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प्राथमिक शिक्षकों के लिए बड़ी राहत, अब सेंट्रलाइज किचन से लंच के वक्त मिलेगा बच्चों को गरमागरम खाना

बिहार में मिड डे मील (Mid Day Meal) के खाने में तरह-तरह की शिकायतें मिलना आम बात है. इसको लेकर हमेशा सरकार के लिए परेशानी खड़ी होती रही है. स्कूलों के शिक्षक भी सरकार से यह मांग करते हैं कि उन्हें मिड डे मील की जिम्मेदारी से अलग किया जाए. अब इसी दिशा में सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. जिसके तहत एक निजी संस्था को मिड-डे मील बनाने का जिम्मा दिया गया है. इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पटना जिले में शुरू किया जा रहा है.

Mid Day Meal
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Published : Sep 15, 2021, 7:23 PM IST

पटना: करीब डेढ़ साल से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से बंद पड़े स्कूलों में अब बच्चों की हंसती-खेलती आवाजें फिर से गूंजने लगी हैं. जब से स्कूल बच्चों की उपस्थिति से गुलजार हुए हैं, उसके बाद से ही सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की जरूरत महसूस की जा रही है. हालांकि महामारी के प्रकोप को देखते हुए स्कूलों में मिड डे मील (Mid Day Meal) फिलहाल बंद है. बच्चों के अभिभावकों को मिड डे मील के बदले चावल और अन्य सामानों के लिए राशि उनके बैंक अकाउंट में दी जा रही है. मिड डे मील को लेकर शिक्षकों और अभिभावकों की शिकायत के मद्देनजर अब सरकार ने एक निजी संस्था को जिम्मेदारी दी है कि वह एक सेंट्रलाइज किचन के जरिए स्कूलों में तय समय पर बच्चों को भोजन उपलब्ध कराए.

ये भी पढ़ें: 'हर योजना में भ्रष्टाचार की बू, चेहरा चमकाने के नाम पर करोड़ों झोंक रही सरकार'

अब एक साथ हजारों बच्चों के भोजन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सरकार ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को जिम्मा दिया है. पटना जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 406 स्कूलों के लिए दो जगहों पर किचन से भोजन तैयार कर उन्हें स्कूलों तक पहुंचाया जाएगा. पटना जिले के 406 स्कूलों के करीब 79,000 बच्चों के लिए मिड डे मील उपलब्ध होगा. इससे न सिर्फ शिक्षकों पर से मिड डे मील की जिम्मेदारी खत्म होगी, बल्कि बच्चों को गरमा-गरम खाना तय समय पर उपलब्ध हो जाएगा. स्कूलों में लंच के समय अक्षय पात्र फाउंडेशन और इस्कॉन अलग अलग गाड़ियों से खाना उपलब्ध कराएंगे. सरकार ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को सेन्ट्रलाइज किचन बनाने के लिए 6 महीने का वक्त दिया है.

इसके तहत एक रसोई दानापुर के बलदेवा हाई स्कूल में बनाई जाएगी, जबकि दूसरी पटना के इस्कॉन मंदिर में बनी हुई है. दानापुर के बलदेवा हाई स्कूल से 204 स्कूलों के 38000 बच्चों के लिए मिड डे मील तैयार होगा, जबकि इस्कॉन मंदिर में पटना सदर के 202 स्कूलों की 41000 बच्चों के लिए खाना तैयार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मिड डे मील के लिए क्यों जरूरी है तुरंत पर्याप्त धन मुहैया कराना

वर्तमान में कक्षा पहली से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मिड डे मील योजना चलाई जा रही है. पटना जिले में 3150 स्कूलों में मिड डे मील योजना चल रही है, जिसमें रसोइए द्वारा खाना तैयार किया जाता है. पटना में पायलट प्रोजेक्ट सफल होने पर बिहार में मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर जैसे बड़े जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी, मिड डे मील डायरेक्टर सतीश चंद्र झा ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर 6 महीने का वक्त सेंट्रलाइज किचन बनाने के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन को दिया गया है. उम्मीद है कि अगले सत्र से बच्चों को सेंट्रलाइज किचन के जरिए ही खाना सप्लाई की जाएगी.

पटना: करीब डेढ़ साल से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से बंद पड़े स्कूलों में अब बच्चों की हंसती-खेलती आवाजें फिर से गूंजने लगी हैं. जब से स्कूल बच्चों की उपस्थिति से गुलजार हुए हैं, उसके बाद से ही सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की जरूरत महसूस की जा रही है. हालांकि महामारी के प्रकोप को देखते हुए स्कूलों में मिड डे मील (Mid Day Meal) फिलहाल बंद है. बच्चों के अभिभावकों को मिड डे मील के बदले चावल और अन्य सामानों के लिए राशि उनके बैंक अकाउंट में दी जा रही है. मिड डे मील को लेकर शिक्षकों और अभिभावकों की शिकायत के मद्देनजर अब सरकार ने एक निजी संस्था को जिम्मेदारी दी है कि वह एक सेंट्रलाइज किचन के जरिए स्कूलों में तय समय पर बच्चों को भोजन उपलब्ध कराए.

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अब एक साथ हजारों बच्चों के भोजन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सरकार ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को जिम्मा दिया है. पटना जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 406 स्कूलों के लिए दो जगहों पर किचन से भोजन तैयार कर उन्हें स्कूलों तक पहुंचाया जाएगा. पटना जिले के 406 स्कूलों के करीब 79,000 बच्चों के लिए मिड डे मील उपलब्ध होगा. इससे न सिर्फ शिक्षकों पर से मिड डे मील की जिम्मेदारी खत्म होगी, बल्कि बच्चों को गरमा-गरम खाना तय समय पर उपलब्ध हो जाएगा. स्कूलों में लंच के समय अक्षय पात्र फाउंडेशन और इस्कॉन अलग अलग गाड़ियों से खाना उपलब्ध कराएंगे. सरकार ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को सेन्ट्रलाइज किचन बनाने के लिए 6 महीने का वक्त दिया है.

इसके तहत एक रसोई दानापुर के बलदेवा हाई स्कूल में बनाई जाएगी, जबकि दूसरी पटना के इस्कॉन मंदिर में बनी हुई है. दानापुर के बलदेवा हाई स्कूल से 204 स्कूलों के 38000 बच्चों के लिए मिड डे मील तैयार होगा, जबकि इस्कॉन मंदिर में पटना सदर के 202 स्कूलों की 41000 बच्चों के लिए खाना तैयार किया जाएगा.

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वर्तमान में कक्षा पहली से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मिड डे मील योजना चलाई जा रही है. पटना जिले में 3150 स्कूलों में मिड डे मील योजना चल रही है, जिसमें रसोइए द्वारा खाना तैयार किया जाता है. पटना में पायलट प्रोजेक्ट सफल होने पर बिहार में मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर जैसे बड़े जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी, मिड डे मील डायरेक्टर सतीश चंद्र झा ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर 6 महीने का वक्त सेंट्रलाइज किचन बनाने के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन को दिया गया है. उम्मीद है कि अगले सत्र से बच्चों को सेंट्रलाइज किचन के जरिए ही खाना सप्लाई की जाएगी.

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