलीय आयुक्त से की थी. आयुक्त ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट नगर विकास विभाग को भेजी, जिसके बाद नगर विकास विभाग ने यह कार्रवाई की है.

प्रदीप गुप्ता और शंकर प्रसाद जायसवाल वार्ड पार्षद (वार्ड नंबर 41) और अन्य वार्ड पार्षदों ने दरभंगा प्रमंडलीय आयुक्त को शिकायत की थी कि दरभंगा नगर निगम (Darbhanga Municipal Corporation) की महापौर सशक्त स्थाई समिति और तत्कालीन नगर आयुक्त ने दरभंगा नगर निगम में 9 शौचालयों की बंदोबस्ती में नियमों को नजरअंदाज कर 27 लाख रुपए की अनियमित छूट दी है.

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प्रमंडलीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट में 25 अगस्त 2016 से 24 अगस्त 2019 तक 9 शौचालयों की बंदोबस्ती के बाद बंदोबस्त राशि कुल 66,00,585 रुपए में कुल 27,19,008 रुपए की अनियमित छूट दिए जाने का आरोप सही पाया गया. जिसके बाद महापौर समेत सशक्त स्थाई समिति के सभी सदस्यों को दोषी पाया गया.

नगर विकास एवं आवास ने 6 दिसंबर को आदेश जारी किया है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 17 (4) के तहत अजय कुमार जालान, सोहन यादव, सुबोध कुमार, मोहम्मद सिबगतुल्लाह, विनोद मंडल, आशा किशोर प्रजापति और नुसरत आलम को वार्ड पार्षद नगर निगम दरभंगा के पद से पद मुक्त किया जाता है.

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Last Updated : Dec 8, 2021, 10:00 PM IST
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