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'किसी के बहकावे में ब्राह्मणों को अपशब्द कह रहे हैं जीतन राम मांझी'

बिहार भाजपा ने ब्राह्मणों पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के विवादास्पद बयान ( Jitan Ram Manjhi Controversial Statement) की निंदा की है. लगातार बयानबाजी से पार्टी असहज महसूस कर रही है. ऐसे में बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि मांझी के किसी बहकावे में ऐसा बयान दे रहे हैं. पढ़े पूरी खबर...

किसी के बहकावे में ब्राह्मणों को अपशब्द कह रहे हैं जीतन राम मांझी
किसी के बहकावे में ब्राह्मणों को अपशब्द कह रहे हैं जीतन राम मांझी
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Published : Dec 25, 2021, 7:32 PM IST

पटना : जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi Abusing Brahmins) के ब्राह्मणों पर दिये गये विवादास्पद बयान को लेकर सूबे की सियासत गरमायी हुई है. यह मामला धीरे-धीरे ज्यादा ही गरमाता दिख रहा है. ब्राह्मणों को लेकर पहले तो आपत्तिजनक बयान से एनडीए के शीर्ष नेताओं को मुश्किल में डाल दिया है. खासकर भाजपा खेमे में बेचैनी ज्यादा है. ऐसे में भाजपा ने आरोप लगाया है कि मांझी किसी के इशारे पर बयानबाजी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : भोज से ब्राह्मण होंगे खुश? पहले खुले मंच से दी गाली.. अब पंडितों को खाना खिलाएंगे मांझी
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि, हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी खुद बयान नहीं दे रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि किसी के बहकावे में आकर ब्राह्मणों को लेकर गलत टिप्पणी कर रहे हैं. पार्टी की वैसे लोगों पर पैनी नजर है, जल्द ही ऐसे लोग बेनकाब किये जाएंगे. उत्तर प्रदेश चुनाव पर किये गये सवाल उन्होंने कहा कि, हर हाल में वहां भाजपा की सरकार बनेगी और किसी का षड्यंत्र काम आने वाली नहीं है.

देखें वीडियो

बता दें कि, मांझी ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के लोगों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही उनके बयान का विरोध हो रहा है. बाद में हालांकि मांझी ने माफी मांगते हुए कहा कि, वे ब्राह्मण के खिलाफ नहीं, ब्राह्मणवाद के खिलाफ है. उन्होंने कहा, 'हम अपने समाज के लिए '@#&^%$' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं.'

यह भी पढ़ें- मांझी आवास के बाहर ब्राह्मणों ने की सत्यनारायण कथा, कहा- 'भगवान उनको जल्द सद्बुद्धि दें'

वहीं, जब मामला तूल पकड़ने लगा तो जीतन राम मांझी डैमेज कंट्रोल में जुट गये हैं. जिसके बाद उन्होंने ने ऐलान किया कि, 27 दिसम्बर को ब्राह्मण-पंडितों को भोज कराएंगें. बताया जा रहा है कि, मांझी ने वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया, चोरी-डकैती नहीं की है, उनको भोज का निमंत्रण दिया है. हालांकि ब्रह्मण संगठनों उनके भोज के शर्त को लेकर फिर नाराज हो गये हैं. आयोजन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

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पटना : जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi Abusing Brahmins) के ब्राह्मणों पर दिये गये विवादास्पद बयान को लेकर सूबे की सियासत गरमायी हुई है. यह मामला धीरे-धीरे ज्यादा ही गरमाता दिख रहा है. ब्राह्मणों को लेकर पहले तो आपत्तिजनक बयान से एनडीए के शीर्ष नेताओं को मुश्किल में डाल दिया है. खासकर भाजपा खेमे में बेचैनी ज्यादा है. ऐसे में भाजपा ने आरोप लगाया है कि मांझी किसी के इशारे पर बयानबाजी कर रहे हैं.

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भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि, हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी खुद बयान नहीं दे रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि किसी के बहकावे में आकर ब्राह्मणों को लेकर गलत टिप्पणी कर रहे हैं. पार्टी की वैसे लोगों पर पैनी नजर है, जल्द ही ऐसे लोग बेनकाब किये जाएंगे. उत्तर प्रदेश चुनाव पर किये गये सवाल उन्होंने कहा कि, हर हाल में वहां भाजपा की सरकार बनेगी और किसी का षड्यंत्र काम आने वाली नहीं है.

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बता दें कि, मांझी ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के लोगों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही उनके बयान का विरोध हो रहा है. बाद में हालांकि मांझी ने माफी मांगते हुए कहा कि, वे ब्राह्मण के खिलाफ नहीं, ब्राह्मणवाद के खिलाफ है. उन्होंने कहा, 'हम अपने समाज के लिए '@#&^%$' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं.'

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वहीं, जब मामला तूल पकड़ने लगा तो जीतन राम मांझी डैमेज कंट्रोल में जुट गये हैं. जिसके बाद उन्होंने ने ऐलान किया कि, 27 दिसम्बर को ब्राह्मण-पंडितों को भोज कराएंगें. बताया जा रहा है कि, मांझी ने वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया, चोरी-डकैती नहीं की है, उनको भोज का निमंत्रण दिया है. हालांकि ब्रह्मण संगठनों उनके भोज के शर्त को लेकर फिर नाराज हो गये हैं. आयोजन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

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