पटना: गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को विवादास्पद ट्वीट मामले (Controversial Tweet Of Gujarat MLA Jignesh Mevani) में असम पुलिस की ओर से गिरफ्तारी के तरीके पर पूरे देश में राजनीति गर्म है. मामले में बिहार के औरंगाबाद जिले के कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक राजेश राम ने जिग्नेश मेवाणी की गिराफ्तारी पर आपत्ति जताते हुए पूरी कार्रवाई की भर्त्सना की है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है.
मौलिक अधिकारों का हननः राजेश राम ने कहा कि आज देश के हालात को देखकर यही लग रहा है कि हम मुगल काल में हैं. जिग्नेश मेवाणी के ट्विट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. ट्विट के बारे में जानकारों का कहना है कि उसमें कोई भी आपत्तिजनक बात नहीं है. संविधान में सबको अभिव्यक्ति की आजादी मिली हुई है. बोलने के नाम पर दलित परिवार से आने वाले जिग्नेश को असम पुलिस की ओर से गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है. पूरी कार्रवाई मौलिक अधिकारों का हनन है. सभी लोगों को असम पुलिस की इस कार्रवाई की भर्त्सना करनी चाहिए.
लोकतंत्र खतरे में हैः कुटुंबा विधायक ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, ये कोई राजतंत्र नहीं है. लेकिन हाल की कई घटनाएं राजतंत्र को दर्शाता है. राजतंत्र में भी पूछा या जाना जाता है. इस तरह से जनप्रतिनिधि को अचानक गिरफ्तार किया जाता है, यह गलत है. वहीं लालू प्रसाद को बेल मिलने पर राजेश राम ने न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) को बेल मिलना अच्छी बात है. लालू प्रसाद दीर्घायु हों. देश में लोकतंत्र खतरे में है, लेकिन न्यायपालिका अभी भी जिंदा है. लालू प्रसाद को बेल मिलना न्यायपालिका का न्याय है.
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