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3 शहरी सीटों पर JDU का दावा बरकरार, BJP के खाते में दीघा विधानसभा सीट - सीट को लेकर बीजेपी और जेडीयू में विवाद

चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद सीटों पर दावेदारी तेज हो गई है. सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. जिस कारण दलों में खींचतान मची हुई है.

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Published : Sep 29, 2020, 7:29 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर मंथन का दौर जारी है. जदयू इस बार शहरी सीटों पर भी अपना दबदबा बनाना चाहती है. पार्टी की नजर वैसे सीटों पर है जो जिले का मुख्यालय है. भाजपा उसे अपना पारंपरिक सीट मानती है. शाहाबाद क्षेत्र के 3 विधानसभा सीटों पर जदयू की नजर है. इधर भाजपा अपने पारंपरिक सीट छोड़ने को तैयार नहीं है.

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के लिए जदयू बक्सर विधान सभा सीटt पर ठोक रही है. दावा जदयू के नगर शाहाबाद क्षेत्र के तीन शहरी सीटों पर है. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अपने गृह क्षेत्र बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. वे जदयू में शामिल हो चुके हैं और नीतीश कुमार बक्सर विधान सभा सीट पर गुप्तेश्वर पांडे को लड़ाना चाहते हैं.

बीजेपी-जेडीयू में खींचतान!
बता दें कि बक्सर विधानसभा से भाजपा का पारंपरिक सीट है. लंबे समय से भाजपा वहां से जीतती आ रही है. गुप्तेश्वर पांडे के जदयू में शामिल होने से बक्सर विधानसभा सीट पर पेच फंस गया है. इधर भाजपा से प्रदीप दुबे पिछली बार चुनाव लड़े थे और वह दो-दो हाथ के लिए तैयार हैं. इधर भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी ने भी दावा ठोक रखा है. सासाराम विधानसभा सीट को लेकर भी जदयू और भाजपा के बीच खींचतान है. सासाराम के वर्तमान विधायक अशोक कुशवाहा पिछली बार राजद के टिकट पर चुनाव जीते थे. लेकिन इस बार वह जदयू में शामिल हो चुके हैं. जदयू अशोक कुशवाहा के लिए आसाराम विधानसभा सीट जाती है. लेकिन भाजपा के जवाहर प्रसाद वहां लंबे समय से चुनाव जीत रहे हैं और इस बार भी उनका दावा बरकरार है. भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया भी सासाराम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा दिल्ली की राजनीति में दखल रखने वाले विनीत सिंह ने भी सासाराम के लिए दावा ठोक रखा है.

आरा विधानसभा सीट को लेकर संघर्ष जारी
वहीं, आरा विधानसभा सीट को लेकर संघर्ष जारी बरकरार है. आरा विधानसभा सीट पर हम पार्टी ने दावा ठोक रखा है. जीतन राम मांझी लगातार आरा विधानसभा सीट को लेकर अड़े हैं. वे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान को लड़ाना चाहते हैं. आरा विधानसभा सीट से भाजपा नेता और पार्टी के प्रवक्ता संजय टाइगर चुनाव लड़ना चाहते हैं. संजय टाइगर के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह ने भी दावा ठोक रखा है. आरा सीट भी भाजपा के लिए पारंपरिक सीट है. इन सबके बीच सीएम नीतीश कुमार ने पटना के दीघा विधानसभा सीट पर अपना दावा छोड़ दिया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने नीतीश कुमार से मुलाकात की और माना जा रहा है कि मुलाकात के बाद दीघा विधानसभा सीट को लेकर संशय की स्थिति खत्म हो गई. गंगा प्रसाद चौरसिया के पुत्र और विधायक संजीव चौरसिया दीघा विधानसभा सीट से इस बार भी चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि जदयू दीघा विधानसभा सीट पर कई बार अपने उम्मीदवार उतार चुकी है और इस बार भी पार्टी नेता रणवीर नंदन दीघा विधानसभा सीट पर दावा कर रहे थे.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर मंथन का दौर जारी है. जदयू इस बार शहरी सीटों पर भी अपना दबदबा बनाना चाहती है. पार्टी की नजर वैसे सीटों पर है जो जिले का मुख्यालय है. भाजपा उसे अपना पारंपरिक सीट मानती है. शाहाबाद क्षेत्र के 3 विधानसभा सीटों पर जदयू की नजर है. इधर भाजपा अपने पारंपरिक सीट छोड़ने को तैयार नहीं है.

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के लिए जदयू बक्सर विधान सभा सीटt पर ठोक रही है. दावा जदयू के नगर शाहाबाद क्षेत्र के तीन शहरी सीटों पर है. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अपने गृह क्षेत्र बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. वे जदयू में शामिल हो चुके हैं और नीतीश कुमार बक्सर विधान सभा सीट पर गुप्तेश्वर पांडे को लड़ाना चाहते हैं.

बीजेपी-जेडीयू में खींचतान!
बता दें कि बक्सर विधानसभा से भाजपा का पारंपरिक सीट है. लंबे समय से भाजपा वहां से जीतती आ रही है. गुप्तेश्वर पांडे के जदयू में शामिल होने से बक्सर विधानसभा सीट पर पेच फंस गया है. इधर भाजपा से प्रदीप दुबे पिछली बार चुनाव लड़े थे और वह दो-दो हाथ के लिए तैयार हैं. इधर भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी ने भी दावा ठोक रखा है. सासाराम विधानसभा सीट को लेकर भी जदयू और भाजपा के बीच खींचतान है. सासाराम के वर्तमान विधायक अशोक कुशवाहा पिछली बार राजद के टिकट पर चुनाव जीते थे. लेकिन इस बार वह जदयू में शामिल हो चुके हैं. जदयू अशोक कुशवाहा के लिए आसाराम विधानसभा सीट जाती है. लेकिन भाजपा के जवाहर प्रसाद वहां लंबे समय से चुनाव जीत रहे हैं और इस बार भी उनका दावा बरकरार है. भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया भी सासाराम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा दिल्ली की राजनीति में दखल रखने वाले विनीत सिंह ने भी सासाराम के लिए दावा ठोक रखा है.

आरा विधानसभा सीट को लेकर संघर्ष जारी
वहीं, आरा विधानसभा सीट को लेकर संघर्ष जारी बरकरार है. आरा विधानसभा सीट पर हम पार्टी ने दावा ठोक रखा है. जीतन राम मांझी लगातार आरा विधानसभा सीट को लेकर अड़े हैं. वे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान को लड़ाना चाहते हैं. आरा विधानसभा सीट से भाजपा नेता और पार्टी के प्रवक्ता संजय टाइगर चुनाव लड़ना चाहते हैं. संजय टाइगर के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह ने भी दावा ठोक रखा है. आरा सीट भी भाजपा के लिए पारंपरिक सीट है. इन सबके बीच सीएम नीतीश कुमार ने पटना के दीघा विधानसभा सीट पर अपना दावा छोड़ दिया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने नीतीश कुमार से मुलाकात की और माना जा रहा है कि मुलाकात के बाद दीघा विधानसभा सीट को लेकर संशय की स्थिति खत्म हो गई. गंगा प्रसाद चौरसिया के पुत्र और विधायक संजीव चौरसिया दीघा विधानसभा सीट से इस बार भी चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि जदयू दीघा विधानसभा सीट पर कई बार अपने उम्मीदवार उतार चुकी है और इस बार भी पार्टी नेता रणवीर नंदन दीघा विधानसभा सीट पर दावा कर रहे थे.

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