पटना: बिहार में कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination In Bihar) अभियान में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बीते दिनों अरवल में राहुल गांधी और अमित शाह के नाम पर कोरोना जांच कर दी गई थी. अब वैक्सीनेशन में नया मामला सामने आया है. वैक्सीनेशन का नंबर बढ़ाने के इस खेल में बिहार में स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है. ताजा मामला नोएडा में रहने वाले बिहार के युवक अंकित का है.
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22 साल के अंकित कुमार बेतिया पश्चिमी चंपारण के पतीलार के रहने वाले हैं. वे नोएडा में एक कंपनी में काम करते हैं. अंकित ने कोविशिल्ड वैक्सीन का पहला डोज लिया और उस वक्त वे बिहार में थे. अब वे नोएडा चले गए हैं. 84 दिन बाद दूसरा डोज लगवाने के लिए गए तो उन्हें स्लॉट नहीं मिला. फिर अचानक 2 दिन बाद उनके मोबाइल पर मैसेज आ गया कि उन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज कंप्लीट कर लिया है. जबकि उन्होंने कोई दूसरा डोज लिया ही नहीं है.
मैसेज मिलने के बाद जब अंकित ने सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो चौंक गए. क्योंकि सर्टिफिकेट के अनुसार उन्हें दूसरा डोज अररिया के पैक टोला में दिया गया है. अंकित इस घटना से काफी परेशान हैं. कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की संभावना को देखते हुए वे दोनों डोज लेकर वैक्सीनेशन पूरा करना चाहते हैं. लेकिन दूसरा डोज उन्हें मिल नहीं पा रहा है.
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बताते चलें कि छपरा में कौशल्या देवी नाम के मृत महिला का कोरोना टीकाकरण कर दिया गया था. इन तमाम फर्जीवाड़े पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई है. स्वास्थ विभाग कुछ बोलने से भी परहेज कर रहा है. ऐसे में कोविन पोर्टल को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जो बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे, उस पर भी सवाल उठने लगे हैं. क्योंकि दावा किया गया था कि इस पोर्टल के बाद फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा. लेकिन फर्जीवाड़ा रुक नहीं रहा.
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