पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर आयोजित ब्राह्मण दलित एकता महाभोज (Brahmin Dalit Ekta Mahabhoj In patna) को लेकर ब्राह्मण संगठनों ने दावा किया है कि इसका पूरी तरह से ब्राह्मणों ने बहिष्कार किया है. परशुराम सेवा संस्थान के अध्यक्ष आशुतोष झा ने कहा कि उनकी पार्टी के तीन ही ब्राह्मण नेता सिर्फ शामिल हुए हैं. उनके सहयोगी दलों के कोई ब्राह्मण नेता और मंत्री, विधायकों ने इस भोज में (Brahmin Sangthan targets Jitan Ram Manjhi) शिरकत नहीं की.
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वहीं, भोज के आयोजन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कुछ भी बोलने से इनकार करते नजर आए. साथ ही उन्होंने मीडिया से यह भी कहा कि सब कुछ आप लोग ही करा रहे हैं. ब्राह्मण लोग बैठे हुए हैं. दलित भी साथ में हैं. सबको भोजन कराया है. वहीं, परशुराम सेवा संस्थान के अध्यक्ष आशुतोष झा का कहना है कि ब्राह्मण मांझी जी के आवास पर भोज में आये ही नहीं तो फिर मांझी जी किसे भोज खिलाने की बात कर रहे हैं वे सभी उनके पार्टी के हैं.
'मांझी जी के पार्टी में 50 से ज्यादा ब्राह्मण हैं. लेकिन सिर्फ तीन ब्राह्मण ही उस भोज में पहुंचे थे जो उनके पार्टी से जुड़े हुए हैं. बाकी जो उनके पार्टी से जुड़े हुए भी ब्राह्मण हैं. वह भी इस भोज में नहीं आए हैं. इससे ही अंदाजा लगा लीजिए कि किस तरह का भोज मांझी जी के आवास पर हुआ है. कितने ब्राह्मण वहां पहुंचे हैं. भोज तक सफल मानते जब उनके पार्टी से जुड़े सभी ब्राह्मण और एनडीए से जुड़े ब्राह्मण विधायक उनके भोज में शामिल होते लेकिन एनडीए से जुड़ा कोई भी विधायक भी उनके भोज में नजर नहीं आया.' :- आशुतोष झा, परशुराम सेवा संस्थान के अध्यक्ष
आशुषोत झा ने कहा कि निश्चित तौर पर मांझी जी ने जिस तरह का बयान दिया है. कहीं ना कहीं हम लोगों ने ब्राह्मणों से आह्वान किया था कि वह भोज में नहीं पहुंचे. बिहार के ब्राह्मण समाज के लोग पूरी तरह से इस भोज को नकार दिया है. साथ साथ उन्होंने कहा कि उनके पास 4 विधायक हैं. कहीं ना कहीं चुनाव के समय ब्राह्मणों ने भी उन्हें वोट दिया था. लेकिन अब अगला चुनाव जब भी होगा उनके पार्टी के लोगों को ब्राह्मण बिहार में वोट नहीं देंगे. यह बात हम डंके की चोट पर कह रहे हैं.
बता दें कि मांझी आवास पर आयोजित ब्राह्मण दलित एकता महाभोज (Brahmin Dalit Ekta Mahabhoj At Manjhi Residence) में काफी लोग शामिल हुए. इस भोज में दही-चूड़ा के साथ गया के तिलकुट की व्यवस्था की गई है. भोज के जरिए मांझी अपने द्वारा ब्राह्मणों पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद डैमेज कंट्रोल के रुप में देखा जा रहा है. इस भोज में सशर्त ब्राह्मणों और पंडितों को आमंत्रित किया गया था. जिसमें ये कहा गया था कि वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया, चोरी-डकैती नहीं की हो, वे इस भोज में शामिल होंगे.
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