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किसान संगठन व ट्रेड यूनियन के समर्थन आए वामदल, बुधवार को मनाया काला दिवस

बुधवार को वाम दलों ने भी काला दिवस मनाया. किसानों के समर्थन में वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने घरों और कार्यालयों से सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.

patna
ट्रेड यूनियन के समर्थन आए वामदल
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Published : May 27, 2021, 2:05 AM IST

पटनाः संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियन के आवाहन को वामदलों ने भी समर्थन दिया है. बुधवार के वाम दलों ने भी काला दिवस के रूप में मनाया. राजधानी पटना में भाकपा माले व सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने भी अपने-अपने घरों और कार्यालयों से प्रदर्शन करके सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज किया. भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर 6 माह से किसान धरने पर बैठे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है. सरकार का रवैया यह काफी निंदनीय है.

इसे भी पढ़ेंः किसान आज मनाएंगे काला दिवस, टिकैत बोले- दिन में दिखाई देगा सब काला

हमारी पार्टी किसान आंदोलन के पक्ष मेंः कुणाल
कुणाल ने कहा कि अब तक 100 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं. इसलिए आज किसान व मजदूर संगठनों का हमने समर्थन किया है और हमारी पार्टी पूरी तरह से किसान आंदोलन के पक्ष में है. सरकार जब तक तीनों किसान विरोधी काले कानून को वापस नहीं लेती और एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों और कार्यालयों से अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं सीपीआईएम ने भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज किया है.

कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाया
पार्टी के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि 7 वर्षों से मोदी सरकार सत्ता में है, लेकिन आम जनता, गरीब जनता व किसानों को कोई लाभ नहीं मिला. सरकार ने सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों को और कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाया है. जनता विरोधी इस सरकार के खिलाफ अब लोगों में काफी आक्रोश बढ़ रहा है. आज अपने प्रदर्शन के जरिए हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार तीनों किसान विरोधी काले कानूनों को रद्द करें.

पटनाः संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियन के आवाहन को वामदलों ने भी समर्थन दिया है. बुधवार के वाम दलों ने भी काला दिवस के रूप में मनाया. राजधानी पटना में भाकपा माले व सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने भी अपने-अपने घरों और कार्यालयों से प्रदर्शन करके सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज किया. भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर 6 माह से किसान धरने पर बैठे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है. सरकार का रवैया यह काफी निंदनीय है.

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हमारी पार्टी किसान आंदोलन के पक्ष मेंः कुणाल
कुणाल ने कहा कि अब तक 100 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं. इसलिए आज किसान व मजदूर संगठनों का हमने समर्थन किया है और हमारी पार्टी पूरी तरह से किसान आंदोलन के पक्ष में है. सरकार जब तक तीनों किसान विरोधी काले कानून को वापस नहीं लेती और एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों और कार्यालयों से अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं सीपीआईएम ने भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज किया है.

कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाया
पार्टी के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि 7 वर्षों से मोदी सरकार सत्ता में है, लेकिन आम जनता, गरीब जनता व किसानों को कोई लाभ नहीं मिला. सरकार ने सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों को और कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाया है. जनता विरोधी इस सरकार के खिलाफ अब लोगों में काफी आक्रोश बढ़ रहा है. आज अपने प्रदर्शन के जरिए हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार तीनों किसान विरोधी काले कानूनों को रद्द करें.

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