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मुंह पर नकाब बांधकर चलना कभी थी महिलाओं की मजबूरी, लेकिन आज है FASHION - कपड़े बांधकर चलने का क्रेज

लड़कियों के अनुसार, जब भी वह घर से बाहर निकलती हैं तो अपने चहरे पर नकाब जरूर बांधती है. ताकि वह उसकी रक्षा कर सके. इस गर्मी के मौसम में वे अपने चेहरे का खास ध्यान रखती हैं.

कॉलेज की छात्राएं
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Published : Aug 22, 2019, 12:07 AM IST

पटना: एक समय ऐसा था जब मुंह ढककर चलना महिलाओं की मजबूरी थी. मगर आज चेहरे पर नाकाब बांधना एक ट्रेंड सा हो गया है. शहर की लड़कियों में अपने चेहरे पर कपड़े बांधकर चलने का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है. लड़कियां इसे फैशन के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं.

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कॉलेज की छात्राएं

नकाब से होते हैं अनेक फायदे
ईटीवी भारत की टीम ने जब इस बारे में लड़कियों से बात की तो उन्होंने बताया कि चेहरे पर कपड़ा बांधने से उन्हें अनेकों फायदे होते हैं. उनकी स्कीन चीलचीलाती धूप में जलने से बचती है. साथ ही प्रदूषण से भी बचाव होता है.

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मुंह पर नकाब बांधना महिलाओं के बीच फैशन

चहरे का रखती हैं खास ख्याल
लड़कियों के अनुसार, जब भी वह घर से बाहर निकलती हैं तो अपने चहरे पर नकाब जरूर बांधती है. ताकि वह उसकी रक्षा कर सके. इस गर्मी के मौसम में वे अपने चेहरे का खास ध्यान रखती हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

क्या कहते हैं बुद्धिजीवी
लेकिन समाज के बुद्धिजीवियों की मानें तो यह प्रचलन ठीक नहीं है. चेहरे पर कपड़ा बांध कर चलना सामाजिक हित और कानूनी तौर पर गलत होगा. चेहरा वही ढकते हैं जो कमजोर इंसान होते हैं. गलत नियत वाले लोग ही चेहरे को ढक कर चलते हैं.

पटना: एक समय ऐसा था जब मुंह ढककर चलना महिलाओं की मजबूरी थी. मगर आज चेहरे पर नाकाब बांधना एक ट्रेंड सा हो गया है. शहर की लड़कियों में अपने चेहरे पर कपड़े बांधकर चलने का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है. लड़कियां इसे फैशन के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं.

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कॉलेज की छात्राएं

नकाब से होते हैं अनेक फायदे
ईटीवी भारत की टीम ने जब इस बारे में लड़कियों से बात की तो उन्होंने बताया कि चेहरे पर कपड़ा बांधने से उन्हें अनेकों फायदे होते हैं. उनकी स्कीन चीलचीलाती धूप में जलने से बचती है. साथ ही प्रदूषण से भी बचाव होता है.

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मुंह पर नकाब बांधना महिलाओं के बीच फैशन

चहरे का रखती हैं खास ख्याल
लड़कियों के अनुसार, जब भी वह घर से बाहर निकलती हैं तो अपने चहरे पर नकाब जरूर बांधती है. ताकि वह उसकी रक्षा कर सके. इस गर्मी के मौसम में वे अपने चेहरे का खास ध्यान रखती हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

क्या कहते हैं बुद्धिजीवी
लेकिन समाज के बुद्धिजीवियों की मानें तो यह प्रचलन ठीक नहीं है. चेहरे पर कपड़ा बांध कर चलना सामाजिक हित और कानूनी तौर पर गलत होगा. चेहरा वही ढकते हैं जो कमजोर इंसान होते हैं. गलत नियत वाले लोग ही चेहरे को ढक कर चलते हैं.

Intro: spl

राजधानी पटना में लड़कियों के बीच बढ़ रहा है पर्दानशी होने का प्रचलन,
चेहरे पर कपडे बांध कर चल रही है लडकियां, फैशन का ले रहा रूप
देखिए पटना से शशि तुलस्यान कि एक खास रिपोर्ट:-


Body:वह दौर 12 वीं शताब्दी का था, जब समाज में महिलाओं को परदे में रखा जाता था और उसे घर के अंदर बाहर पर्दे में ही सारा काम करना होता था, लेकिन 21वीं सदी में सामाजिक आंदोलन के बाद आज महिलाएं परदे से बाहर स्वतंत्र रूप में खुली हवा में सांस ले रही है, लेकिन राजधानी पटना समेत कई बड़े शहरों में इन दिनों एक बार फिर से लडकियो के बिच पर्दानशी होने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, नतीजन हर लड़की अपने चेहरे पर कपड़ा बांधकर चल रही है, ऐसे में ज्यादातर कॉलेज गोइंग गर्ल चेहरे पर कपडा लगा कर चल रही है, जो इन दिनों फैशन का का रूप लेता दिख रहा है, ईटीवी भारत से खास बातचीत में कई लड़कियों ने कई तरह की बातों को बताया, किसी ने कड़ी धूप से बचने के लिए ,तो किसी ने पोलूशन और किसी ने सेफ्टी के बारे में बताया
लेकिन समाज के बुद्धिजीवियों की माने तो यह प्रचलन ठीक नहीं है, चेहरे पर कपड़ा बांध कर चलना सामाजिक हित और कानूनी तौर पर गलत होगा, चेहरा वही ढकते हैं जो कमजोर इंसान होते हैं और चेहरे के अंदर छुपा कर गलत नियति भी होती है।


Conclusion: गौरतलब है कि चेहरे पर कपड़े बांधने का प्रचलन लड़कियों का यह फैशन खतरनाक साबित हो रहा है, कई बार पुलिस प्रशासन इस पर्दे से कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इसी पर्दे के पीछे कई तरह के घटनाओं का अंजाम भी दिया जा रहा है



बाईट:-छात्रा
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बाईट:-प्रो.डॉ शशि सिंह
प्राचार्य, मगध महिला कॉलेज,पटना विश्वविद्यालय
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