पटना: हिंदू धर्म में शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्रि कहलाता है. वैसे तो साल में चार बार नवरात्रि आती है. लेकिन इनमें दो सबसे प्रमुख मानी जाती, जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्र है. इस बार 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है. चैत्र नवरात्र को लेकर क्या कुछ विशेष संयोग बन रहे हैं और मां दुर्गा किस वाहन पर चढ़कर धरती पर आएंगी. इसकी जानकारी देते हुए प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि इस वर्ष चैत्र नवरात्र 9 दिनों तक चलेगा, जिसकी शुरुआत 2 अप्रैल से हो रही है. इस साल मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर अवतरित होंगी.
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2 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत: ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि इस साल चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना का (Chaitra navratri kalash Sthapna Shubh Muhurt) शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. चैत्र नवरात्र करने वाले आराधक 2 अप्रैल को कलश को स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा शुरू करेंगे. इस समय कलश स्थापन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा कि चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शनिवार यानी 02 अप्रैल से हो रही है, जो रविवार 10 अप्रैल तक चलेगा. वहीं सोमवार 11 अप्रैल को चैत्र नवरात्र का दशमी है और उस दिन पारण किया जाएगा. हर साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. ऐसे में इस बार जहां प्रतिपदा तिथि शुक्रवार 01 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरू हो रही है जो 2 अप्रैल को 11:58 मिनट पर समाप्त होगी.
घोड़े पर सवार होकर आ रही है मां दुर्गा: ज्योतिषचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि इस साल मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर चैत्र नवरात्र के दौरान धरती पर अवतरित हो रही हैं. जो भक्तों के लिए सर्वोत्तम फलदायक है और भक्त चैत्र नवरात्र के 9 दिन मां दुर्गा की पूजा कर मां से अपने लिए मनवांछित मनोकामना की कामना कर सकते हैं. वहीं आचार्य ने कहा कि अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती तो मां का आगमन हाथी पर होता. उन्होंने बताया कि चैत्र नवरात्र में मां की नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. जो कलश स्थापन के दिन से शुरू होती है. इस बार तिथि की टूट नहीं है जिस वजह से 9 दिन तक मां के नौ रूपों की पूजा श्रद्धालु करेंगे. कई बार तिथि टूट होने के कारण दो तिथि एक ही दिन हो जाता है.
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दो अप्रैल को मां शैलपुत्री की पूजा: बता दें कि शनिवार 2 अप्रैल को घट स्थापना के साथ मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होगी. दूसरे दिन यानी 3 अप्रैल मां को ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा. 4 अप्रैल को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी. 5 अप्रैल को मां कुष्माण्डा, 6 अप्रैल को स्कंदमाता, 7 अप्रैल मां कात्यायनी की आराधना की जाएगी, 8 अप्रैल को मां कालरात्रि, 9 अप्रैल को मां महागौरी और 10 अप्रैल को मां सिद्धिदात्री की पूजा की होगी. 11 अप्रैल को दशमी नवरात्रि का पारण किया जाएगा. नवरात्रि के नौवें दिन कन्याकुमारी और एक भैरव बाबा को भोजन कराने से घर में सुख शांति समृद्धि की प्राप्ति होती है.
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