पटना: बिहार विधानसभा की तारापुर (Tarapur) और कुशेश्वरस्थान (Kusheshwarsthan) में जदयू को मिली जीत से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की साख मजबूत हुई है और पार्टी नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास भी बढ़ा है. नीतीश कुमार ने सोशल इंजीनियरिंग का इस बार भी कमाल दिखाया है. लंबे अंतराल के बाद लालू प्रसाद यादव चुनाव में फिर से उनके सामने थे. जिन्हें उन्होंने फिर से पटखनी दी है.
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कुशेश्वरस्थान और तारापुर दोनों विधानसभा सीट 2020 में भी जदयू ने जीती थी. विधायकों के निधन के कारण सीट खाली हो गई थी. एक साल के अंदर फिर से चुनाव हुए, लेकिन जिस प्रकार से आरजेडी ने चुनौती चुनाव में दी थी, नीतीश कुमार ने उस चुनौती पर विजय पाई है और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा है, साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ा है. आरजेडी के खिलाफ कार्यकर्ता और अधिक हमलावर होंगे, यह साफ दिख रहा है. जदयू प्रवक्ताओं का कहना है कि नीतीश कुमार के न्याय के साथ विकास के प्रति लोगों ने एक बार फिर से भरोसा जताया है. इस जीत के बाद वो लालू परिवार पर भी तंज कसने से चुक नहीं रहे हैं.
बिहार विधानसभा में एनडीए के पास 125 विधायकों का बहुमत था. पहले से 2 विधायकों की जीत के साथ यह आंकड़ा 127 तक पहुंच गया है. साथ ही इस जीत के बाद नीतीश कुमार बिहार में अपनी राजनीतिक पारी और मजबूती से खेलेंगे, यह भी तय लग रहा है. इस चुनाव में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर सभी मंत्रियों और प्रदेश अध्यक्ष के साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को लगाया था. दोनों सीट पर नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी. जीत से बड़ी राहत मिली है. साथ ही बिहार में नीतीश कुमार की साख इस जीत के साथ और बढ़ी है.
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बता दें कि बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव (By-elections) में दोनों सीटों पर जेडीयू प्रत्याशी की जीत हुई है. जदयू प्रत्याशी ने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी आरजेडी उम्मीदवार को कुशेश्वरस्थान में 12698 मतों से हराया. तारापुर विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह ने 3821 मतों से आरजेडी प्रत्याशी अरुण कुमार साह को पराजित किया है.