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दूसरा चरण: आज से सीमांचल की जनता से 'आशीर्वाद' मांगेंगे चिराग पासवान

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Published : Jul 16, 2021, 5:55 AM IST

लोजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक दिवंगत नेता रामविलास पासवान की कर्मभूमि हाजीपुर से पिछले दिनों उनके पुत्र और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने अपनी आर्शीवाद यात्रा ( Chirag Paswan Ashirwad Yatra ) की शुरुआत की थी. शुक्रवार से चिराग आशीर्वाद यात्रा पार्ट 2 की शुरुआत करने जा रहे है. पढ़ें पूरी खबर

chirag paswan ashirwad yatra second phase
chirag paswan ashirwad yatra second phase

पटना: लोजपा चिराग पासवान गुट के अध्यक्ष चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) शुक्रवार से आशीर्वाद यात्रा ( Aashirvad Yatra ) के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे. लोजपा में पड़ी फूट के बाद चिराग पासवान आशीर्वाद यात्रा के जरिए बिहार की जनता का समर्थन जुटाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं.

आशीर्वाद यात्रा का पहला चरण 12 जुलाई तक था. लेकिन, यात्रा को बीच में ही छोड़कर चिराग पासवान शनिवार को अचानक दिल्ली लौट गए थे. अब उनकी आशीर्वाद यात्रा पार्ट-2 शुक्रवार यानी 16, 17 और 18 जुलाई को होगी. अब तक पटना समेत 5 जिलों में भीड़ जुटा चुके चिराग गुरुवार से कटिहार, अरिया और पूर्णिया में लोगों के बीच पहुंचेंगे और आशीर्वाद मांगेंगे.

ये भी पढे़ं-बेगूसराय पहुंची 'आशीर्वाद यात्रा', चिराग बोले- मेरी राजनीतिक हत्या का हर प्रयास किया गया

बता दें कि एलजेपी के दो गुटों में बट जाने के बाद लोक सभा स्पीकर ने चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता दे दी थी. उनके इसी फैसले को चिराग पासवान की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने चिराग की इस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया.

ये भी पढे़ं- चिराग ने हाजीपुर से शुरू की 'आशीर्वाद यात्रा', समर्थकों का उमड़ा जनसैलाब

हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि सदन के आंतरिक विवादों का निर्णय अध्यक्ष (स्पीकर) के पास होता है. याचिका को खारिज करते हुए, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, सदन के आंतरिक विवादों को तय करने का अधिकार अध्यक्ष के पास है.

याचिका में कहा गया था लोकसभा में अपने नेता का बदलाव पार्टी का विशेषाधिकार है और कहा गया कि लोकसभा के महासचिव की कार्रवाई सदन के नियमों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है.

ये भी पढ़ें- चिराग पासवान का बड़ा बयान, कहा- 'हमारे संपर्क में JDU के कई नेता, जल्द होगी NDA में बड़ी टूट'

बता दें कि कि जून के दूसरे सप्ताह में लोजपा में विवाद शुरू हो गया था. में कलह के बीच पिछले महीने चिराग को छोड़कर बाकी सभी सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। बैठक में हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुना गया था. इससूचना लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को दी गई थी. इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने पारस को मान्यता दे दी. फिर चिराग ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया था.

इधर, पारस लगातार अपने गुट को मजबूत करने में जुटे हैं. उन्होंने गुरुवार को बिहार सहित सात राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए हैं. समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज को बिहार का अध्यक्ष बनाया गया है. लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के असली राजनीतिक वारिस बताने वाले हाजीपुर से सांसद पारस द्वारा जारी सूची में प्रिंस राज को बिहार का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि विकास रंजन उर्फ पप्पू सिंह को झारखंड, ललित नारायण चौधरी को उत्तर प्रदेश तथा रवि गरुड़ को महाराष्ट्र का अध्यक्ष बनाया गया है.

पटना: लोजपा चिराग पासवान गुट के अध्यक्ष चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) शुक्रवार से आशीर्वाद यात्रा ( Aashirvad Yatra ) के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे. लोजपा में पड़ी फूट के बाद चिराग पासवान आशीर्वाद यात्रा के जरिए बिहार की जनता का समर्थन जुटाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं.

आशीर्वाद यात्रा का पहला चरण 12 जुलाई तक था. लेकिन, यात्रा को बीच में ही छोड़कर चिराग पासवान शनिवार को अचानक दिल्ली लौट गए थे. अब उनकी आशीर्वाद यात्रा पार्ट-2 शुक्रवार यानी 16, 17 और 18 जुलाई को होगी. अब तक पटना समेत 5 जिलों में भीड़ जुटा चुके चिराग गुरुवार से कटिहार, अरिया और पूर्णिया में लोगों के बीच पहुंचेंगे और आशीर्वाद मांगेंगे.

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बता दें कि एलजेपी के दो गुटों में बट जाने के बाद लोक सभा स्पीकर ने चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता दे दी थी. उनके इसी फैसले को चिराग पासवान की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने चिराग की इस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया.

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हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि सदन के आंतरिक विवादों का निर्णय अध्यक्ष (स्पीकर) के पास होता है. याचिका को खारिज करते हुए, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, सदन के आंतरिक विवादों को तय करने का अधिकार अध्यक्ष के पास है.

याचिका में कहा गया था लोकसभा में अपने नेता का बदलाव पार्टी का विशेषाधिकार है और कहा गया कि लोकसभा के महासचिव की कार्रवाई सदन के नियमों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है.

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बता दें कि कि जून के दूसरे सप्ताह में लोजपा में विवाद शुरू हो गया था. में कलह के बीच पिछले महीने चिराग को छोड़कर बाकी सभी सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। बैठक में हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुना गया था. इससूचना लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को दी गई थी. इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने पारस को मान्यता दे दी. फिर चिराग ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया था.

इधर, पारस लगातार अपने गुट को मजबूत करने में जुटे हैं. उन्होंने गुरुवार को बिहार सहित सात राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए हैं. समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज को बिहार का अध्यक्ष बनाया गया है. लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के असली राजनीतिक वारिस बताने वाले हाजीपुर से सांसद पारस द्वारा जारी सूची में प्रिंस राज को बिहार का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि विकास रंजन उर्फ पप्पू सिंह को झारखंड, ललित नारायण चौधरी को उत्तर प्रदेश तथा रवि गरुड़ को महाराष्ट्र का अध्यक्ष बनाया गया है.

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