पटना: प्रवासी मजदूरों को बेहतर व्यवस्था मुहैया कराने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है. खासकर मोकामा टाल क्षेत्र के घोसवरी प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय कुम्हरा क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों की हालत बेहद अफसोसजनक है. आरोप है कि पिछले चार दिनों से जानवरों की तरह व्यवहार किया जा रहा है.
सोशल-डिस्टेंसिंग की व्यवस्था तार-तार
दरअसल सेंटर में महज चार कमरे में पचास से अधिक प्रवासी मजदूरों को भेड़-बकरियों की तरह रखा गया है. इस दौरान सोशल-डिस्टेंसिंग की व्यवस्था को भी तार-तार कर दिया गया है. कुव्यवस्था का आलम यह है कि चार दिन में महज जैसे-तैसे साधारण भोजन के सहारे प्रवासी मजदूरों की जिंदगी कट रही है. इस क्वॉरेंटाइन सेंटर पर बिजली, पानी, शौचालय, सुरक्षा समेत तमाम मूल-भूत सुविधाओं के लिए प्रवासी मजदूरों को जूझना पड़ रहा है.
चार दिनों में क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं किया गया सैनेटाइज
यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि बीते चार दिनों में क्वॉरेंटाइन सेंटर को सैनेटाइज तक नहीं किया गया है. घोसवरी प्रखंड के अधिकारियों की घोर लापरवाही से कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार और आम लोगों की ये जंग लचर नजर आ रही है. अधिकारियों की इस हरकत से ग्रामीणों के साथ प्रवासी मजदूरों में भारी आक्रोश पनप रहा है.