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OCR तकनीक से पंचायत चुनाव की मतगणना, पारदर्शिता के साथ-साथ रिकॉर्ड भी मौजूद

राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद (State Election Commissioner Deepak Prasad) ने कहा कि ऑप्टिकल कैरक्टर रिकॉग्निशन (Optical Character Recognition) से पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की मतगणना (Counting) आसान हो गई है. इससे पारदर्शिता तो आई ही है, आयोग के पास रिकॉर्ड भी उपलब्ध रहते हैं.

दीपक प्रसाद
दीपक प्रसाद
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Published : Oct 27, 2021, 5:57 PM IST

पटना: बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव (Panchayat Election) को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) की तरफ से मतदान और मतगणना को निष्पक्ष तरीके से कराने को लेकर नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. देश में पहली बार पंचायत चुनाव में ईवीएम (EVM) और बायोमैट्रिक्स (Biometric) का प्रयोग किया जा रहा है. बायोमैट्रिक्स का प्रयोग करके बोगस वोटिंग (Bogus Voting) को रोकी जा रही है. इसके साथ ही मतगणना में ओसीआर टेक्नोलॉजी (OCR Technology) का सहारा लिया जा रहा है. जो देश ही नहीं बल्कि विश्व में पहला ऐसा मामला है.

ये भी पढ़ें: पंचायत चुनाव: भोजपुरी कलाकारों ने प्रत्याशी के लिए मांगा जनता से वोट, गाने से बांध दिया समां

बिहार के राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद (State Election Commissioner Deepak Prasad) ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि आयोग के स्तर पर तकनीकी नवप्रवर्तन में कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं. जैसे मतदान के समय में बोगस या फर्जी मतदान को रोकने के लिए मतदाताओं को बायोमेट्रिक सत्यापन से मतदान कराया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

डॉ. दीपक प्रसाद ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी मतगणना में ओसीआर यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन के द्वारा पदभार मतगणना के परिणाम को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के द्वारा कराया जा रहा है. इस प्रक्रिया के द्वारा मतगणना जैसे संवेदनशील कार्य को भी निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे कि आम जनमानस में आयोग के प्रति विश्वसनीयता में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही वैसे लोग जो मतगणना में गड़बड़ी का शिकायत करते हैं, इस ओसीआर टेक्नोलॉजी से उनको आयोग के स्तर पर दिखाया जा सकता है कि किस बूथ पर उनको कितना मत प्राप्त हुआ है.

ये भी पढ़ें: औरंगाबाद: चुनाव में हार के बाद महिला मुखिया प्रत्याशी ने किया हाई वोल्टेज ड्रामा

अगर बात की जाए तो चौथे चरण की मतगणना की तो 18 जिलों के 87 ग्राम पंचायत सदस्य पदों की मतगणना संपन्न हुई. वहीं, पांचवें चरण में ग्राम पंचायत सदस्य के साथ-साथ ग्राम पंचायत मुखिया पद की मतगणना भी ओसीआर तकनीक के माध्यम से संपन्न हुई है. पांचवें चरण की मतगणना में राज्य के 33 जिलों में ग्राम पंचायत सदस्य पद के कुल 1591 पदों की मतगणना ओसीआर तकनीक के माध्यम से संपन्न हुई है. ग्राम पंचायत सदस्य पद के शेष बचे अन्य पदों की मतगणना भी ओसीआर की जा रही है. पांचवें चरण की मतगणना में राज्य के 31 जिलों में ग्राम पंचायत मुखिया पद के कुल 1508 वादों की मतगणना इसी तकनीक के माध्यम से संपन्न हुई.

गौरतलब है कि विश्व में पहली बार चुनाव परिणाम ओसीआर यानी कि ऑप्टिकल कैरक्टर रिकॉग्निशन (Optical Character Recognition) के जरिए बिहार में जारी किया जा रहा है. आधुनिक ऑटो टेबुलेशन की मदद से बेहद कम समय में चुनाव परिणाम भी घोषणा हो रही है. इस तकनीक को और ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने को लेकर आयोग उत्साहित है. आने वाले दिनों में इसके जरिए बहुत जल्द चुनाव परिणाम की घोषणा हो जाएगी. इस तकनीक से जो मतगणना हो रही है, उसके सबूत भी उपलब्ध रहते हैं. ओसीआर तकनीक के माध्यम से मतगणना में गड़बड़ी की गुंजाइश ना के बराबर होती है.

पटना: बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव (Panchayat Election) को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) की तरफ से मतदान और मतगणना को निष्पक्ष तरीके से कराने को लेकर नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. देश में पहली बार पंचायत चुनाव में ईवीएम (EVM) और बायोमैट्रिक्स (Biometric) का प्रयोग किया जा रहा है. बायोमैट्रिक्स का प्रयोग करके बोगस वोटिंग (Bogus Voting) को रोकी जा रही है. इसके साथ ही मतगणना में ओसीआर टेक्नोलॉजी (OCR Technology) का सहारा लिया जा रहा है. जो देश ही नहीं बल्कि विश्व में पहला ऐसा मामला है.

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बिहार के राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद (State Election Commissioner Deepak Prasad) ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि आयोग के स्तर पर तकनीकी नवप्रवर्तन में कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं. जैसे मतदान के समय में बोगस या फर्जी मतदान को रोकने के लिए मतदाताओं को बायोमेट्रिक सत्यापन से मतदान कराया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

डॉ. दीपक प्रसाद ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी मतगणना में ओसीआर यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन के द्वारा पदभार मतगणना के परिणाम को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के द्वारा कराया जा रहा है. इस प्रक्रिया के द्वारा मतगणना जैसे संवेदनशील कार्य को भी निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे कि आम जनमानस में आयोग के प्रति विश्वसनीयता में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही वैसे लोग जो मतगणना में गड़बड़ी का शिकायत करते हैं, इस ओसीआर टेक्नोलॉजी से उनको आयोग के स्तर पर दिखाया जा सकता है कि किस बूथ पर उनको कितना मत प्राप्त हुआ है.

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अगर बात की जाए तो चौथे चरण की मतगणना की तो 18 जिलों के 87 ग्राम पंचायत सदस्य पदों की मतगणना संपन्न हुई. वहीं, पांचवें चरण में ग्राम पंचायत सदस्य के साथ-साथ ग्राम पंचायत मुखिया पद की मतगणना भी ओसीआर तकनीक के माध्यम से संपन्न हुई है. पांचवें चरण की मतगणना में राज्य के 33 जिलों में ग्राम पंचायत सदस्य पद के कुल 1591 पदों की मतगणना ओसीआर तकनीक के माध्यम से संपन्न हुई है. ग्राम पंचायत सदस्य पद के शेष बचे अन्य पदों की मतगणना भी ओसीआर की जा रही है. पांचवें चरण की मतगणना में राज्य के 31 जिलों में ग्राम पंचायत मुखिया पद के कुल 1508 वादों की मतगणना इसी तकनीक के माध्यम से संपन्न हुई.

गौरतलब है कि विश्व में पहली बार चुनाव परिणाम ओसीआर यानी कि ऑप्टिकल कैरक्टर रिकॉग्निशन (Optical Character Recognition) के जरिए बिहार में जारी किया जा रहा है. आधुनिक ऑटो टेबुलेशन की मदद से बेहद कम समय में चुनाव परिणाम भी घोषणा हो रही है. इस तकनीक को और ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने को लेकर आयोग उत्साहित है. आने वाले दिनों में इसके जरिए बहुत जल्द चुनाव परिणाम की घोषणा हो जाएगी. इस तकनीक से जो मतगणना हो रही है, उसके सबूत भी उपलब्ध रहते हैं. ओसीआर तकनीक के माध्यम से मतगणना में गड़बड़ी की गुंजाइश ना के बराबर होती है.

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