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देश के रिटेल व्यापार को चुस्त करने के लिए CAIT ने शुरू किया 'व्यापार स्वराज्य' अभियान - गांधी जयंती

कन्फेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT) बिहार समेत पूरे देश ने चीन पर भारत के व्यापार की निर्भरता को समाप्त करने और देश के रिटेल व्यापार को बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों और अन्य विदेशी कंपनियों के कुटिल चंगुल से छुड़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान  'व्यापार स्वराज्य' चलाने की घोषणा की है.

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Published : Oct 2, 2020, 5:49 PM IST

पटना. गांधी जयंती के मौके पर कन्फेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT) बिहार समेत पूरे देश ने चीन पर भारत के व्यापार की निर्भरता को समाप्त करने और देश के रिटेल व्यापार को बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों और अन्य विदेशी कंपनियों के कुटिल चंगुल से छुड़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान 'व्यापार स्वराज्य' चलाने की घोषणा की है.

यह अभियान 2 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को जमीनी स्तर तक सफल बनाने और ई-कॉमर्स सहित देश के घरेलू व्यापार को चीन सहित अन्य विदेशी कंपनियों के आक्रमण से मुक्त कराने के लिए देश के सभी राज्यों के शहरों, गांवों एवं कस्बों में करीब 40 हजार ज्यादा व्यापारिक संगठनों के माध्यम से चलाया जाएगा. इस व्यापार स्वराज्य अभियान के लिए कैट ने शुक्रवार को एक चार्टर भी जारी किया.

लड़ी जाएगी आर-पार की लड़ाई
कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि अब यह वालमार्ट और अमेजन सहित अन्य विदेशी कंपनियों के साथ भारत के 7 करोड़ व्यापारियों की आर-पार की लड़ाई है. एफडीआई पॉलिसी का सख्ती से पालन हो, उल्लंघन करने पर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो और किसी भी प्रकार की सरकार की ढुलमुल नीति को चुस्त दुरुस्त किया जाना अब समय की आवश्यकता है.

भारत के रिटेल व्यापार को विदेशी कंपनियां द्वारा उनकी मनमर्जी के कारण बर्बाद करने नहीं दिया जाएगा. भारत के व्यापार पर पहला हक भारतीय व्यापारियों का है और अब कैट के नेतृत्व में देश भर के व्यापारी अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे. अब या तो कानून के अंतर्गत यही कंपनियां व्यापार करे और यदि सरकार इन कंपनियों को फिर भी अनैतिक व्यापार करने का मौका देती है तो देश के व्यापारी अपना व्यापार बंद करेंगे.

राजस्व में होगी वृद्धि
उन्होंने कहा कि देश के व्यापारियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल से बहुत आशाएं है क्योंकि गत वर्षों में सरकार द्वारा व्यापारियों के हितों के संरक्षण के लिए अनेक कदम केंद्र सरकार ने उठाए हैं. यदि सरकार देश के घरेलू व्यापार को हर मायने में मजबूत करने के लिए तैयार है, तो देश के व्यापारियों की ओर से कैट उनको आश्वस्त करती है कि जीएसटी में पंजीकृत वर्तमान के लगभग 1.25 करोड़ व्यापारिक प्रतिष्ठानों की संख्या आगामी एक वर्ष में कम से कम 2 .5 करोड़ करेंगे, जिससे जहां एक तरफ सरकार को जीएसटी से प्राप्त राजस्व में वृद्धि होगी. वहीं दूसरी तरफ आयकर राजस्व में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी.

पटना. गांधी जयंती के मौके पर कन्फेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT) बिहार समेत पूरे देश ने चीन पर भारत के व्यापार की निर्भरता को समाप्त करने और देश के रिटेल व्यापार को बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों और अन्य विदेशी कंपनियों के कुटिल चंगुल से छुड़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान 'व्यापार स्वराज्य' चलाने की घोषणा की है.

यह अभियान 2 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को जमीनी स्तर तक सफल बनाने और ई-कॉमर्स सहित देश के घरेलू व्यापार को चीन सहित अन्य विदेशी कंपनियों के आक्रमण से मुक्त कराने के लिए देश के सभी राज्यों के शहरों, गांवों एवं कस्बों में करीब 40 हजार ज्यादा व्यापारिक संगठनों के माध्यम से चलाया जाएगा. इस व्यापार स्वराज्य अभियान के लिए कैट ने शुक्रवार को एक चार्टर भी जारी किया.

लड़ी जाएगी आर-पार की लड़ाई
कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि अब यह वालमार्ट और अमेजन सहित अन्य विदेशी कंपनियों के साथ भारत के 7 करोड़ व्यापारियों की आर-पार की लड़ाई है. एफडीआई पॉलिसी का सख्ती से पालन हो, उल्लंघन करने पर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो और किसी भी प्रकार की सरकार की ढुलमुल नीति को चुस्त दुरुस्त किया जाना अब समय की आवश्यकता है.

भारत के रिटेल व्यापार को विदेशी कंपनियां द्वारा उनकी मनमर्जी के कारण बर्बाद करने नहीं दिया जाएगा. भारत के व्यापार पर पहला हक भारतीय व्यापारियों का है और अब कैट के नेतृत्व में देश भर के व्यापारी अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे. अब या तो कानून के अंतर्गत यही कंपनियां व्यापार करे और यदि सरकार इन कंपनियों को फिर भी अनैतिक व्यापार करने का मौका देती है तो देश के व्यापारी अपना व्यापार बंद करेंगे.

राजस्व में होगी वृद्धि
उन्होंने कहा कि देश के व्यापारियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल से बहुत आशाएं है क्योंकि गत वर्षों में सरकार द्वारा व्यापारियों के हितों के संरक्षण के लिए अनेक कदम केंद्र सरकार ने उठाए हैं. यदि सरकार देश के घरेलू व्यापार को हर मायने में मजबूत करने के लिए तैयार है, तो देश के व्यापारियों की ओर से कैट उनको आश्वस्त करती है कि जीएसटी में पंजीकृत वर्तमान के लगभग 1.25 करोड़ व्यापारिक प्रतिष्ठानों की संख्या आगामी एक वर्ष में कम से कम 2 .5 करोड़ करेंगे, जिससे जहां एक तरफ सरकार को जीएसटी से प्राप्त राजस्व में वृद्धि होगी. वहीं दूसरी तरफ आयकर राजस्व में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी.

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