ETV Bharat / city

बाढ़ से बेपटरी से हुई जिंदगी, पुनपुन के 50 गांवों में नाव ही एकमात्र सहारा

पटना के पुनपुन प्रखंड में बाढ़ के चलते लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. लोगों के आने-जाने का नाव ही एक मात्र सहारा है. बाढ़ से पुनपुन प्रखंड के तकरीबन 50 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. हजारों एकड़ में लगी हुई फसल बर्बाद हो गई है. पढ़िए पूरी खबर

बाढ़ से बेपटरी हुई जिंदगी
बाढ़ से बेपटरी हुई जिंदगी
author img

By

Published : Aug 13, 2021, 6:02 PM IST

पटना: पुनपुन एवं दरघा नदी (Punpun and Dargha River) में आये बाढ़ (Flood In Bihar) के पानी से पुनपुन प्रखंड (Punpun Block) के तकरीबन 50 से अधिक गांव पूरी तरह से प्रभावित (Flood Effected Village) हो चुके हैं. मुख्य सड़क (Main Road) से सभी गांव का संपर्क टूट चुका है. आवागमन पूरी तरह बाधित है. सभी ग्रामीणों का अब आने-जाने का एक मात्र नाव (Boat) ही सहारा है.

ये भी पढ़ें- Bihar Flood: 'भूख से बिलख रहे हैं बच्चे, सरकार भोजन के बदले दे रही है आश्वासन'

पुनपुन एवं दरधा नदी में आयी बाढ़ से पुनपुन प्रखंड के तकरीबन 50 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. हजारों एकड़ में लगी हुई फसल बर्बाद हो गई है. वहीं सबसे बड़ी आफत यह है कि 50 से अधिक गांव का आवागमन बाधित हो चुका है. उन सबों के लिए आने-जाने का एकमात्र नाव ही एक सहारा बचा है.

देखे रिपोर्ट.

ग्रामीणों को मुख्य शहर में आने के लिए नाव ही एक सहारा है. लोग दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं. दर्जनों गांव के सैकड़ों कच्चे मकान टूट कर गिर चुके हैं. किसी तरह से पॉलिथीन टांग कर लोग रहने को विवश हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना पर मंडराया बाढ़ का खतरा
पुनपुन प्रखंड के लखना पूर्वी, लखनपार, सपहुआ, मुस्तफापुर, बेलदारीचक, मुसनापर सहित दर्जनों पंचायत के सैकड़ों गांव बाढ़ में पूरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन को त्राहिमाम संदेश भेजा है. वहीं स्थानीय विधायक गोपाल रविदास ने भी पत्र लिखकर सभी जगह पर सामुदायिक किचन एवं नाव की व्यवस्था कराने की मांग की है.

पुनपुन प्रखंड में आए बाढ़ के पानी से कई गांव के लिए एकमात्र नाव सहारा हो चुका है. नाव के सहारे लोगों की जिंदगी काट रही है. पुनपुन प्रखंड में सबसे ज्यादा फजलचक, फहीमचक, मुस्तफापुर, उड़ान टोला, सपहुआ गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. सरकार से सरकारी नाव एवं समुदायिक किचन की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- VIDEO: दियारा की महिलाएं गा रही 'शांत हो जाइं हे गंगा मइया...'

आपको बताते चलें कि गंगा नदी के किनारे बसे 12 जिलों के निचले हिस्सों में बाढ़ आई है. कई दियारा इलाके डूब चुके हैं. राजधानी पटना पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जानकारों का कहना है कि अगर कुछ घंटों की मूसलाधार बारिश भी होगी, तो पटना जलमग्न हो जाएगा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज भी कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का सड़क मार्ग से दौरा कर रहे हैं. इस दौरान वे पटना से सटे इलाकों में जाकर हालातों का जायजा ले रहे हैं.

ये भी पढ़ें- उफान पर गंगा नदी, जल संसाधन मंत्री ने कहा- अगले दो-तीन दिनों तक और भी अलर्ट रहने की जरूरत

बता दें कि 2 दिन पहले भी मुख्यमंत्री ने पटना जिले के साथ गंगा से सटे कई इलाकों का सड़क मार्ग से जायजा लिया था. सीएम ने पहले सड़क मार्ग से गंगा नदी के जलस्तर को देखा था उसके बाद हवाई सर्वेक्षण भी किया था. बताते चलें कि पिछले कई दिनों से गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

ये भी पढ़ें- पटना में लगातार बढ़ते गंगा के जलस्तर से सहमे लोग, प्रशासन की उड़ी नींद

ये भी पढ़ें- गंगा का रौद्र रूप, उफनाती नदी से पटना में बढ़ा बाढ़ का खतरा

पटना: पुनपुन एवं दरघा नदी (Punpun and Dargha River) में आये बाढ़ (Flood In Bihar) के पानी से पुनपुन प्रखंड (Punpun Block) के तकरीबन 50 से अधिक गांव पूरी तरह से प्रभावित (Flood Effected Village) हो चुके हैं. मुख्य सड़क (Main Road) से सभी गांव का संपर्क टूट चुका है. आवागमन पूरी तरह बाधित है. सभी ग्रामीणों का अब आने-जाने का एक मात्र नाव (Boat) ही सहारा है.

ये भी पढ़ें- Bihar Flood: 'भूख से बिलख रहे हैं बच्चे, सरकार भोजन के बदले दे रही है आश्वासन'

पुनपुन एवं दरधा नदी में आयी बाढ़ से पुनपुन प्रखंड के तकरीबन 50 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. हजारों एकड़ में लगी हुई फसल बर्बाद हो गई है. वहीं सबसे बड़ी आफत यह है कि 50 से अधिक गांव का आवागमन बाधित हो चुका है. उन सबों के लिए आने-जाने का एकमात्र नाव ही एक सहारा बचा है.

देखे रिपोर्ट.

ग्रामीणों को मुख्य शहर में आने के लिए नाव ही एक सहारा है. लोग दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं. दर्जनों गांव के सैकड़ों कच्चे मकान टूट कर गिर चुके हैं. किसी तरह से पॉलिथीन टांग कर लोग रहने को विवश हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना पर मंडराया बाढ़ का खतरा
पुनपुन प्रखंड के लखना पूर्वी, लखनपार, सपहुआ, मुस्तफापुर, बेलदारीचक, मुसनापर सहित दर्जनों पंचायत के सैकड़ों गांव बाढ़ में पूरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन को त्राहिमाम संदेश भेजा है. वहीं स्थानीय विधायक गोपाल रविदास ने भी पत्र लिखकर सभी जगह पर सामुदायिक किचन एवं नाव की व्यवस्था कराने की मांग की है.

पुनपुन प्रखंड में आए बाढ़ के पानी से कई गांव के लिए एकमात्र नाव सहारा हो चुका है. नाव के सहारे लोगों की जिंदगी काट रही है. पुनपुन प्रखंड में सबसे ज्यादा फजलचक, फहीमचक, मुस्तफापुर, उड़ान टोला, सपहुआ गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. सरकार से सरकारी नाव एवं समुदायिक किचन की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- VIDEO: दियारा की महिलाएं गा रही 'शांत हो जाइं हे गंगा मइया...'

आपको बताते चलें कि गंगा नदी के किनारे बसे 12 जिलों के निचले हिस्सों में बाढ़ आई है. कई दियारा इलाके डूब चुके हैं. राजधानी पटना पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जानकारों का कहना है कि अगर कुछ घंटों की मूसलाधार बारिश भी होगी, तो पटना जलमग्न हो जाएगा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज भी कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का सड़क मार्ग से दौरा कर रहे हैं. इस दौरान वे पटना से सटे इलाकों में जाकर हालातों का जायजा ले रहे हैं.

ये भी पढ़ें- उफान पर गंगा नदी, जल संसाधन मंत्री ने कहा- अगले दो-तीन दिनों तक और भी अलर्ट रहने की जरूरत

बता दें कि 2 दिन पहले भी मुख्यमंत्री ने पटना जिले के साथ गंगा से सटे कई इलाकों का सड़क मार्ग से जायजा लिया था. सीएम ने पहले सड़क मार्ग से गंगा नदी के जलस्तर को देखा था उसके बाद हवाई सर्वेक्षण भी किया था. बताते चलें कि पिछले कई दिनों से गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

ये भी पढ़ें- पटना में लगातार बढ़ते गंगा के जलस्तर से सहमे लोग, प्रशासन की उड़ी नींद

ये भी पढ़ें- गंगा का रौद्र रूप, उफनाती नदी से पटना में बढ़ा बाढ़ का खतरा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.