पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सुरक्षा में एक बार फिर बड़ी चूक हुई है. आज मुख्यमंत्री का सुपौल जाने का कार्यक्रम था. इस दौरान पटना चिड़ियाघर के गेट नंबर दो के पास नीतीश कुमार के काफिले में दूसरा वाहन घुस (Vehicle entered in Nitish Convoy) गया. जिसके बाद थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मच गई. जिसके बाद फिर एक बार यह सवाल उठ गया है कि आखिर लगातार मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे में ऐसी चूक बार-बार क्यों हो रही है.
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बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुपौल कोसी नदी तटबंध का जायजा लेने जल संसाधन मंत्री और अधिकारी के साथ जा रहे थे. हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब सीएम नीतीश की सुरक्षा में चूक हुई हो. इससे पहले भी कई बार सुरक्षा में चूक का मामला सामने आ चुका है. इससे पहले उनके जनता दरबार में एक फरियादी ने उन पर चप्पल फेंक दी थी, तो दो साल पहले एक चुनावी कार्यक्रम में उनके ऊपर प्याज से लेकर पत्थर तक फेंके गए थे. आइये जानते है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कब-कब हमले हुए.
27 मार्च 2022 : बख्तियारपुर में एक युवक ने सुरक्षा घेरे में सेंध लगाते हुए नीतीश कुमार पर हमला कर दिया था. युवक ने उनको मुक्का भी मारा था. इसके बाद पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया है. हालांकि बाद में पता चला कि वो मानसिक रूप से विक्षिप्त है और पहले भी आत्महत्या के कई प्रयास कर चुका है. जिसके बाद युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के बाद उसे छोड़ दिया गया.
साल 2020, विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमला: जब बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान CM नीतीश कुमार मधुबनी के हरलाखी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. तभी कुछ लोगों ने उनपर प्याज और कंकड़-पत्थर से हमला किया. तब सिक्योरिटी गार्ड ने रोकने की कोशिश की, लेकिन नीतीश कुमार ने कहा कि फेंकने दो, जितना फेंकना है फेंकने दो. युवक शराबबंदी के बाद हो रही तस्करी का विरोध कर रहा था.
अक्टूबर 2018: राजधानी पटना के बापू सभागार में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक युवक ने चप्पल फेंकी थी. घटना के बाद सुरक्षाबलों ने मुख्यमंत्री को सुरक्षा घेरे में ले लिया और आरोपी युवक को पुलिस के हवाले कर दिया था. घटना से नाराज जोडीयू नेताओं ने युवक की जमकर पिटाई कर दी थी. उसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया था. बताया जाता है कि युवक ने आरक्षण का विरोध करते हुए नारेबाजी भी की थी और मुख्यमंत्री पर चप्पल फेंक कर अपना विरोध जताया था.
साल 2018, बक्सर में पत्थर से हमला: जब सीएम बक्सर जिले के नंदर इलाके में विकास यात्रा पर थे. इसी दौरान कुछ लोगों ने सीएम के काफिले पर पत्थर फेंके थे. हमले में नीतीश कुमार को तो बचा लिया गया था, लेकिन उनके कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. इस हमले में सीएम के काफिले में शामिल कारों के शीशे तोड़ दिए गए थे.
साल 2016, जनता दरबार: जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान भी एक युवक ने मुख्यमंत्री पर चप्पल चला दिया था. मुख्यमंत्री को चप्पल लगी भी थी. युवक मुख्यमंत्री के उस फैसले से नाराज था जिसमें दिन में धार्मिक कार्यों के लिए हवन पर सरकार ने रोक लगाया था. असल में अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया था और इसी फैसले से युवक नाराज था. मुख्यमंत्री ने युवक पर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश उस समय भी दिया था.
मई 2012: बक्सर में सीएम नीतीश कुमार पर हमले की घटना हुई थी. जब वे अपनी सेवा यात्रा के दौरान जिले के चौसा स्थित ऐतिहासिक स्थल का निरीक्षण कर लौट रहे थे. विकास कार्यक्रमों का जायजा लेने पहुंचे सीएम पर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर चौसा के समीप बिजली-पानी की समस्या को लेकर आक्रोशित लोगों ने हंगामा करते हुए काफिले में शामिल गाड़ियों पर हमला कर दिया था. इस घटना में हालांकि मुख्यमंत्री की गाड़ी को कोई नुकसान नहीं हुआ और वो बाल-बाल बच गए.
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इसके अलावा कई जगह मुख्यमंत्री को काला कपड़ा दिखाने की घटना भी हो चुकी है. इसको रोकने के लिए पुलिस की तरफ से हर बार बड़े पैमाने पर सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है. कई तरह की कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री के गृह नगर बख्तियारपुर में जिस प्रकार से घटना हुई है कहीं ना कहीं सुरक्षा में चूक साफ दिख रही है.
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