पटना: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah on CAA) के बयान के एक बार फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. विपक्षी पार्टियां इसको लेकर हमलावर हो गयी हैं. बिहार में आरजेडी और कांग्रेस सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर सवाल उठा रहे हैं. उनसे सफाई की मांग की जा रही है. इसी बीच सीएए को लेकर नीतीश कुमार ने कहा है कि इसे केंद्र सरकार को लागू करना है. कॉमन सिविल का कोड तो अलग चीज है.
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कॉमन सिविल कोड अलग बात: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार में लोगों की फरियाद सुनने के बाद मीडिया से भी बातचीत की. कॉमन सिविल कोड को लेकर पूछे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा यह अलग चीज है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए को लेकर बात कही है. यह तो केंद्र सरकार को करना है. हम लोगों की भी इच्छा है. अल्पसंख्यक को लेकर लागू होना चाहिए. इसके अलावा तो कोई खास बात है नहीं.
'कॉमन सिविल कोड की बात अलग है न. सीएए को लेकर कह रहे है कि कोरोना का दोर खत्म होने के बाद करेंगे. तीन देशों के जो लोग हैं, वहां के अल्पसंख्य, उसके लिए जो कानून बनाये हैं, उसको लागू करने की बात उन्होंने कही है. ये तो केंद्र सरकार को ही न देखना है. और तो कोई बात नहीं है उसमें. बाकी लोगों की भी इच्छा है, खासकर अल्पसंख्यकों की कि उनका भी होना चाहिए.'-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
लागू हो 2010 के बाद का प्रोविजन: वहीं, मुख्यमंत्री ने एनआरसी को लेकर कहा कि हम लोगों ने तो 2010 से पहले माता-पिता के बर्थ डे को लेकर केंद्र को चिट्ठी लिखकर अपनी बात कही थी. केंद्र को बताया था कि 2010 के बाद का जो प्रोविजन है, उसको लागू कीजिएगा. 2010 से पहले वाला लागू नहीं होना चाहिए. इसके अलावा कोई खास बात नहीं है.
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